1 00:00:07,341 --> 00:00:09,841 पृथ्वी ग्रह इतना शानदार है 2 00:00:10,636 --> 00:00:13,676 कि जीवन की छोटी-छोटी चीज़ों पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता। 3 00:00:15,766 --> 00:00:17,636 पर थोड़ा पास से देखो... 4 00:00:18,143 --> 00:00:20,563 तो एक पूर्णतया अज्ञात दुनिया नज़र आएगी। 5 00:00:22,648 --> 00:00:24,978 ऐसी दुनिया जहाँ नन्हे नायकों... 6 00:00:26,485 --> 00:00:27,815 और छोटे विलक्षण प्राणियों को... 7 00:00:29,029 --> 00:00:31,409 बड़ी-बड़ी बाधाओं के विरुद्ध जीतने के लिए... 8 00:00:34,618 --> 00:00:40,038 असाधारण महाशक्तियों की आवश्यकता होती है। 9 00:00:43,293 --> 00:00:48,843 टाइनी वर्ल्ड 10 00:00:55,347 --> 00:00:56,887 ज़िंदगी बहुत तेज़ चलती है। 11 00:00:56,974 --> 00:00:58,104 वर्णनकर्ता पॉल रुड 12 00:00:58,183 --> 00:00:59,813 ख़ास तौर पर जब तुम छोटे हो। 13 00:01:03,105 --> 00:01:05,515 यह नन्हा गिलहरी मुश्किल से महीने भर का है। 14 00:01:06,775 --> 00:01:09,065 पर यह सौभाग्यशाली होगा अगर एक साल से ज़्यादा जी जाए। 15 00:01:12,865 --> 00:01:14,905 देखने के लिए कितना कुछ है। 16 00:01:16,869 --> 00:01:18,289 और समय बहुत कम है। 17 00:01:23,292 --> 00:01:26,922 उत्तरी अमरीकी जंगल के उसके हिस्से में जीवन की कोपलें फूटने वाली हैं। 18 00:01:31,258 --> 00:01:32,888 नन्हे प्राणियों... 19 00:01:33,635 --> 00:01:35,465 और बड़े अवसरों के साथ। 20 00:01:45,731 --> 00:01:49,941 पर नन्ही ज़िंदगियाँ पलक झपकते ही समाप्त हो सकती हैं। 21 00:02:05,751 --> 00:02:06,961 खड़े रहने का कोई समय नहीं है। 22 00:02:18,639 --> 00:02:19,719 तेज़ चलो। 23 00:02:27,064 --> 00:02:28,074 जल्दी सीखो। 24 00:02:32,402 --> 00:02:34,912 और शायद तुम पूरा साल जीवित रह पाओ। 25 00:02:42,371 --> 00:02:46,581 वनप्रदेश 26 00:02:55,092 --> 00:02:56,302 वसंत ऋतु की शुरुआत। 27 00:02:58,262 --> 00:03:00,352 और एप्लेशियन पर्वतश्रृंखला के जंगलों में 28 00:03:00,430 --> 00:03:02,060 अभी बहार आनी शुरू ही हुई है। 29 00:03:11,567 --> 00:03:13,607 यहाँ इतना खाना उपलब्ध है, 30 00:03:13,694 --> 00:03:17,414 कि एक छोटी गिलहरी को अपने लिए केवल आधा एकड़ धरती चाहिए। 31 00:03:28,584 --> 00:03:30,254 काष्ठफल ख़ासतौर पर बहुत हैं। 32 00:03:34,298 --> 00:03:36,928 यही है वह मुद्रा जिसके बल पर यह नन्ही दुनिया चलती है। 33 00:03:39,928 --> 00:03:44,138 और पतझड़ के मौसम में, जब ये पककर नीचे गिरेंगे तो उसे आराम से खाना मिलेगा। 34 00:03:48,478 --> 00:03:50,898 पर उससे पहले, उसे बहुत चीज़ों का सामना करना है। 35 00:03:59,740 --> 00:04:02,410 एक उम्र में उससे बड़ा, ज़्यादा ताकतवर नर यहाँ पहले से रहता है। 36 00:04:06,955 --> 00:04:08,785 अगर नन्ही गिलहरी को जीवित रहना है, 37 00:04:09,249 --> 00:04:12,249 तो किसी दिन जल्दी ही उसे अपने लिए मुकाबला करना होगा। 38 00:04:15,088 --> 00:04:16,628 पर लड़ाई करना ख़तरनाक है। 39 00:04:18,841 --> 00:04:21,851 मौसम के शुरू में ही घायल हो जाना उसके लिए ठीक नहीं होगा। 40 00:04:49,790 --> 00:04:51,500 उसे बिना किसी का ध्यान आकर्षित किए रहना होगा... 41 00:04:52,292 --> 00:04:54,092 छिटपुट खाने की चीज़ों से गुज़ारा करना होगा... 42 00:04:58,131 --> 00:05:00,181 जब तक वह मुकाबला करने लायक़ बड़ा नहीं हो जाता। 43 00:05:06,849 --> 00:05:10,059 ज़्यादातर जानवरों के लिए, बसंत ऋतु बाहर निकलकर खाना शुरू करने का समय है। 44 00:05:14,147 --> 00:05:17,857 नन्हे जानवरों का मेटाबोलिज़्म तेज़ होता है तो उन्हें ज़्यादा बार खाना पड़ता है। 45 00:05:20,988 --> 00:05:22,818 केटरपिलर बहुत भूखे हैं... 46 00:05:23,949 --> 00:05:25,909 और पक्षी भी। 47 00:05:32,583 --> 00:05:36,003 सैपसकर हज़ारों गड्ढे खोदते हैं ताकि पेड़ों के बढ़ते हुए रस तक पहुँच सकें। 48 00:05:39,423 --> 00:05:42,633 और अखरोट के माप के हम्मिंगबर्ड इसका पूरा फ़ायदा उठाते हैं। 49 00:05:48,473 --> 00:05:52,273 यहाँ पहुँचने के लिए वे लगभग 5000 किलोमीटर उड़ कर आते हैं। 50 00:05:54,438 --> 00:05:57,648 और इस मौसमी मीठे भोजन का लुत्फ़ उठाने बिल्कुल सही समय पर पहुँचते हैं। 51 00:06:08,702 --> 00:06:10,912 जहाँ जंगल के ज़्यादातर प्राणी अत्यधिक सक्रिय हैं... 52 00:06:12,539 --> 00:06:15,169 वहीं एक निवासी अभी भी गहरी नींद में है। 53 00:06:22,966 --> 00:06:25,586 अंडे के कप से भी छोटी जगह में सिकुड़ी पड़ी, 54 00:06:26,053 --> 00:06:29,683 एक जंपिंग चूहिया आठ महीने से सुप्तावस्ता में है। 55 00:06:35,354 --> 00:06:37,564 अब, ख़तरा हो गया है कि वह कभी जागेगी ही नहीं। 56 00:06:44,530 --> 00:06:46,990 ज़्यादा दिनों तक सोई तो वह भूखी मर जाएगी। 57 00:06:49,535 --> 00:06:51,655 दो-तिहाई चूहों के साथ ऐसा ही होता है। 58 00:06:58,001 --> 00:07:01,171 दूसरी ओर, इसके पड़ोसी कभी आराम नहीं करते। 59 00:07:04,383 --> 00:07:06,843 उन्हें हज़ारों नन्हे मुँहों को खाना देना है। 60 00:07:15,102 --> 00:07:17,522 सभी चींटियों की तरह, यह बहुत मेहनती हैं। 61 00:07:18,105 --> 00:07:20,935 पर इन्हें ख़ास बनाती है, इनके रहने की जगह। 62 00:07:26,780 --> 00:07:29,990 रेत के कण के माप जितने, ये इतने छोटे हैं, 63 00:07:30,075 --> 00:07:34,495 कि इनका पूरा समुदाय एक बलूत के फल के भीतर समा जाता है। 64 00:07:46,633 --> 00:07:48,473 यह सर्वोत्तम सुरक्षित रहने की जगह लगती है। 65 00:07:51,054 --> 00:07:55,274 पर शायद किसी और के खाने में अपना घर बनाना इतना बढ़िया विचार नहीं है। 66 00:08:01,315 --> 00:08:03,145 इस जंगल में दैत्य घूमते हैं। 67 00:08:23,128 --> 00:08:24,338 जंगली टर्की। 68 00:08:25,923 --> 00:08:28,593 अपने खाने को सुरक्षित कर कुछ कस के पकड़ कर खुद को बचाना होगा। 69 00:08:33,931 --> 00:08:35,721 यह सफ़र मुश्किल हो सकता है। 70 00:08:44,358 --> 00:08:46,608 कम से कम बलूत के फल मज़बूत घर बनते हैं। 71 00:08:47,402 --> 00:08:49,702 और यह लुढ़क सकते हैं। 72 00:09:06,713 --> 00:09:08,923 जंगल में गर्मियाँ जल्दी आती हैं। 73 00:09:11,051 --> 00:09:12,681 यह हरा-भरा और समृद्ध लग रहा है। 74 00:09:18,225 --> 00:09:21,645 पर तब भी, नन्ही गिलहरी का गुज़ारा मुश्किल से हो रहा है। 75 00:09:25,399 --> 00:09:27,029 बलूत के फल अभी भी पके नहीं हैं। 76 00:09:34,032 --> 00:09:36,162 और अपना कोई इलाका ना होने के कारण 77 00:09:36,660 --> 00:09:39,290 उसे बड़े नर के इलाके में भोजन खोजना पड़ता है। 78 00:09:44,459 --> 00:09:46,089 अभी भी वह लड़ाई के लिए तैयार नहीं है। 79 00:09:51,383 --> 00:09:52,633 उसे थोड़ा और फूलना होगा। 80 00:10:02,394 --> 00:10:06,234 बेहद निराशा के समय, गिलहरियाँ कुछ भी खाने की कोशिश करती हैं। 81 00:10:09,443 --> 00:10:11,033 यहाँ तक कि घोंघा भी। 82 00:10:20,329 --> 00:10:21,539 या शायद नहीं। 83 00:10:23,540 --> 00:10:24,710 पर यहाँ देर तक ठहर नहीं सकते। 84 00:10:28,420 --> 00:10:30,630 ऊपर एक जानलेवा ख़तरा मंडरा रहा है। 85 00:10:35,344 --> 00:10:37,184 और जल्दी ही एक ख़तरा और होगा। 86 00:10:49,274 --> 00:10:52,494 अभी के लिए, यह बाज़ का बच्चा खड़ा भी मुश्किल से हो पा रहा है... 87 00:10:53,529 --> 00:10:54,739 उड़ने की तो बात ही छोड़ो। 88 00:10:59,576 --> 00:11:02,076 उसके गिलहरियों का शिकार करने में अभी कुछ समय बाकी है। 89 00:11:09,127 --> 00:11:12,207 उधर नीचे, कोई अजीब चीज़ जन्म ले रही है। 90 00:11:24,893 --> 00:11:26,733 दो साल तक, कीटडिंभ के रूप में रहने के बाद, 91 00:11:27,396 --> 00:11:31,396 एक गोल्फ़ की गेंद के माप का हरक्यूलिस बीटल प्रकट हो रहा है। 92 00:11:43,579 --> 00:11:44,789 उसे बहुत जल्दी है... 93 00:11:46,707 --> 00:11:49,707 स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने की ताकि उसे कोई साथी मिल जाए। 94 00:11:56,383 --> 00:11:57,473 पर चलना क्यों है... 95 00:11:59,761 --> 00:12:00,971 जब तुम उड़ सकते हो? 96 00:12:31,210 --> 00:12:33,340 संसार के सबसे भारी कीटों में से एक, 97 00:12:33,962 --> 00:12:36,382 इसके पंखों की मांस-पेशियों को मज़बूत बनना होगा, 98 00:12:36,465 --> 00:12:38,045 इससे पहले कि यह उड़ना शुरू करे। 99 00:12:41,762 --> 00:12:43,392 अभी के लिए, चलना अधिक सही रहेगा। 100 00:12:46,308 --> 00:12:50,728 पर यह इतना कठिन काम भी एकॉर्न वीविल के काम के आगे सरल लगता है। 101 00:12:51,897 --> 00:12:53,817 एकॉर्न वीविल उसके माप का सौंवा हिस्सा ही है, 102 00:12:54,733 --> 00:12:57,693 पर इसे उससे हज़ार गुना आगे जाना है। 103 00:13:09,039 --> 00:13:10,419 उसे एक महान यात्रा करनी है... 104 00:13:14,294 --> 00:13:16,134 जंगल की पत्तों की छतरी में पहुँचने के लिए। 105 00:13:32,354 --> 00:13:34,864 यह सब अमूल्य बलूत के फलों की तलाश में। 106 00:13:36,316 --> 00:13:37,726 ये अभी पके नहीं हैं। 107 00:13:40,612 --> 00:13:42,242 पर इसे वे खाने नहीं हैं। 108 00:13:45,659 --> 00:13:46,869 ये उसके बच्चों के लिए हैं। 109 00:13:56,336 --> 00:13:58,666 ये उनमें छेद तभी तक कर सकती है जब तक ये हरे हैं। 110 00:14:06,138 --> 00:14:08,138 एक अंडे के लिए कितनी मेहनत। 111 00:14:13,187 --> 00:14:15,687 और इसे और बहुत बलूत के फल भरने हैं। 112 00:14:29,578 --> 00:14:32,998 जंगल की धरती पर, जंपिंग चूहे में हलचल होने लगी है। 113 00:14:36,126 --> 00:14:37,836 इसे अब जल्दी उठना ही होगा। 114 00:14:40,631 --> 00:14:43,931 अभी, वह बदलते मौसम और उसके सिर के ऊपर उमड़ती लड़ाई से... 115 00:14:44,635 --> 00:14:47,965 आनंदपूर्वक अनभिज्ञ है। 116 00:14:54,811 --> 00:14:57,651 हरक्यूलिस बीटल लट्ठे के ऊपर तक पहुँच गया है। 117 00:15:04,321 --> 00:15:05,951 पर आराम करने का कोई समय नहीं है। 118 00:15:08,742 --> 00:15:11,162 प्रतिद्वंदी एकदम पीछे ही है। 119 00:15:22,047 --> 00:15:24,377 ग्रह के कुछ सबसे ताकतवर गुबरैले। 120 00:15:26,844 --> 00:15:29,854 हर एक अपने वज़न से सौ गुना ज़्यादा वज़न उठा सकता है। 121 00:15:35,602 --> 00:15:38,862 लक्ष्य है अपने विरोधी को उठाकर लट्ठे से नीचे फेंकना। 122 00:15:41,149 --> 00:15:43,529 कीटाणुओं की दुनिया के सूमो पहलवान। 123 00:16:41,210 --> 00:16:42,840 यह लट्ठा उसका हो गया। 124 00:16:45,297 --> 00:16:48,007 और इसके साथ मौक़ा मिला साथी पाने का। 125 00:17:00,020 --> 00:17:03,270 युवा बाज़ की नज़र अभी से हमारी नज़र से दोगुनी तेज़ हो गई है। 126 00:17:05,901 --> 00:17:08,531 चार सप्ताह की आयु में ही, वह लगभग पूरी वयस्क हो गई है। 127 00:17:17,037 --> 00:17:18,867 उसके ज़्यादातर पंख निकल आए हैं। 128 00:17:24,377 --> 00:17:25,837 जल्दी ही यह उड़ने लगेगी। 129 00:17:30,425 --> 00:17:33,045 तब तक, नन्हा गिलहरी चैन से रह सकता है। 130 00:17:39,893 --> 00:17:41,103 पर ज़्यादा चैन से नहीं। 131 00:17:43,105 --> 00:17:47,105 पतझड़ आने में कुछ समय बाकी है और बलूत के फल आख़िरकार पक गए हैं। 132 00:17:57,327 --> 00:17:59,157 जब गर्मियों के मध्य की रातें आती हैं, 133 00:18:00,080 --> 00:18:01,500 तो हवा में जादू होता है। 134 00:18:14,052 --> 00:18:18,642 अंधकार में नाचते हुए हज़ारों नन्हे जुगनू। 135 00:18:29,526 --> 00:18:32,776 अपने लट्ठे के अंदर, नन्ही जंपिंग चुहिया आख़िरकार जाग गई है। 136 00:18:37,868 --> 00:18:40,698 पर अब, भूख से मरने वाली हालत हो गई है। 137 00:18:41,830 --> 00:18:44,000 इसे खाना ढूँढना होगा। 138 00:18:47,920 --> 00:18:49,920 और इसका मतलब है रात में निकलने की हिम्मत करना। 139 00:18:59,556 --> 00:19:02,766 जंगल की धरती पर अजीब-अजीब चीज़ें हरकत में आ रही हैं। 140 00:19:07,147 --> 00:19:11,237 और प्रकृति के सबसे अजीब नज़ारों में से एक प्रकट होने वाला है। 141 00:19:15,197 --> 00:19:18,407 सत्रह साल तक, भूमि के नीचे कीटडिंभों के रूप में खाने के बाद 142 00:19:18,992 --> 00:19:21,202 सिकेडा अंततः सतह पर आ रहे हैं। 143 00:19:24,206 --> 00:19:27,576 और अब, उनके पास जीने के कुछ ही दिन शेष हैं। 144 00:19:30,462 --> 00:19:31,842 दौड़ शुरू हो गई है। 145 00:19:38,679 --> 00:19:40,679 पूरा जीवन भूमि के नीचे अकेले बिता कर 146 00:19:41,265 --> 00:19:46,725 लाखों नन्हे सिकेडा नियत करके इस क्षण में बाहर निकले हैं। 147 00:19:51,859 --> 00:19:54,489 यह धरती के सबसे बड़े स्थानांतरगमनों में से एक है। 148 00:19:57,239 --> 00:20:00,529 आज रात, वे अपरिपक्व कीटाणुओं से वयस्कों में परिवर्तित होंगे। 149 00:20:10,711 --> 00:20:14,461 कल, वे संबंध बनाएँगे, और फिर मर जाएँगे। 150 00:20:24,141 --> 00:20:25,891 बहुत से तो पूरी रात भी नहीं जी पाएँगे। 151 00:20:32,357 --> 00:20:36,567 पर इनकी बेहिसाब संख्या सुनिश्चित करेगी कि अधिकतर बच्चे पैदा करने तक तो जी ही लेंगे। 152 00:20:37,863 --> 00:20:39,913 और जंगल की भी दावत हो जाएगी। 153 00:20:46,163 --> 00:20:48,753 पर जंपिंग चुहिया शाकाहारी ज़्यादा है। 154 00:20:52,377 --> 00:20:55,377 वह छोटे बीजों और कुकुरमुत्तों की तलाश में है। 155 00:21:06,892 --> 00:21:09,652 टिम्बर रैटलस्नेक महीनों तक बिना खाए रह सकते हैं। 156 00:21:18,403 --> 00:21:22,373 अभी के लिए, चूहे जितना कुछ बिल्कुल सही रहेगा। 157 00:21:29,039 --> 00:21:31,249 अंधेरे में खाना ढूँढना ख़तरनाक काम है... 158 00:21:35,504 --> 00:21:36,594 बशर्ते तुम्हारे पास... 159 00:21:39,842 --> 00:21:41,182 कोई गुप्त महाशक्तियाँ हैं। 160 00:21:49,726 --> 00:21:53,556 कदाचित गुरुत्वाकर्षण शक्ति को चुनौती देते हुए, यह दो मीटर ऊँचा कूद सकती है। 161 00:22:03,365 --> 00:22:07,825 इसके पैरों और टाँगों की बड़ी-बड़ी पेशियाँ और साथ ही इसका छोटा आकार... 162 00:22:08,912 --> 00:22:11,922 इसकी मदद करते हैं जंगल में घात लगाए बैठे ख़तरे से उछल कर दूर जाने में। 163 00:22:29,183 --> 00:22:32,313 और आशा है अधिक सुरक्षित खाने की जगहों पर जाने में। 164 00:22:46,950 --> 00:22:48,740 जब गरमी पतझड़ में बदलने लगती है, 165 00:22:50,495 --> 00:22:53,365 जंगल एक जादुई सुनहरे दौर में प्रवेश करता है। 166 00:22:59,004 --> 00:23:01,804 पर इसके साथ ही आता है एक नया ख़तरा। 167 00:23:11,225 --> 00:23:13,265 छोटा बाज़ एक मरियल नन्हे चूज़े से बड़े होकर... 168 00:23:19,858 --> 00:23:21,688 मज़बूत पंखों वाला उड़ने योग्य... 169 00:23:28,450 --> 00:23:29,870 आकाशीय हत्यारा बन गया है। 170 00:23:34,957 --> 00:23:36,577 उसके पंखों का विस्तार एक मीटर है। 171 00:23:38,126 --> 00:23:42,046 और वह 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से उड़ सकती है। 172 00:23:57,479 --> 00:23:59,939 छोटे जानवरों के लिए एक निगाह आकाश की ओर रखना अच्छा होगा। 173 00:24:07,364 --> 00:24:08,874 और केवल बाज़ों के लिए नहीं। 174 00:24:17,624 --> 00:24:20,044 वह क्षण जिसका नन्हे गिलहरी को इंतज़ार था। 175 00:24:26,550 --> 00:24:28,050 पके हुए बलूत के फल। 176 00:24:31,555 --> 00:24:35,635 पके फलों का गिरना एक-दो सप्ताह तक ही चलता है तो इन्हें इकट्ठा करके रखना होगा। 177 00:24:40,814 --> 00:24:44,324 वह अपने बड़े-बड़े फूले गालों में एक से अधिक फल भर सकता है। 178 00:24:49,740 --> 00:24:53,370 एक अहम कौशल जब आपको पूरी सर्दियाँ जीवित रहने के लिए हज़ारों चाहिए होंगे। 179 00:24:59,416 --> 00:25:02,416 पर इसका भंडार पर्याप्त तेज़ी से नहीं बढ़ रहा। 180 00:25:09,092 --> 00:25:11,512 कोई इसके गुप्त कोष में डाका डाल रहा है। 181 00:25:14,389 --> 00:25:15,599 वह बड़ा नर गिलहरी। 182 00:25:23,106 --> 00:25:24,936 जितना ज़्यादा यह नन्हा गिलहरी जमा करता है... 183 00:25:29,571 --> 00:25:31,621 उतना ज़्यादा उसका पड़ोसी चुराता है। 184 00:25:38,705 --> 00:25:39,915 और सोने पे सुहागा... 185 00:25:43,252 --> 00:25:46,172 आसपास के कई फल बेकार हैं। 186 00:25:52,344 --> 00:25:55,104 एकॉर्न वीविल के डिंभ अंदर बड़े हो रहे हैं। 187 00:25:58,892 --> 00:26:03,112 अब वे जैली बीन के आकार के हो गए हैं, और उनका नर्सरी से निकलने का समय आ गया है। 188 00:26:07,818 --> 00:26:09,648 करने से कहना कहीं आसान है। 189 00:26:19,913 --> 00:26:22,003 पर खाली फल भी बरबाद नहीं होते। 190 00:26:26,295 --> 00:26:30,125 एकॉर्न चींटियों की एक नई पीढ़ी के लिए एक नया घर। 191 00:26:41,810 --> 00:26:43,480 उधर अपने आरामदेह लट्ठे में, 192 00:26:45,689 --> 00:26:48,689 जंपिंग चूहिया अभी से अपना बिस्तर तैयार कर रही है। 193 00:26:51,987 --> 00:26:54,237 वह कुछ ही महीनों से जागी हुई है। 194 00:26:55,032 --> 00:26:57,662 अब एक और लंबी नींद का समय है। 195 00:27:03,123 --> 00:27:04,963 पर नन्हे गिलहरी के पास आराम का समय कहाँ। 196 00:27:06,835 --> 00:27:08,295 पतझड़ का मौसम ख़त्म होने को है, 197 00:27:08,378 --> 00:27:11,218 और उसके सर्दियाँ जीवित काट पाने की संभावना अंधकारमय लग रही है। 198 00:27:16,345 --> 00:27:17,675 उसे और फलों की ज़रूरत है। 199 00:27:19,389 --> 00:27:20,889 अब उसके सामने एक ही रास्ता है। 200 00:27:27,606 --> 00:27:29,816 दुश्मन के क्षेत्र में घुसने का साहस करने का समय आ गया है। 201 00:27:39,993 --> 00:27:42,043 बड़ा नर गिलहरी चोरी करने को भले ही तैयार हो... 202 00:27:47,584 --> 00:27:49,804 पर वह बाँट कर खाने को कतई तैयार नहीं है। 203 00:28:06,478 --> 00:28:09,108 युवा गिलहरी रंगे हाथों पकड़ा गया है। 204 00:28:14,319 --> 00:28:17,199 जंगल का यह हिस्सा इतना बड़ा नहीं कि इसमें दोनों रह सकें। 205 00:28:30,127 --> 00:28:31,797 पर वह हमेशा तो भागता नहीं रह सकता। 206 00:28:34,256 --> 00:28:35,876 अब तो लड़ाई करनी ही पड़ेगी। 207 00:29:06,997 --> 00:29:09,917 क्षतिग्रस्त और पराजित, बड़ा नर दुम दबाकर भाग गया है। 208 00:29:18,842 --> 00:29:21,802 और लगता है अब वह जल्दी वापस नहीं आएगा। 209 00:29:32,606 --> 00:29:35,226 कभी-कभी जब आप छोटे होते हो, जीवन दर्दनाक रूप से छोटा हो सकता है। 210 00:29:40,113 --> 00:29:42,533 पर यह नन्हा गिलहरी उसके पूरे मज़े ले रहा है। 211 00:29:45,077 --> 00:29:46,907 एक बड़े, निर्जन जंगल में... 212 00:29:47,746 --> 00:29:49,456 उसने अपना एक क्षेत्र हासिल किया है... 213 00:29:51,250 --> 00:29:54,380 ढेरों फल इकट्ठे किए हैं... 214 00:29:55,295 --> 00:29:57,255 और छोटा होने की चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर ली है। 215 00:29:59,466 --> 00:30:01,836 सर्दियाँ गुज़ारने के लिए सभी ज़रूरी आवश्यक चीज़ें प्राप्त करके... 216 00:30:04,429 --> 00:30:06,519 अंततः. अब वह आराम कर सकता है... 217 00:30:08,392 --> 00:30:10,812 और एक और बसंत के सपने देख सकता है। 218 00:31:07,659 --> 00:31:09,659 उपशीर्षक अनुवादक: मृणाल अग्रवाल