1 00:00:01,133 --> 00:00:04,166 यह फ़िल्म महानतम भारतीय महाकाव्य वाल्मीकि रामायण का स्क्रीन रूपान्तरण है। 2 00:00:04,233 --> 00:00:07,366 हालाँकि मूल भाग के सार और भावनाओं को बनाए रखने का हर संभव प्रयास किया गया है। 3 00:00:07,466 --> 00:00:09,700 फिर भी हो सकता है कि कुछ तत्वों, पात्रों और घटनाओं 4 00:00:09,766 --> 00:00:11,633 की व्याख्या स्क्रीन रूपान्तरण के अनुरूप की गई हो। 5 00:00:11,733 --> 00:00:15,133 अथवा उन्हें संशोधित किया गया हो। फ़िल्म निर्माता इस बात का दावा नहीं करते 6 00:00:15,233 --> 00:00:18,300 कि ये वाल्मीकि रामायण का विद्वतपूर्ण या धार्मिक रूप से आधिकारिक निरूपण है। 7 00:00:18,366 --> 00:00:21,000 यह कार्य एक आराधना है जिसमें प्रेरणास्त्रोत के रूप में 8 00:00:21,100 --> 00:00:23,333 इस महाकाव्य का उपयोग किया गया है। दर्शकों को प्रोत्साहित 9 00:00:23,400 --> 00:00:25,633 किया जाता है कि कहानी को व्यापक रूप से समझने के लिए 10 00:00:25,700 --> 00:00:29,266 मूल वाल्मीकि रामायण को पढ़ें तथा विश्वसनीय धार्मिक या साहित्यिक स्त्रोतों को देखें। 11 00:00:29,333 --> 00:00:30,633 फ़िल्म में कुछ नाटकीय दृश्यांकन 12 00:00:30,700 --> 00:00:32,566 एवं काल्पनिक रूपान्तरण भी शामिल हो सकते हैं। 13 00:00:32,633 --> 00:00:35,700 ऐसे अनुकूलन को तथ्यात्मक अथवा ऐतिहासिक निरूपण नहीं समझा जाना चाहिए। 14 00:00:35,766 --> 00:00:37,333 फ़िल्म के निर्माता वाल्मीकि रामायण के 15 00:00:37,400 --> 00:00:39,266 सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व को स्वीकार करते हैं। 16 00:00:39,333 --> 00:00:42,700 एवं इस महाकाव्य को सम्मान व संवेदनशीलता के साथ देखने का लक्ष्य रखते हैं। 17 00:00:42,766 --> 00:00:45,466 हालाँकि महाकाव्य की अलग-अलग व्याख्याओं में अंतर हो सकता है। 18 00:00:45,566 --> 00:00:47,166 और इस फ़िल्म का उद्देश्य किसी विशेष धार्मिक 19 00:00:47,233 --> 00:00:49,166 या दार्शनिक दृष्टीकोण का समर्थन करना नहीं है। 20 00:00:49,233 --> 00:00:52,566 निर्माताओं का किसी भी तरह से किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों, समुदायों, समाजों 21 00:00:52,633 --> 00:00:54,533 और उनकी संस्कृतियों, रीति-रिवाज़ों, प्रथाओं 22 00:00:54,600 --> 00:00:56,500 और परम्पराओं के विश्वासों, भावनाओं, विचारों 23 00:00:56,566 --> 00:01:00,100 और अनुभवों को नीचा दिखाने, अपमानित करने, बिगाड़ने या उपहास करने का इरादा नहीं है। 24 00:01:00,166 --> 00:01:01,100 इस फ़िल्म की शूटिंग के दौरान किसी जानवर को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया है। 25 00:02:18,233 --> 00:02:22,633 [वॉइस ओवर] भारतवर्ष का इतिहास उज्जवल कीर्ति का इतिहास है, 26 00:02:23,366 --> 00:02:26,433 और इस इतिहास का सबसे यशस्वी पन्ना वो है, 27 00:02:26,633 --> 00:02:31,100 जिस पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कथा अंकित है। 28 00:02:31,566 --> 00:02:34,500 ये कथा और श्री राम का यशगान 29 00:02:35,100 --> 00:02:37,633 करोड़ों कल्पों में भी पूर्ण नहीं हो सकता। 30 00:02:38,300 --> 00:02:40,400 श्री राम की महिमा ये है 31 00:02:41,100 --> 00:02:43,133 कि वो शब्द और वाणी से परे हैं, 32 00:02:43,533 --> 00:02:49,233 फिर भी सबके शब्दों में उतर आए, सबकी वाणी से बोल पड़ें। 33 00:02:49,566 --> 00:02:52,600 अपने मन में राम की छवि जिसको जैसी दिखी, 34 00:02:52,766 --> 00:02:55,233 उसने वैसी राम कथा लिखी। 35 00:02:55,500 --> 00:02:58,466 हरी अनंत, हरी कथा अनंता, 36 00:02:58,600 --> 00:03:02,500 [अवधी में] संतों ने अपनी-अपनी शैली में कही और सुनाई है। 37 00:03:02,633 --> 00:03:08,733 ♪ जन्म-जन्म की खोज बताए ♪ 38 00:03:09,100 --> 00:03:14,333 ♪ राम से चलके राम पर आए ♪ 39 00:03:15,066 --> 00:03:20,500 ♪ प्रेम कोई हम और ना जाने ♪ 40 00:03:20,600 --> 00:03:26,133 ♪ राम से रूठे राम से माने ♪ 41 00:03:26,633 --> 00:03:33,600 ♪ राम-सिया की करूण कहानी… ♪ 42 00:03:35,300 --> 00:03:40,600 ♪ एक है चंदन, एक है पानी ♪ 43 00:03:40,700 --> 00:03:46,466 ♪ राम, सिया-राम, सिया-राम, जय जय राम ♪ 44 00:03:46,666 --> 00:03:52,466 ♪ राम, सिया-राम, सिया-राम जय जय राम ♪ 45 00:04:04,733 --> 00:04:07,333 [एक महिला की आवाज़] मेरे पुत्र भरत को अयोध्या का राज्य 46 00:04:07,500 --> 00:04:10,766 और राघव को 14 वर्षों का वनवास। 47 00:04:11,766 --> 00:04:14,433 [एक आदमी की आवाज़] रघुकुल रीत सदा चली आई 48 00:04:14,766 --> 00:04:16,000 प्राण जाए… 49 00:04:16,433 --> 00:04:17,666 पर वचन ना जाई। 50 00:04:18,233 --> 00:04:20,100 मुझे वनवास स्वीकार है पिताजी। 51 00:04:22,266 --> 00:04:28,133 ♪ हरि अनंत हरि कथा अनंता ♪ 52 00:04:28,266 --> 00:04:33,500 ♪ [अवधी में] संतों ने अपनी-अपनी शैली में कही और सुनाई है ♪ 53 00:04:33,766 --> 00:04:39,733 ♪ राम रत्न धन जो कोई पाए ♪ 54 00:04:40,033 --> 00:04:45,233 ♪ जीवन भर रामायण गाए ♪ 55 00:04:45,700 --> 00:04:52,633 ♪ मंगल भवन अमंगल हारी ♪ 56 00:04:54,466 --> 00:04:59,600 {\an8}♪ [अवधी में] वे दशरथ नंदन श्री राम हैं, वो मुझ पर अपनी कृपा करें ♪ 57 00:04:59,766 --> 00:05:05,500 {\an8}♪ राम, सिया-राम, सिया-राम जय जय राम ♪ 58 00:05:05,666 --> 00:05:11,200 {\an8}♪ राम, सिया-राम, सिया-राम जय जय राम ♪ 59 00:05:11,533 --> 00:05:17,300 {\an8}♪ राम, सिया-राम, सिया-राम जय जय राम ♪ 60 00:05:17,400 --> 00:05:23,266 {\an8}♪ राम, सिया-राम, सिया-राम जय जय राम ♪ 61 00:05:58,433 --> 00:06:00,000 जो जन्म लेगा, 62 00:06:00,766 --> 00:06:02,633 उसकी मृत्यु निश्चित है। 63 00:06:04,200 --> 00:06:06,333 मैं विधि का विधान तो नहीं बदल सकता। 64 00:06:08,033 --> 00:06:10,133 अमरत्व छोड़कर कुछ भी माँग लो, 65 00:06:11,366 --> 00:06:12,666 मैं तथास्तु कह दूँगा। 66 00:06:20,133 --> 00:06:21,700 जानता हूँ मैं तुम्हारा हट। 67 00:06:31,633 --> 00:06:32,533 मैं… 68 00:06:33,466 --> 00:06:35,000 जगतपिता ब्रह्मा, 69 00:06:36,700 --> 00:06:38,433 तुम्हें ये वरदान देता हूँ। 70 00:06:39,433 --> 00:06:41,233 कि ना दिन में ना रात में, 71 00:06:42,500 --> 00:06:44,300 ना जल में ना वायु में, 72 00:06:46,666 --> 00:06:49,666 ना धरती पर ना आसमान में, 73 00:06:51,600 --> 00:06:55,533 ना किसी देव ना किसी दानव के हाथों से, 74 00:06:57,500 --> 00:06:59,233 तुम्हें मृत्यु नहीं आएगी। 75 00:08:18,200 --> 00:08:20,666 कई वर्षों पश्चात 76 00:08:57,733 --> 00:09:00,033 कुछ ठीक नहीं लग रहा है, शेष। 77 00:09:03,600 --> 00:09:05,066 बादलों से क्या घबराना? 78 00:09:20,266 --> 00:09:21,466 ऐसा रोज़ नहीं होता। 79 00:09:23,333 --> 00:09:24,566 कुछ तो है जो… 80 00:09:25,733 --> 00:09:26,633 जो अलग है। 81 00:09:56,500 --> 00:09:57,600 ये क्या है? 82 00:09:58,700 --> 00:09:59,666 सत्य रेखा। 83 00:10:01,033 --> 00:10:02,333 जब तक हम इसके अंदर हैं, 84 00:10:03,466 --> 00:10:05,333 कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। 85 00:10:16,466 --> 00:10:18,000 पर तुम्हारे भाई तो बाहर हैं। 86 00:10:20,600 --> 00:10:21,500 शेष… 87 00:10:22,633 --> 00:10:23,733 ये सब पतंगे हैं। 88 00:10:24,400 --> 00:10:25,700 और भाई ज्वाला। 89 00:10:26,500 --> 00:10:29,266 आजतक कोई पतंगा किसी ज्वाला को बुझा पाया है? 90 00:10:30,666 --> 00:10:32,066 पर वो हैं कहाँ? 91 00:17:32,300 --> 00:17:35,233 ♪ जटाजूट भैरव ♪ 92 00:17:35,300 --> 00:17:41,166 ♪ दिगंबर शिवोहम ♪ 93 00:17:44,200 --> 00:17:47,300 ♪ सदाशिव निराकार ♪ 94 00:17:47,366 --> 00:17:53,266 ♪ शंकर शिवोहम ♪ 95 00:17:56,166 --> 00:18:01,666 ♪ ये तू है कि मैं हूँ ये मैं हूँ कि तू ♪ 96 00:18:02,300 --> 00:18:08,200 ♪ कहाँ कोई अंतर शिवोहम ♪ 97 00:18:08,333 --> 00:18:11,266 ♪ जो बूंद बूंद पुण्य है वो अंश अंश उज्जवल ♪ 98 00:18:11,366 --> 00:18:14,366 ♪ वो गंगधार निर्झरा है चल रही गिरीश पर ♪ 99 00:18:14,433 --> 00:18:17,233 ♪ जो अर्धरात्री पर है स्वर्ण सा बिखेरता ♪ 100 00:18:17,333 --> 00:18:20,233 ♪ चमक रहा है चंद्रमा व्योम जैसे शीश पर ♪ 101 00:18:20,333 --> 00:18:23,200 ♪ धरा का अंत है वही गगन का अंत भी वही ♪ 102 00:18:23,266 --> 00:18:26,166 ♪ समय की धारणाएँ सभी शिवम पे ही समाप्त है ♪ 103 00:18:26,233 --> 00:18:29,233 ♪ जगत का कोई कण नहीं न जिसपे उनकी छाप हो ♪ 104 00:18:29,333 --> 00:18:32,233 ♪ कि तीनों लोक दस दिशाओं में वही तो व्याप्त है ♪ 105 00:18:32,300 --> 00:18:35,200 ♪ सिद्धियाँ समस्त उनकी तर्जनी पे नाचतीं ♪ 106 00:18:35,300 --> 00:18:38,166 ♪ वो जिनका नाम लेके दुख के सब प्रवाह रुक गए ♪ 107 00:18:38,266 --> 00:18:41,300 ♪ झुका रहे हैं हम शीश उसी दयानिधान को ♪ 108 00:18:41,400 --> 00:18:44,233 ♪ वो जिसके आगे हाथ जोड़ देवता भी झुक गए ♪ 109 00:18:44,333 --> 00:18:47,266 ♪ दसों दिशा में गूँजता ♪ 110 00:18:47,333 --> 00:18:52,533 ♪ प्रचंड शंखनाद है ♪ 111 00:18:53,300 --> 00:18:56,200 ♪ तुम्हीं हो बीज प्राण का ♪ 112 00:18:56,300 --> 00:19:00,266 ♪ तुम्हीं से सर्वनाश है ♪ 113 00:19:02,633 --> 00:19:08,266 ♪ शम्भो महाशम्भो कहाँ कोई तेरे जैसा ♪ 114 00:19:08,700 --> 00:19:14,233 ♪ भक्तों में है तेरे कहाँ कोई मेरे जैसा ♪ 115 00:19:14,300 --> 00:19:19,533 ♪ ये तू है कि मैं हूँ ये मैं हूँ कि तू ♪ 116 00:19:20,300 --> 00:19:26,700 ♪ कहाँ कोई अंतर शिवोहम ♪ 117 00:20:23,266 --> 00:20:24,700 क्षमा, महादेव। 118 00:20:31,500 --> 00:20:32,600 [सिसकी] 119 00:20:55,700 --> 00:20:58,233 तूने अपना चेहरा क्यों ढका है, शूर्पणखा? 120 00:21:01,166 --> 00:21:02,133 आँचल हटा। 121 00:21:03,133 --> 00:21:04,366 मेरी ओर देख। 122 00:21:05,400 --> 00:21:06,300 देखूँगी तो क्या, 123 00:21:06,433 --> 00:21:09,100 इतने वर्षों बाद मुझे वो ही भाई दिखाई देगा? 124 00:21:12,733 --> 00:21:14,566 जिसने मेरे अपमान के प्रतिशोध में 125 00:21:14,633 --> 00:21:16,600 कुबेर से उसकी लंका छीन ली? 126 00:21:21,100 --> 00:21:23,166 मैं आज भी वो ही हूँ, शूर्पणखा। 127 00:21:50,133 --> 00:21:51,200 [शूर्पणखा की आवाज़] ऐसा रूप! 128 00:21:52,533 --> 00:21:53,766 ऐसा तेज… 129 00:21:55,366 --> 00:21:57,166 मैंने पहले कभी नहीं देखा। 130 00:22:02,233 --> 00:22:04,433 मैं तुम्हें अपना पतिवरण करती हूँ। 131 00:22:07,200 --> 00:22:08,333 मैं विवाहित हूँ। 132 00:22:12,633 --> 00:22:14,000 मुझे क्षमा करें। 133 00:22:23,366 --> 00:22:24,633 कौन है वो स्त्री? 134 00:22:26,466 --> 00:22:28,733 जिसके लिए लंकापति रावण की 135 00:22:29,000 --> 00:22:32,033 अप्रत्यत सूत्री बहन को ठुकरा दिया। 136 00:22:33,533 --> 00:22:34,466 जानकी। 137 00:22:35,533 --> 00:22:37,166 राघव की पत्नी। 138 00:22:38,766 --> 00:22:41,133 त्रिलोक की सबसे सुंदर स्त्री। 139 00:23:44,533 --> 00:23:46,366 सूर्य की एक-एक किरण 140 00:23:47,700 --> 00:23:52,466 और इंद्र की एक-एक अप्सरा का सौंदर्य किसी प्रतिमा में भर दिया जाए, 141 00:23:54,366 --> 00:23:57,700 तो भी वो प्रतिमा जानकी के समक्ष फीकी रह जाएगी। 142 00:23:59,533 --> 00:24:01,533 उसका स्थान उन जंगलों में नहीं। 143 00:24:04,133 --> 00:24:06,433 आपके अंत:पुर में है भैया। 144 00:24:10,200 --> 00:24:12,700 रावण की पूर्णता में यदि कोई कमी है, 145 00:24:14,566 --> 00:24:16,066 तो वो है जानकी। 146 00:24:20,100 --> 00:24:22,233 आप स्वयं को पूर्ण कर लीजिए। 147 00:24:24,133 --> 00:24:27,066 मुझे मेरा न्याय अपने-आप मिल जाएगा। 148 00:25:01,133 --> 00:25:02,333 कुछ कहना चाहते हैं। 149 00:25:03,300 --> 00:25:04,233 तो कह दीजिए। 150 00:25:10,166 --> 00:25:11,700 तुम राजकुमारी हो, जानकी। 151 00:25:13,300 --> 00:25:15,066 तुम्हारी जगह महलों में है। 152 00:25:17,566 --> 00:25:20,300 कहाँ इन जंगलों में मेरे साथ भटक रही हो? 153 00:25:27,733 --> 00:25:29,033 अब भी समय है। 154 00:25:29,766 --> 00:25:31,133 मेरी बात मान लो। 155 00:25:31,700 --> 00:25:33,233 और अयोध्या लौट जाओ। 156 00:25:35,666 --> 00:25:38,600 ये बड़ी-बड़ी बातें ना किसी और से किया कीजिए। 157 00:25:40,533 --> 00:25:43,466 बड़े आए! मुझे अयोध्या भेजने वाले? 158 00:25:45,366 --> 00:25:46,266 और वैसे भी, 159 00:25:48,100 --> 00:25:49,466 मेरा महल तो वहीं है… 160 00:25:50,766 --> 00:25:52,300 जहाँ मेरे राघव हैं। 161 00:25:55,133 --> 00:25:57,500 आपकी परछाई आपका साथ छोड़ सकती है, 162 00:26:00,133 --> 00:26:01,366 पर आपकी जानकी नहीं। 163 00:26:37,000 --> 00:26:42,366 ♪ मैं हूँ बाहर-बाहर… ♪ 164 00:26:42,733 --> 00:26:49,166 ♪ मेरे भीतर मैं तुझको पाता हूँ ♪ 165 00:26:49,666 --> 00:26:55,166 ♪ तू ना हो तो सच में ♪ 166 00:26:55,533 --> 00:27:01,566 ♪ मैं पूरा होके भी आधा हूँ ♪ 167 00:27:02,166 --> 00:27:08,433 ♪ कभी मेरी आँखों में तू झाँके तो जाने ♪ 168 00:27:08,533 --> 00:27:15,500 ♪ मुझे प्राणों से बढ़के प्यारा प्रेम है तेरा ♪ 169 00:27:15,600 --> 00:27:21,033 ♪ ये बरखा झर-झर बरसे तो महके ♪ 170 00:27:22,200 --> 00:27:27,466 ♪ मेरे मन की पाती पाती रे ♪ 171 00:27:28,600 --> 00:27:34,166 ♪ तू जो संग है रंग ही रंग है ये जो रंग ♪ 172 00:27:35,033 --> 00:27:41,100 ♪ तेरे बिन नहीं जीना साथी रे… ♪ 173 00:27:53,300 --> 00:27:54,266 स्वर्णमृग! 174 00:27:57,400 --> 00:27:58,666 जब हम अयोध्या लौटेंगे, 175 00:27:59,366 --> 00:28:00,666 तो इसे भी साथ ले जाएँगे। 176 00:28:03,533 --> 00:28:05,000 ऐसा स्वर्णमृग 177 00:28:05,533 --> 00:28:06,733 वहाँ किसी ने नहीं देखा। 178 00:29:19,333 --> 00:29:21,666 शेष! 179 00:29:28,566 --> 00:29:29,566 सुना तुमने? 180 00:29:30,400 --> 00:29:31,600 तुम्हारे भाई ने पुकारा। 181 00:29:32,233 --> 00:29:34,200 शायद किसी संकट में हैं। 182 00:29:49,133 --> 00:29:52,000 शेष! 183 00:29:53,166 --> 00:29:54,100 सुना? 184 00:29:55,000 --> 00:29:56,166 अब तो विश्वास हो गया? 185 00:29:57,200 --> 00:29:58,700 शेष मेरा मन बहुत घबरा रहा है… 186 00:29:59,333 --> 00:30:01,000 तुम जाओ उनके पास। 187 00:30:01,266 --> 00:30:03,033 मैं आपको अकेले छोड़के नहीं जा सकता। 188 00:30:03,666 --> 00:30:04,566 सुरक्षित नहीं है। 189 00:30:04,666 --> 00:30:05,666 और तुम्हारे भाई! 190 00:30:22,366 --> 00:30:23,500 चाहे कुछ भी हो जाए, 191 00:30:24,466 --> 00:30:25,633 इसे पार मत कीजिएगा। 192 00:31:38,300 --> 00:31:40,600 [संस्कृत में ] भिक्षा दे। 193 00:31:59,433 --> 00:32:01,400 सन्यासी को भिक्षा दे, देवी। 194 00:32:02,733 --> 00:32:03,633 ईश्वर… 195 00:32:04,433 --> 00:32:05,766 तेरा कल्याण करेगा। 196 00:32:09,333 --> 00:32:13,566 क्या तेरे भंडार में एक भूखे साधू के लिए थोड़ा सा अन्न भी नहीं है? 197 00:32:17,533 --> 00:32:18,733 जल तो होगा। 198 00:32:24,066 --> 00:32:24,766 जी। 199 00:32:25,766 --> 00:32:26,733 लाती हूँ बाबा। 200 00:32:43,000 --> 00:32:45,700 आइए बाबा। भिक्षा स्वीकार कीजिए। 201 00:32:48,233 --> 00:32:50,500 सन्यासी तेरे द्वार तक चलकर आया है, 202 00:32:51,400 --> 00:32:53,700 तू दो कदम चलकर भिक्षा नहीं दे सकती? 203 00:32:56,700 --> 00:32:58,500 मेरे पति बाहर गए हैं, बाबा। 204 00:32:59,233 --> 00:33:00,666 जब तक वो वापस ना आ जाएँ, मैं-- 205 00:33:00,733 --> 00:33:03,233 तू एक सन्यासी के चरित्र पर संदेह कर रही है? 206 00:33:03,600 --> 00:33:04,500 नहीं, नहीं, बाबा। 207 00:33:05,300 --> 00:33:06,200 क्षमा करें। 208 00:33:08,333 --> 00:33:09,366 जा रहा हूँ मैं। 209 00:33:13,733 --> 00:33:14,733 पर याद रख, 210 00:33:16,100 --> 00:33:18,700 जिस चौखट से सन्यासी खाली हाथ लौटता है, 211 00:33:19,066 --> 00:33:21,266 सौभाग्य भी वो चौखट छोड़ देता है। 212 00:33:32,033 --> 00:33:35,100 अच्छा होता यदि तू अपने पति की लंबी आयु के लिए 213 00:33:36,300 --> 00:33:38,166 एक साधु का आशीर्वाद लेती। 214 00:33:42,400 --> 00:33:43,700 पर जैसी तेरी इच्छा। 215 00:33:46,466 --> 00:33:48,633 विनाश काले विपरीत बुद्धि। 216 00:33:50,200 --> 00:33:51,133 ठहरिए बाबा। 217 00:38:07,333 --> 00:38:08,300 जटायु! 218 00:40:46,700 --> 00:40:48,500 जटायु! 219 00:41:47,733 --> 00:41:49,066 रावण। 220 00:42:59,733 --> 00:43:00,700 कौन हो तुम? 221 00:43:05,000 --> 00:43:06,133 रावण। 222 00:44:15,200 --> 00:44:16,466 ये सब मेरी भूल है भैया। 223 00:44:18,500 --> 00:44:20,266 मैंने भाभी माँ को अकेला छोड़ दिया, 224 00:44:22,166 --> 00:44:23,266 और ये अनर्थ हो गया। 225 00:44:26,333 --> 00:44:28,100 मैंने आपका विश्वास तोड़ा है। 226 00:44:30,733 --> 00:44:33,100 तुमने कुछ नहीं किया है, शेष। 227 00:44:35,466 --> 00:44:37,466 ये सब नियति का खेल है। 228 00:44:43,633 --> 00:44:45,566 मेरे कंधों पर एक ऋण है… 229 00:44:48,266 --> 00:44:51,200 अपने पिता की चिता को अग्नि नहीं दे पाया। 230 00:44:56,300 --> 00:44:59,066 उनके मित्र को सम्मान से विदा कर दें… 231 00:45:05,066 --> 00:45:07,533 शायद ये ऋण उतर जाए। 232 00:47:52,600 --> 00:47:54,133 तुम्हारा बदला पूरा हो गया। 233 00:47:55,633 --> 00:47:56,533 बधाई हो। 234 00:47:57,733 --> 00:48:00,533 बधाई देते हुए आँखों में चमक होनी चाहिए, 235 00:48:01,366 --> 00:48:02,566 रानी मंदोदरी। 236 00:48:05,600 --> 00:48:08,000 जो आँखें सर्वनाश देख रही हो… 237 00:48:08,700 --> 00:48:10,233 उनमें चमक कहाँ से आएगी? 238 00:48:12,233 --> 00:48:16,400 मेरा भाई ब्रह्मांड की सबसे सुंदर स्त्री से विवाह करने जा रहा है। 239 00:48:18,566 --> 00:48:20,566 आपसे सहा नहीं जा रहा! 240 00:48:21,333 --> 00:48:22,233 है ना? 241 00:48:25,700 --> 00:48:28,300 लंका के अंत की शुरुआत हो चुकी है। 242 00:48:30,366 --> 00:48:32,200 बहुत शोभा-यात्राएँ देख लीं हमने। 243 00:48:35,566 --> 00:48:37,500 अब शव-यात्राएँ देखने की बारी है। 244 00:48:42,466 --> 00:48:43,533 तैयारी शुरू करो… 245 00:48:56,033 --> 00:48:58,033 रावण को हराने के लिए सेना चाहिए। 246 00:49:00,100 --> 00:49:01,466 आप अयोध्या के युवराज हैं। 247 00:49:03,400 --> 00:49:04,533 और वो होने वाली रानी। 248 00:49:10,166 --> 00:49:13,133 एक संकेत करेंगे तो सारी सेना आपके साथ लड़ेगी। 249 00:49:15,333 --> 00:49:16,433 नहीं, शेष। 250 00:49:17,333 --> 00:49:18,266 क्यों नहीं, भैया? 251 00:49:20,000 --> 00:49:21,700 क्योंकि ये मर्यादा के विरुद्ध है। 252 00:49:22,733 --> 00:49:24,333 आज मैं कोई युवराज नहीं 253 00:49:24,500 --> 00:49:26,100 एक साधारण वनवासी हूँ, 254 00:49:27,700 --> 00:49:29,433 और जानकी मेरी पत्नी। 255 00:49:34,066 --> 00:49:35,600 अयोध्या की सेना तो क्या, 256 00:49:36,700 --> 00:49:40,466 उसके एक कण पर भी 14 वर्षों तक मेरा कोई अधिकार नहीं। 257 00:49:41,233 --> 00:49:42,466 तो क्या मर्यादा आपको 258 00:49:43,566 --> 00:49:45,500 भाभी माँ के प्राणों से भी अधिक प्रिय है? 259 00:50:02,466 --> 00:50:04,733 जानकी में मेरे प्राण बसते हैं। 260 00:50:08,533 --> 00:50:09,633 और मर्यादा 261 00:50:11,433 --> 00:50:13,733 मुझे अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय है। 262 00:52:14,233 --> 00:52:15,200 कौन! 263 00:52:15,566 --> 00:52:17,766 इतनी रात में इस जंगल में एक अकेली बुढ़िया। 264 00:52:19,600 --> 00:52:20,600 मायावी है। 265 00:52:21,033 --> 00:52:22,033 रुक जाओ! 266 00:52:22,133 --> 00:52:24,533 अपना परिचय दो या मरने के लिए तैयार हो जाओ! 267 00:52:25,400 --> 00:52:26,700 तीर चलाओ, बेटा। 268 00:52:27,766 --> 00:52:31,433 यदि मैं मायावी हुई तो मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा। 269 00:52:32,266 --> 00:52:33,733 और यदि मनुष्य हूँ, 270 00:52:34,766 --> 00:52:39,633 तो एक निर्दोष की हत्या का अपराध तुम्हारे हाथों पर होगा। 271 00:52:40,200 --> 00:52:41,133 शेष। 272 00:53:11,166 --> 00:53:12,100 अरे, अरे। 273 00:53:12,633 --> 00:53:14,200 ये क्या कर रहे हो, बेटा? 274 00:53:15,466 --> 00:53:19,533 जंगली बुढ़िया के पैरों के पास बैठना तुम्हें शोभा नहीं देता। 275 00:53:21,500 --> 00:53:23,166 मैं छोटी जाति की हूँ, 276 00:53:24,400 --> 00:53:25,300 और तुम… 277 00:53:26,000 --> 00:53:28,100 तुम एक वीर-योद्धा लगते हो 278 00:53:28,400 --> 00:53:30,333 या शायद कोई राजकुमार। 279 00:53:31,200 --> 00:53:32,166 नहीं, नहीं, बेटा। 280 00:53:32,466 --> 00:53:34,100 मुझ पर पाप मत चढ़ाओ। 281 00:53:36,600 --> 00:53:40,400 हम जन्म से नहीं कर्म से छोटे या बड़े होते हैं। 282 00:53:43,100 --> 00:53:44,533 आप मेरे लिए माँ समान हैं। 283 00:53:46,133 --> 00:53:49,000 और बेटा माँ के चरणों में नहीं तो कहाँ बैठेगा। 284 00:53:54,333 --> 00:53:55,233 खाओ बेटा। 285 00:53:57,266 --> 00:53:59,333 भैया, ये बेर जूठे हैं। 286 00:54:01,000 --> 00:54:01,700 खाना मत। 287 00:54:07,666 --> 00:54:08,600 तुम भी लो। 288 00:54:14,200 --> 00:54:15,500 बड़े मीठे बेर हैं। 289 00:54:17,100 --> 00:54:18,033 खाओ। 290 00:54:19,066 --> 00:54:20,300 मैंने खुद चखे हैं। 291 00:54:20,700 --> 00:54:23,166 जो खट्टा था वो मैंने फेंक दिया। 292 00:54:25,000 --> 00:54:27,066 तुम भी लो बेटा, आओ। 293 00:54:30,400 --> 00:54:32,266 तुम्हारी ही प्रतीक्षा थी बेटा। 294 00:54:35,233 --> 00:54:36,766 सच कहा था गुरुदेव ने। 295 00:54:38,200 --> 00:54:40,333 "वो छोटे-बड़े में भेद नहीं करेगा।" 296 00:54:41,300 --> 00:54:43,033 "ऊँच-नीच नहीं मानेगा।" 297 00:54:44,433 --> 00:54:48,066 मुझे विश्वास था, तुम अवश्य आओगे। 298 00:55:00,100 --> 00:55:01,333 तुम्हें देख लिया, 299 00:55:02,366 --> 00:55:05,100 अब कुछ भी देखना बाकी नहीं रहा है जीवन में। 300 00:55:08,433 --> 00:55:09,633 मुझे आज्ञा दो। 301 00:56:03,600 --> 00:56:05,266 पम्पा झील के उस पार 302 00:56:06,233 --> 00:56:07,566 ऋष्यमूक पर्वत पर, 303 00:56:08,500 --> 00:56:10,400 वानर राज सुग्रीव रहते हैं। 304 00:56:11,133 --> 00:56:12,066 उनसे मिलो। 305 00:56:12,366 --> 00:56:14,133 वो तुम्हारी सहायता करेंगे। 306 00:57:06,200 --> 00:57:09,633 जानती हो ब्रह्मांड के सबसे घातक अस्त्र कौन से हैं? 307 00:57:12,633 --> 00:57:14,133 पशुपतास्त्र, 308 00:57:15,233 --> 00:57:16,633 नारायणअस्त्र, 309 00:57:18,233 --> 00:57:19,400 और ब्रह्मास्त्र। 310 00:57:21,533 --> 00:57:24,166 ये तीनों चले हैं मुझ पर, तीनों। 311 00:57:25,466 --> 00:57:27,766 और मुझे सुई की नोक बराबर भी कष्ट नहीं हुआ 312 00:57:28,033 --> 00:57:28,733 क्योंकि… 313 00:57:30,200 --> 00:57:31,366 मैं रावण हूँ। 314 00:57:33,100 --> 00:57:36,366 मैं कष्ट से मुक्त और पीड़ा से परे हूँ पर आज, 315 00:57:38,500 --> 00:57:40,666 आज तूने मेरा ये भ्रम तोड़ दिया। 316 00:57:42,233 --> 00:57:43,133 यहाँ! 317 00:57:44,200 --> 00:57:45,533 यहाँ कुछ दुख रहा है। 318 00:57:46,533 --> 00:57:48,366 पहली बार पीड़ा हो रही है। 319 00:57:49,233 --> 00:57:52,200 कष्ट हो रहा है तुम्हें इस हाल में देखकर भूखी, 320 00:57:53,066 --> 00:57:56,200 प्यासी, उदास। 321 00:57:57,266 --> 00:57:59,533 लंका की महारानी का स्थान यहाँ नहीं। 322 00:58:01,066 --> 00:58:02,366 मेरे राजमहल में है। 323 00:58:02,766 --> 00:58:05,766 मेरे स्वर्णभवन की दीवारें तुम्हारी प्रतीक्षा में हैं। 324 00:58:06,400 --> 00:58:09,433 बार-बार तुम्हारे बारे में पूछती हैं, "कब आएगी जानकी?" 325 00:58:09,600 --> 00:58:11,066 "कब आएगी जानकी?" 326 00:58:11,166 --> 00:58:12,566 "कब आएगी जानकी?" 327 00:58:15,633 --> 00:58:16,633 क्या कहूँ उनसे? 328 00:58:18,533 --> 00:58:21,433 कब आएगी मेरी जानकी? 329 00:58:21,566 --> 00:58:23,366 अपने शब्दों पर अंकुश लगा रावण! 330 00:58:25,400 --> 00:58:26,666 जानकी राघव की है। 331 00:58:28,600 --> 00:58:30,100 और राघव की ही रहेगी। 332 00:58:32,500 --> 00:58:33,500 राघव! 333 00:58:34,733 --> 00:58:35,700 वो ही मूर्ख! 334 00:58:38,766 --> 00:58:40,600 जो एक हिरण से चकमा खा गया? 335 00:58:41,266 --> 00:58:42,433 मुझसे क्या पूछता है? 336 00:58:44,133 --> 00:58:46,366 मेरे राघव का परिचय उन्हीं से पूछ लेना। 337 00:58:47,400 --> 00:58:48,733 जब वो मुझे लेने आएँगे? 338 00:58:52,600 --> 00:58:54,033 लेने आएँगे तुम्हें? 339 00:59:00,233 --> 00:59:01,500 जागो, जानकी। 340 00:59:02,400 --> 00:59:04,100 देखो अपने चारों ओर। 341 00:59:04,466 --> 00:59:05,500 तुम मिथिला में नहीं हो 342 00:59:05,566 --> 00:59:08,166 कि राघव डोली और बारात लेके तुम्हें लेने आएगा। 343 00:59:08,700 --> 00:59:10,033 ये लंका है! 344 00:59:10,100 --> 00:59:11,466 रावण की लंका! 345 00:59:12,233 --> 00:59:16,100 उसके और तुम्हारे बीच मेरा बर्बर जैसा बल और एक समुद्र भी है। 346 00:59:17,266 --> 00:59:19,233 जिसे आजतक कोई लांघ नहीं पाया। 347 00:59:19,666 --> 00:59:21,066 पर्वत झुक जाएँगे। 348 00:59:22,300 --> 00:59:23,766 समुद्र सूख जाएगा। 349 00:59:26,266 --> 00:59:27,366 प्रतीक्षा कर। 350 00:59:30,333 --> 00:59:31,233 यहाँ नहीं। 351 00:59:32,166 --> 00:59:33,566 अपने स्वर्ण भवन में। 352 00:59:44,533 --> 00:59:46,600 और अपने ये कंकड़ पत्थर भी साथ ले जा। 353 00:59:48,400 --> 00:59:50,100 तेरी लंका में इतना सोना नहीं 354 00:59:51,533 --> 00:59:53,666 कि जानकी का प्रेम खरीद सके। 355 01:00:11,733 --> 01:00:14,466 भोले भोले, बम बम भोले! 356 01:00:16,300 --> 01:00:19,133 भोले भोले, बम बम भोले। 357 01:00:20,766 --> 01:00:22,000 भोले भो-- 358 01:00:23,766 --> 01:00:26,766 अरे! मैं तो भोले को बुला रहा था, 359 01:00:27,633 --> 01:00:30,466 यहाँ तो भोले-भाले आ गए। 360 01:00:30,766 --> 01:00:34,066 ये तो मायावियों का बहरूपियों का जंगल है। 361 01:00:34,766 --> 01:00:38,266 तुम जैसे सुकुमार यहाँ सुरक्षित नहीं है। 362 01:00:39,033 --> 01:00:39,766 लौट जाओ! 363 01:00:40,466 --> 01:00:42,666 इससे पहले कि कोई अनहोनी हो। 364 01:00:43,400 --> 01:00:44,333 लौट जाओ। 365 01:00:45,000 --> 01:00:45,700 तुम कौन हो? 366 01:00:46,466 --> 01:00:47,700 मायावी या बहरूपिये? 367 01:00:48,600 --> 01:00:50,000 अपने असली रूप में आओ… 368 01:00:51,166 --> 01:00:53,233 वर्ना मुझे अपना असली रूप दिखाना पड़ेगा। 369 01:00:55,733 --> 01:00:58,066 रूप-रंग तो माया है बालक… 370 01:00:58,633 --> 01:01:01,333 ऋषि को माया से क्या काम। 371 01:01:01,633 --> 01:01:03,666 ऋषि को तो परम बुद्धिमान होना चाहिए। 372 01:01:04,333 --> 01:01:05,433 बुद्धि है आप में? 373 01:01:07,366 --> 01:01:08,400 परख लो कुमार! 374 01:01:10,033 --> 01:01:10,733 तो बताओ। 375 01:01:12,433 --> 01:01:15,533 दस मज़दूरों ने मिलकर एक महल चार महीने में बनाया, 376 01:01:16,433 --> 01:01:18,300 तो पाँच मज़दूर कितना समय लेंगे? 377 01:01:20,200 --> 01:01:21,266 कोई समय नहीं लेंगे, 378 01:01:21,633 --> 01:01:23,100 क्योंकि महल तो बन चुका है। 379 01:01:26,533 --> 01:01:28,266 एक आदमी 20 दिन से सोया नहीं 380 01:01:28,733 --> 01:01:30,033 फिर भी वो स्वस्थ है। 381 01:01:30,433 --> 01:01:31,400 कैसे? 382 01:01:33,200 --> 01:01:34,533 क्योंकि वो रात में सोता है। 383 01:01:36,466 --> 01:01:38,166 एक तोता और उसके दो बच्चे, 384 01:01:38,600 --> 01:01:39,700 नदी पार कर रहे थे। 385 01:01:40,433 --> 01:01:42,166 जैसे ही वो नदी के पार पहुँचे, 386 01:01:42,466 --> 01:01:44,466 सबसे छोटा बच्चा खुशी से चिल्लाया, 387 01:01:45,100 --> 01:01:46,433 हम चारों ने नदी पार कर ली! 388 01:01:46,733 --> 01:01:47,666 अब बताओ। 389 01:01:48,066 --> 01:01:49,700 एक तोता दो बच्चे। 390 01:01:50,733 --> 01:01:51,633 तीन हुए ना। 391 01:01:52,233 --> 01:01:53,466 तो फिर उसने चार क्यों बोला? 392 01:01:56,033 --> 01:01:57,566 बच्चा है कुछ भी बोल सकता है। 393 01:02:41,633 --> 01:02:43,400 ये नाटक क्यों खेला तुमने? 394 01:02:44,400 --> 01:02:45,633 क्या आवश्यकता थी? 395 01:03:30,033 --> 01:03:31,200 क्षमा, रघुनंदन। 396 01:03:32,333 --> 01:03:35,700 मेरे लिए ये जानना ज़रूरी था कि आप आप ही हैं। 397 01:03:36,700 --> 01:03:41,233 कोई असुर या मायावी तो नहीं, जो आपका रूप धरे यहाँ घूम रहा है। 398 01:03:42,033 --> 01:03:43,166 तो क्या पता चला? 399 01:03:44,266 --> 01:03:46,400 हम हम ही हैं ना? 400 01:03:49,633 --> 01:03:50,533 प्रभु। 401 01:03:53,633 --> 01:03:54,733 कोई आदेश? 402 01:03:57,233 --> 01:03:59,233 वानरराज सुग्रीव से मिलना है। 403 01:04:27,766 --> 01:04:29,033 आइए, राघव। 404 01:04:30,566 --> 01:04:31,466 बताइए… 405 01:04:32,166 --> 01:04:33,700 मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ? 406 01:04:35,233 --> 01:04:37,400 मेरी पत्नी का हरण हो गया है, सुग्रीव। 407 01:04:40,766 --> 01:04:42,500 मैं आपकी सहायता चाहता हूँ। 408 01:05:53,366 --> 01:05:58,533 ♪ तू है शीतल धारा ♪ 409 01:05:59,333 --> 01:06:05,133 ♪ तेरे संग-संग बहती हूँ मैं कबसे ♪ 410 01:06:06,133 --> 01:06:11,500 ♪ जबसे नगमें तारे ♪ 411 01:06:12,133 --> 01:06:18,200 ♪ मैं तेरी, मैं तेरी हूँ तबसे ♪ 412 01:06:18,433 --> 01:06:21,500 ♪ जहाँ तेरा पगफेरा ♪ 413 01:06:21,600 --> 01:06:24,666 ♪ वहीं मधुबन है मेरा ♪ 414 01:06:24,766 --> 01:06:31,633 ♪ मुझे प्राणों से बढ़के प्यारा प्रेम है तेरा ♪ 415 01:06:32,133 --> 01:06:37,600 ♪ ये बरखा झर-झर बरसे तो महके ♪ 416 01:06:38,500 --> 01:06:44,200 ♪ मेरे मन की पाती पाती रे ♪ 417 01:06:45,033 --> 01:06:50,366 ♪ तू जो संग है रंग ही रंग है ये जीवन ♪ 418 01:06:51,333 --> 01:06:57,033 ♪ तेरे बिन नहीं जीना साथी रे… ♪ 419 01:07:04,166 --> 01:07:07,066 ♪ तेरे नैनों के बन में ♪ 420 01:07:07,266 --> 01:07:10,133 ♪ मन खोना ही था ♪ 421 01:07:10,533 --> 01:07:13,333 ♪ तेरा-मेरा यूँ मिलना ♪ 422 01:07:13,600 --> 01:07:16,600 ♪ तो होना ही था ♪ 423 01:07:17,066 --> 01:07:23,166 ♪ बिन धागे जो बाँधे वो बंधन तू है ♪ 424 01:07:23,266 --> 01:07:28,700 ♪ मैं जिसका चंदा वो आँगन तू है ♪ 425 01:07:29,000 --> 01:07:32,166 ♪ तू पहली है आशा ♪ 426 01:07:32,233 --> 01:07:35,166 ♪ तू अंतिम अभिलाषा ♪ 427 01:07:35,300 --> 01:07:42,066 ♪ मुझे प्राणों से बढ़के प्यारा प्रेम है तेरा ♪ 428 01:07:42,366 --> 01:07:48,133 ♪ ये बरखा झर-झर बरसे तो महके ♪ 429 01:07:48,533 --> 01:07:54,300 ♪ मेरे मन की पाती पाती रे ♪ 430 01:07:55,266 --> 01:08:00,666 ♪ तू जो संग है रंग ही रंग है ये जीवन ♪ 431 01:08:01,666 --> 01:08:06,166 ♪ तेरे बिना नहीं जीना साथी रे ♪ 432 01:08:16,533 --> 01:08:17,433 राघव। 433 01:08:22,633 --> 01:08:24,366 मुझे आपसे कुछ बात करनी है। 434 01:08:25,433 --> 01:08:28,200 मैंने आपको किसी दुविधा में डाल दिया हो तो… 435 01:08:28,433 --> 01:08:29,399 ऐसा ना कहिए। 436 01:08:31,033 --> 01:08:33,066 आपके काम आने में दुविधा कैसी? 437 01:08:37,233 --> 01:08:38,133 लेकिन, 438 01:08:39,000 --> 01:08:40,233 मेरे पास ना सेना है, 439 01:08:41,100 --> 01:08:42,133 ना राज्य। 440 01:08:43,133 --> 01:08:45,266 सबकुछ मेरे भाई वालि ने छीन लिया। 441 01:08:49,233 --> 01:08:51,399 तो आप अपना अधिकार वापस क्यों नहीं लेते? 442 01:08:52,266 --> 01:08:53,366 युद्ध कीजिए उनसे। 443 01:08:54,600 --> 01:08:58,000 वो जितना बलशाली है, उतना ही चालाक। 444 01:08:58,566 --> 01:09:00,533 मैं उसके बल से तो लड़ सकता हूँ। 445 01:09:01,333 --> 01:09:03,066 पर उसके छल से कैसे लड़ूँ? 446 01:09:03,700 --> 01:09:06,399 हाँ, अगर सत्य मेरा साथ दे, 447 01:09:07,166 --> 01:09:08,700 तो मैं वालि को हरा सकता हूँ। 448 01:09:10,366 --> 01:09:12,133 और आप सत्य हैं, राघव। 449 01:09:20,366 --> 01:09:21,633 तैयारी करें, सुग्रीव। 450 01:09:28,266 --> 01:09:31,100 कल आप वालि को मल्लयुद्ध के लिए ललकारेंगे। 451 01:09:39,433 --> 01:09:41,600 [सुग्रीव की आवाज़] वालि! 452 01:09:43,433 --> 01:09:45,399 वालि! 453 01:09:51,666 --> 01:09:53,033 [सुग्रीव की आवाज़] वालि! 454 01:09:53,466 --> 01:09:54,533 वालि! 455 01:09:55,066 --> 01:09:56,300 बाहर निकल। 456 01:09:59,366 --> 01:10:00,500 बाहर निकल! 457 01:10:00,700 --> 01:10:02,733 नहीं तो मैं अंदर आता हूँ! 458 01:11:42,000 --> 01:11:43,066 ये तो फिसड्डी है। 459 01:11:45,733 --> 01:11:47,000 गलती हो गई हमसे। 460 01:11:47,600 --> 01:11:49,000 वालि से मदद माँगनी थी। 461 01:11:49,600 --> 01:11:50,566 बलवान वो है, 462 01:11:51,700 --> 01:11:53,100 सेना उसके पास है। 463 01:11:53,433 --> 01:11:55,100 तो हम सुग्रीव के साथ क्यों हैं? 464 01:12:00,166 --> 01:12:03,400 मल्लयुद्ध में किसी भी शस्त्र का प्रयोग करना वर्जित है। 465 01:12:52,333 --> 01:12:54,533 पाप कितना भी बलवान क्यों ना हो, 466 01:12:55,333 --> 01:12:58,766 अंत में जीत सच की ही होती है। 467 01:13:05,500 --> 01:13:09,133 एक राजा का धर्म होता है कि वो अपनी प्रजा की रक्षा करे। 468 01:13:17,200 --> 01:13:19,100 और सुग्रीव ही सच्चा राजा है। 469 01:14:27,400 --> 01:14:31,333 इतनी बड़ी सेना को लंका पहुँचने में बहुत समय लग जाएगा। 470 01:14:34,600 --> 01:14:37,633 एक छोटी टुकड़ी हमें आगे भेज देनी चाहिए। 471 01:14:39,533 --> 01:14:41,400 अंगद और बजरंग के साथ… 472 01:14:41,700 --> 01:14:43,033 मैं चला जाता हूँ। 473 01:14:44,566 --> 01:14:51,366 हम जानकी को सूचित कर देंगे कि वो हिम्मत ना हारें। राघव आने ही वाले हैं। 474 01:14:53,233 --> 01:14:54,600 मैं जामवंत से सहमत हूँ। 475 01:14:55,566 --> 01:14:56,666 जो आदेश, राघव। 476 01:15:07,766 --> 01:15:09,333 ये जानकी को दिखा देना। 477 01:15:11,166 --> 01:15:12,166 वो समझ जाएगी, 478 01:15:13,266 --> 01:15:14,466 कि तुम मेरे दूत हो। 479 01:15:41,766 --> 01:15:42,666 लंकेश-- 480 01:15:42,733 --> 01:15:45,300 लंकेश केवल राजसभा में विभीषण, 481 01:15:49,733 --> 01:15:52,266 भैया, जानकी को छोड़ दीजिए। 482 01:16:03,700 --> 01:16:05,233 अगर बात सही है। 483 01:16:05,700 --> 01:16:07,600 तो ये मत सोच किसने कही है। 484 01:16:08,500 --> 01:16:11,233 ब्रह्मांड में जो भी पाने लायक है, तू पा चुका है। 485 01:16:11,566 --> 01:16:13,733 फिर भी तू राक्षस ही है। 486 01:16:16,666 --> 01:16:17,600 तो? 487 01:16:19,000 --> 01:16:22,100 लक्ष्मी को पा ले, नारायण हो जाएगा। 488 01:16:22,266 --> 01:16:23,566 जब तक राघव जीवित है, 489 01:16:24,433 --> 01:16:27,300 तू जानकी के हृदय में स्थान नहीं बना सकता। 490 01:16:27,600 --> 01:16:29,500 रावण के लिए क्या असंभव है! 491 01:16:30,566 --> 01:16:33,433 वो चाहे तो मृत्यु को अपने पैरों तले कुचल दे। 492 01:16:33,533 --> 01:16:36,533 हाँ, बात असंभव को कर दिखाने की नहीं। 493 01:16:37,633 --> 01:16:41,266 रावण के इतिहास में ये अध्याय कलंकित हो जाएगा। 494 01:16:42,733 --> 01:16:46,033 इतिहास को लिखने वाली कलम हारी हुईं उँगलियों में नहीं, 495 01:16:48,000 --> 01:16:49,566 विजयी हुए हाथों में होती है। 496 01:16:51,666 --> 01:16:53,666 और रावण ने एक बार ठान ली, 497 01:16:54,333 --> 01:16:57,166 तो अच्छे-बुरे की दीवारें उसे नहीं रोक सकतीं। 498 01:16:57,366 --> 01:16:58,766 पर रावण अवतारी है। 499 01:17:02,100 --> 01:17:05,000 एक दशानन्द दस राघव पर भारी है! 500 01:17:18,733 --> 01:17:20,066 नहीं छोड़ूँगा। 501 01:17:26,066 --> 01:17:29,266 आप खुद अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं, भैया। 502 01:17:30,033 --> 01:17:32,400 अब उसे आने से कोई नहीं रोक सकता। 503 01:17:45,700 --> 01:17:47,300 ज़मीन तो समाप्त हो गई 504 01:17:47,533 --> 01:17:49,566 और पानी पर चलना हमको आता नहीं। 505 01:18:01,333 --> 01:18:02,233 बजरंग! 506 01:18:02,666 --> 01:18:03,566 नहीं, नहीं! 507 01:18:04,166 --> 01:18:05,500 आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते! 508 01:18:08,566 --> 01:18:10,533 अरे इसका कोई ओर-छोर है ही नहीं? 509 01:18:11,200 --> 01:18:13,566 तुम्हारा भी तो कोई ओर-छोर नहीं है, बजरंग। 510 01:18:14,733 --> 01:18:17,200 जानते हो ना तुम क्या हो? 511 01:18:18,533 --> 01:18:20,333 वानर हूँ दादा, और क्या? 512 01:18:21,700 --> 01:18:22,700 वो वानर, 513 01:18:23,333 --> 01:18:26,733 जो बचपन में सूरज को सेब समझकर निगल गया था। 514 01:18:29,533 --> 01:18:30,533 वो वानर, 515 01:18:30,766 --> 01:18:37,066 जिसे शून्य ने अपने त्रिशूल जैसी ताकत दी है और विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र जैसी धार। 516 01:18:40,033 --> 01:18:42,366 जिसे इंद्र ने बज्र जैसा शरीर दिया है 517 01:18:42,466 --> 01:18:44,766 और अग्नि ने धधकता हुआ तेज! 518 01:18:47,700 --> 01:18:50,600 वो वानर जिसके पास वायु का मेघ है, 519 01:18:51,000 --> 01:18:53,633 बिजलियों का बल और गरुड़ की उड़ान। 520 01:18:54,300 --> 01:18:56,133 ये समुद्र देखकर घबरा रहे हो? 521 01:18:59,066 --> 01:19:01,233 अपनी शक्ति पहचानो, बजरंग। 522 01:19:02,200 --> 01:19:03,666 जो तुम कर सकते हो। 523 01:19:04,500 --> 01:19:06,566 और कोई नहीं कर सकता। 524 01:19:36,733 --> 01:19:38,700 छलाँग लगाओ, बजरंग! 525 01:19:47,533 --> 01:19:48,700 राघव जहाँ, 526 01:19:50,300 --> 01:19:51,566 विजय वहाँ। 527 01:20:57,100 --> 01:20:58,000 कौन हो तुम? 528 01:20:58,200 --> 01:21:01,200 मैं राघव का दूत हूँ माँ, बजरंग। 529 01:21:02,766 --> 01:21:05,200 पता लगाने आया था कि आप हैं कहाँ। 530 01:21:06,200 --> 01:21:08,100 राघव आपको लेने आ रहे हैं। 531 01:21:12,000 --> 01:21:12,700 वो कैसे हैं? 532 01:21:14,433 --> 01:21:15,400 आपके बिना… 533 01:21:16,466 --> 01:21:17,766 कैसे हो सकते हैं? 534 01:21:31,400 --> 01:21:32,666 आँसू पोंछलो माँ। 535 01:21:34,266 --> 01:21:35,766 मैं राघव से क्या कहूँगा 536 01:21:37,233 --> 01:21:39,200 कि उनकी जानकी रो रही थी। 537 01:21:41,133 --> 01:21:42,433 वो सह नहीं पाएँगे। 538 01:21:46,700 --> 01:21:47,600 ए! 539 01:21:49,100 --> 01:21:50,366 तुम अंदर कैसे घुसे? 540 01:21:52,633 --> 01:21:55,666 ये क्या कोई मैदान है, जो तुम घूमने चले आए? 541 01:21:56,700 --> 01:21:59,333 और तुम्हें क्या लगा, तुम बच जाओगे मुझसे? 542 01:22:00,066 --> 01:22:01,633 तुम जानते भी हो, कौन हूँ मैं? 543 01:22:03,566 --> 01:22:04,500 धाकड़ासुर! 544 01:22:06,400 --> 01:22:07,400 मरोगे बेटे। 545 01:22:08,100 --> 01:22:10,166 आज तुम अपनी जान से हाथ धोओगे! 546 01:22:13,033 --> 01:22:13,733 हाथ नहीं। 547 01:22:14,566 --> 01:22:16,100 मैं धाकड़े को ही धोऊँगा। 548 01:23:41,766 --> 01:23:43,533 और कोई काम धंधा नहीं बचा… 549 01:23:48,366 --> 01:23:49,733 बंदर पकड़ने लगा? 550 01:23:51,633 --> 01:23:53,200 ये बंदर बोलता है। 551 01:23:54,066 --> 01:23:56,600 अशोक वाटिका में जानकी से बात कर रहा था। 552 01:24:06,066 --> 01:24:07,533 [विभीषण] इसे राघव ने भेजा होगा… 553 01:24:08,333 --> 01:24:09,433 जासूसी करने। 554 01:24:11,466 --> 01:24:13,533 और लंका में जासूसी का दंड है 555 01:24:14,700 --> 01:24:15,666 मौत। 556 01:24:17,733 --> 01:24:19,633 पिताजी, आदेश दें! 557 01:24:21,066 --> 01:24:23,033 जासूस का नाम तो पूछ लो, इंद्रजीत। 558 01:24:24,066 --> 01:24:25,233 बजरंग हूँ मैं। 559 01:24:26,433 --> 01:24:28,300 अयोध्या के होने वाला राजा… 560 01:24:28,633 --> 01:24:30,166 राघव का दूत। 561 01:24:31,566 --> 01:24:32,533 राजा? 562 01:24:35,466 --> 01:24:37,400 अयोध्या में तो वो रहता नहीं। 563 01:24:39,166 --> 01:24:40,500 रहता है वो जंगल में। 564 01:24:41,766 --> 01:24:44,066 और जंगल का राजा शेर है। 565 01:24:45,266 --> 01:24:46,166 तो। 566 01:24:47,233 --> 01:24:48,666 वो कहाँ का राजा है? 567 01:24:50,266 --> 01:24:51,166 [विभीषण] लंकेश! 568 01:24:52,766 --> 01:24:54,500 ये जासूस नहीं दूत है। 569 01:24:56,100 --> 01:24:58,733 और लंका में कभी दूत को जान से नहीं मारा जाता। 570 01:25:01,666 --> 01:25:03,233 तो इसको पिंजरे में डाल लेते हैं। 571 01:25:04,133 --> 01:25:07,566 ऐसा बोलने वाला बंदर लंका में होना चाहिए। 572 01:25:11,433 --> 01:25:13,633 पिताजी, सोच क्या रहे हैं? 573 01:25:16,000 --> 01:25:17,000 आदेश दें। 574 01:25:19,433 --> 01:25:22,466 सोच रहा हूँ, बिना पूँछ का बंदर कैसा लगेगा। 575 01:25:45,400 --> 01:25:46,300 जली ना? 576 01:25:50,133 --> 01:25:52,400 अभी तो और जलेगी। 577 01:25:57,166 --> 01:25:58,133 बेचारा… 578 01:25:59,400 --> 01:26:01,100 जिसकी जलती है… 579 01:26:01,600 --> 01:26:03,000 वही जानता है। 580 01:26:11,266 --> 01:26:13,233 कपड़ा तेरी लंका का। 581 01:26:14,266 --> 01:26:16,100 तेल तेरी लंका का। 582 01:26:17,233 --> 01:26:19,266 आग भी तेरी लंका की। 583 01:26:20,300 --> 01:26:23,000 और जलेगी भी तेरी लंका ही। 584 01:28:22,533 --> 01:28:24,366 आप मेरे साथ चलिए माँ। 585 01:28:36,600 --> 01:28:40,600 राघव ने मुझे पाने के लिए शिवधनुष तोड़ा था। 586 01:28:45,066 --> 01:28:47,166 अब उन्हें रावण का घमंड तोड़ना होगा। 587 01:28:51,133 --> 01:28:53,233 उनकी चौखट से ले आया था मुझे वो। 588 01:28:55,566 --> 01:28:58,100 जानकी उस चौखट पर वापस तभी आएगी, 589 01:29:01,166 --> 01:29:02,533 जब राघव लेने आएँगे। 590 01:29:06,733 --> 01:29:07,700 और वो आएँगे। 591 01:29:26,733 --> 01:29:28,133 मैं प्रतीक्षा करूँगी। 592 01:29:51,100 --> 01:29:52,333 चट्टानें तोड़ लाओ, 593 01:29:53,233 --> 01:29:54,333 पर्वत उखाड़ लाओ, 594 01:29:55,366 --> 01:29:57,033 बाँट दो ये समुद्र, 595 01:29:57,266 --> 01:29:59,133 और बना दो लंका तक सेतु। 596 01:30:00,400 --> 01:30:01,300 जाओ। 597 01:30:20,000 --> 01:30:22,133 धरती के सारे पत्थर जोड़कर भी हम 598 01:30:23,400 --> 01:30:25,366 समुद्र पर सेतु नहीं बना सकते। 599 01:30:28,233 --> 01:30:30,133 सेतु तो हमें बनाना ही होगा। 600 01:30:31,466 --> 01:30:32,466 पत्थर से नहीं, 601 01:30:35,066 --> 01:30:36,433 तो प्रार्थना से ही सही। 602 01:30:45,633 --> 01:30:47,100 हे, समुद्र देव, 603 01:30:48,466 --> 01:30:51,633 मैं दशरथ पुत्र राघव आपसे प्रार्थना करता हूँ। 604 01:30:52,766 --> 01:30:55,433 मेरी सेना के लिए आप राह छोड़ दें। 605 01:31:33,433 --> 01:31:34,466 क्या हुआ, बजरंग? 606 01:31:35,100 --> 01:31:36,066 बोल दिया। 607 01:31:36,500 --> 01:31:38,366 जो हमारी बहनों को हाथ लगाएँगे 608 01:31:38,500 --> 01:31:40,366 उनकी लंका जला देंगे। 609 01:32:01,400 --> 01:32:02,400 जानकी? 610 01:32:03,200 --> 01:32:04,266 जीवित है प्रभु। 611 01:32:25,600 --> 01:32:27,700 मैं तुम्हारा ऋणी हूँ, बजरंग। 612 01:32:28,066 --> 01:32:28,766 प्रभु। 613 01:32:31,033 --> 01:32:32,666 जानकी माँ आपकी राह देख रही हैं। 614 01:32:34,200 --> 01:32:36,733 इससे पहले रावण के हाथों कुछ अनहोनी हो जाए, 615 01:32:40,133 --> 01:32:42,133 आपको लंका पहुँचना ही होगा। 616 01:33:19,266 --> 01:33:20,433 समुद्र देव, 617 01:33:22,200 --> 01:33:25,233 आप जानते हैं कि मैं न्याय के लिए लड़ने जा रहा हूँ। 618 01:33:31,566 --> 01:33:33,266 कृपया, मुझे मार्ग दें। 619 01:34:42,233 --> 01:34:44,600 मैं इक्ष्वाकु हूँ, वंशज राघव… 620 01:34:55,133 --> 01:34:59,233 आपकी छाती में ब्रह्मास्त्र गाड़ने के लिए विवश हूँ। 621 01:35:29,233 --> 01:35:32,200 दया, राघव! दया! 622 01:35:33,400 --> 01:35:35,166 मैं समुद्र हूँ। 623 01:35:36,400 --> 01:35:39,266 ना मेरी गहराई नापी जा सकती है 624 01:35:39,400 --> 01:35:42,366 और ना ही मुझे पार किया जा सकता है। 625 01:35:43,033 --> 01:35:45,466 यही मेरा स्वभाव है प्रभु। 626 01:35:46,500 --> 01:35:50,033 आपका स्वभाव है कि आपको पार नहीं किया जा सकता। 627 01:35:50,700 --> 01:35:52,000 मेरा संकल्प है 628 01:35:52,066 --> 01:35:53,733 कि मैं लंका पहुँचकर रहूँगा। 629 01:35:54,466 --> 01:35:59,600 आपका नाम लेकर बड़े-बड़े दीन-दुखी डर जाते हैं रघुनंदन। 630 01:36:01,000 --> 01:36:03,033 आप अपनी सेना से कहिए 631 01:36:03,600 --> 01:36:07,300 कि आपका नाम लेकर मुझ पर पत्थर फेंके, 632 01:36:08,100 --> 01:36:10,466 मैं वो डूबने नहीं दूँगा। 633 01:36:31,666 --> 01:36:32,766 राघव जहाँ, 634 01:36:33,533 --> 01:36:34,600 विजय वहाँ। 635 01:37:01,000 --> 01:37:02,433 राघव जहाँ… 636 01:37:02,733 --> 01:37:04,500 -विजय वहाँ! -विजय वहाँ! 637 01:37:05,066 --> 01:37:06,433 राघव जहाँ… 638 01:37:07,233 --> 01:37:08,700 -विजय वहाँ! -विजय वहाँ! 639 01:37:13,133 --> 01:37:16,466 धंस जाए ये धरती या चटक जाए आकाश, 640 01:37:17,366 --> 01:37:21,166 न्याय के हाथों होकर रहेगा अन्याय का सर्वनाश। 641 01:37:23,333 --> 01:37:24,533 वानर वीरों, 642 01:37:27,133 --> 01:37:29,466 कौन है जो तुम्हारा रास्ता रोके! 643 01:37:30,200 --> 01:37:32,066 किसको मिला है ये अधिकार? 644 01:37:36,100 --> 01:37:38,133 उखड़ जाते हैं पर्वत के पाँव 645 01:37:38,300 --> 01:37:40,133 जब तुम भरते हो हुंकार। 646 01:37:42,366 --> 01:37:47,000 तुम्हारी पत्थर छातियों को क्या भेदेंगे अहंकार के तीर, 647 01:37:49,233 --> 01:37:52,500 जिनकी थमनियों में रक्त की जगह आग बहती है, 648 01:37:54,066 --> 01:37:56,066 तुम हो वो शूरवीर। 649 01:38:03,766 --> 01:38:04,766 रावण! 650 01:38:05,733 --> 01:38:07,300 आ रहा हूँ मैं। 651 01:38:08,133 --> 01:38:11,666 आ रहा हूँ न्याय के दो पैरों से अन्याय के दस सर कुचलने! 652 01:38:14,433 --> 01:38:16,733 आ रहा हूँ अपनी जानकी को ले जाने! 653 01:38:22,633 --> 01:38:24,166 आ रहा हूँ… 654 01:38:25,433 --> 01:38:27,733 अधर्म का विध्वंस करने। 655 01:39:48,633 --> 01:39:50,733 [विभीषण] मैं जानता हूँ, ये विश्वासघात है। 656 01:39:52,200 --> 01:39:54,166 अपने भाई के साथ छल है। 657 01:39:55,133 --> 01:39:57,766 लेकिन अपनी मात्रभूमि की रक्षा करने के लिए 658 01:39:58,466 --> 01:40:01,500 यदि अपने भाई के साथ विश्वासघात करना पड़े, 659 01:40:01,566 --> 01:40:02,600 तो यूँ ही सही। 660 01:40:03,633 --> 01:40:06,200 शायद इतिहास मुझे घर का भेदी कहे। 661 01:40:07,500 --> 01:40:10,400 मेरे मरने के बाद मुझे सम्मान से याद ना करे। 662 01:40:11,600 --> 01:40:15,533 लेकिन जीते जी मैं लंका का सर्वनाश होते हुए भी तो नहीं देख सकता। 663 01:40:21,100 --> 01:40:24,733 लंकेश जो कर रहे हैं वो सही नहीं है, राघव। 664 01:40:28,266 --> 01:40:31,433 मैं उनके विरुद्ध आपका साथ देना चाहता हूँ। 665 01:40:36,566 --> 01:40:38,366 और बदले में आप हमसे क्या चाहते हैं? 666 01:40:39,600 --> 01:40:41,366 एक वचन चाहता हूँ, राघव। 667 01:40:42,600 --> 01:40:45,533 आप लंकेश के कर्मों का दंड लंका को नहीं दें। 668 01:40:46,600 --> 01:40:48,300 लंकावासी निर्दोष हैं। 669 01:40:51,033 --> 01:40:53,233 मैं उनके लिए जीवनदान माँगने आया हूँ। 670 01:40:53,433 --> 01:40:55,266 क्या आपने पहले कभी युद्ध नहीं देखें? 671 01:40:57,100 --> 01:40:59,233 राजा के अच्छे और बुरे कर्मों का फल 672 01:41:00,033 --> 01:41:01,300 प्रजा को भुगतना ही पड़ता है। 673 01:41:05,533 --> 01:41:07,200 मेरा अपराधी रावण है। 674 01:41:07,600 --> 01:41:08,533 लंका नहीं। 675 01:41:10,433 --> 01:41:11,566 मैं वचन देता हूँ। 676 01:41:12,300 --> 01:41:15,233 इस युद्ध में कोई निर्दोष नहीं मारा जाएगा। 677 01:41:17,033 --> 01:41:21,033 और इस वचन के बदले मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए विभीषण। 678 01:41:23,133 --> 01:41:27,100 आप अपने भाई का साथ नहीं देना चाहते, आपकी इच्छा। 679 01:41:28,300 --> 01:41:31,300 लेकिन मेरा साथ देने के लिए भी आप विवश नहीं हैं। 680 01:41:36,533 --> 01:41:39,500 आप चाहें तो निष्पक्ष रह सकते हैं। 681 01:41:40,466 --> 01:41:43,633 धर्म और अधर्म के युद्ध में जो निष्पक्ष रहता है… 682 01:41:44,366 --> 01:41:46,133 उससे बड़ा और कोई अपराधी नहीं। 683 01:41:48,166 --> 01:41:49,666 मैं आपके साथ हूँ, राघव। 684 01:41:54,266 --> 01:41:55,600 मुझे स्वीकार करें। 685 01:42:07,400 --> 01:42:08,566 स्वागत है, मित्र। 686 01:42:16,700 --> 01:42:19,333 ये रुद्राक्ष हमारी मित्रता का प्रतीक है। 687 01:42:24,766 --> 01:42:26,533 हमारी लंका विजय के बाद… 688 01:42:28,600 --> 01:42:30,400 आप लंका के राजा होंगे। 689 01:42:33,366 --> 01:42:34,366 मैं क्यों राघव? 690 01:42:34,600 --> 01:42:36,566 खुद आपके पास राज्य नहीं है और… 691 01:42:37,100 --> 01:42:40,033 इस धरती का सबसे बड़ा साम्राज्य जीतने के बाद आप 692 01:42:40,233 --> 01:42:41,600 मुझे राजा क्यों बनाएँगे? 693 01:42:43,533 --> 01:42:45,133 आप खुद राजा क्यों नहीं बनेंगे? 694 01:42:45,533 --> 01:42:47,400 ये युद्ध मैं जानकी को पाने 695 01:42:48,300 --> 01:42:51,133 और रावण के अन्याय का अंत करने के लिए लड़ रहा हूँ। 696 01:42:53,100 --> 01:42:55,366 लंका पर राज करना मेरा लक्ष्य नहीं है। 697 01:43:02,366 --> 01:43:03,533 सत्ता और स्वर्ग 698 01:43:04,400 --> 01:43:06,733 दोनों का मोह आसानी से नहीं छूटता। 699 01:43:07,633 --> 01:43:09,266 राघव कोई देवता नहीं, 700 01:43:10,333 --> 01:43:11,233 मनुष्य है। 701 01:43:12,600 --> 01:43:18,000 और मनुष्य इतना त्यागी नहीं हो सकता कि अपना जीता हुआ राज्य किसी और को दे दे? 702 01:43:28,033 --> 01:43:29,033 तुम सुन रहे हो ना? 703 01:43:30,366 --> 01:43:33,700 उस दिन पूरी अयोध्या ऐसे जगमगा रही थी 704 01:43:34,400 --> 01:43:36,400 जैसे तारों से भरा आकाश। 705 01:43:38,266 --> 01:43:39,633 अयोध्या के युवराज, 706 01:43:40,533 --> 01:43:42,766 राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र, 707 01:43:43,500 --> 01:43:45,666 राघव का राज्य अभिषेक होने वाला था। 708 01:43:46,433 --> 01:43:47,333 और तभी… 709 01:43:48,300 --> 01:43:51,666 आपने मुझे दो वचन माँगने का अधिकार दिया था महाराज। 710 01:43:53,233 --> 01:43:54,300 आज माँगती हूँ। 711 01:43:56,066 --> 01:43:58,600 मेरे पुत्र भरत को अयोध्या का राज्य 712 01:44:00,233 --> 01:44:03,633 और राघव को 14 वर्षों का वनवास। 713 01:44:04,600 --> 01:44:06,366 कैकई! 714 01:44:15,533 --> 01:44:18,566 रघुकुल रीत सदा चली आई, 715 01:44:20,100 --> 01:44:21,033 प्राण जाए… 716 01:44:22,266 --> 01:44:23,333 पर वचन ना जाई। 717 01:44:28,733 --> 01:44:30,566 मुझे वनवास स्वीकार है पिता जी। 718 01:44:33,400 --> 01:44:34,300 अयोध्या… 719 01:44:35,200 --> 01:44:36,500 मेरे भाई भरत की। 720 01:44:54,600 --> 01:44:57,066 जो अपने पिता का वचन रखने के लिए, 721 01:44:58,100 --> 01:45:01,133 सिंहासन त्याग कर वनवासी बन सकते हैं, 722 01:45:03,200 --> 01:45:05,200 वो अपने वचन के लिए क्या करेंगे, 723 01:45:06,200 --> 01:45:07,266 तुम खुद सोच लो। 724 01:45:29,033 --> 01:45:30,766 देखो आज मैं खाली हाथ आया हूँ। 725 01:45:32,433 --> 01:45:33,533 दोनों हाथ खाली। 726 01:45:36,200 --> 01:45:38,166 तुम्हें कंकड़-पत्थर नहीं चाहिए ना, 727 01:45:39,300 --> 01:45:40,500 मैं लाया भी नहीं। 728 01:45:42,533 --> 01:45:44,600 अपने अंगरक्षक भी बाहर छोड़ आया हूँ, 729 01:45:45,333 --> 01:45:46,566 अपने हथियार भी। 730 01:45:47,500 --> 01:45:49,700 बस एक चीज़ बाहर नहीं छोड़ पाया, 731 01:45:50,400 --> 01:45:51,366 अपना हृदय। 732 01:45:52,633 --> 01:45:54,466 ये हृदय रख लो, जानकी। 733 01:45:55,233 --> 01:45:57,133 रख लो इसे और चलो मेरे साथ। 734 01:45:57,533 --> 01:45:59,500 मेरा प्रेम स्वीकार कर लो। 735 01:46:00,633 --> 01:46:02,266 ये कैसा प्रेम है, रावण? 736 01:46:05,533 --> 01:46:07,766 मुझे कोई ऐसी चीज़ दो जो कुछ दिन चले। 737 01:46:10,266 --> 01:46:12,300 तुम्हारा ये हृदय कितने दिन चलेगा? 738 01:46:15,300 --> 01:46:18,766 राघव का एक तीर धंसा और कहानी समाप्त। 739 01:46:21,566 --> 01:46:23,366 अब ये मत कहना कौन राघव, 740 01:46:23,700 --> 01:46:25,733 वर्ना मैं कहूँगी वो ही राघव, 741 01:46:26,533 --> 01:46:29,666 जिनके एक दूत ने तेरी लंका फूँक डाली। 742 01:46:30,400 --> 01:46:31,333 ज़रा सोच, 743 01:46:32,533 --> 01:46:34,000 अगर वो खुद आ गए, 744 01:46:35,400 --> 01:46:36,366 तो क्या होगा। 745 01:46:41,666 --> 01:46:43,133 तो तुम नहीं मानोगी। 746 01:46:47,166 --> 01:46:49,333 नहीं मानोगी तुम? 747 01:46:50,200 --> 01:46:54,033 तुम रावण का प्रेम ठुकरा रही हो, अब उसका प्रकोप देखोगी! 748 01:46:55,300 --> 01:46:58,366 तुम्हारे राघव के शव पर रोने वाला कोई नहीं होगा! 749 01:46:58,433 --> 01:47:01,133 पर उसे नोचने के लिए हज़ारों गिद्द ज़रूर होंगे! 750 01:47:01,200 --> 01:47:04,400 और मैं उसकी छाती पर पाँव गाड़ कर तांडव करूँगा। 751 01:47:04,666 --> 01:47:07,566 [संस्कृत में] भगवान शिव के मस्तिष्क पर धधकती अग्नि 752 01:47:07,633 --> 01:47:11,366 [संस्कृत में] ने कामदेव को भस्म कर दिया है। 753 01:47:14,233 --> 01:47:15,233 ऐसे। 754 01:47:19,566 --> 01:47:20,700 मान जाओ ना, जानकी! 755 01:47:23,400 --> 01:47:25,766 मैं जीवन भर तुम्हारा दास बनकर रहूँगा बस, 756 01:47:27,266 --> 01:47:28,466 एक बार मान जाओ। 757 01:47:44,500 --> 01:47:46,333 मैं जानता था नहीं मानेगी। 758 01:47:46,400 --> 01:47:47,500 जिद्दी है। 759 01:47:49,533 --> 01:47:51,300 जिद्दी वो नहीं, तू है। 760 01:47:52,033 --> 01:47:53,533 क्या चिल्ला रहा था वहाँ ज़ोर-ज़ोर से? 761 01:47:53,600 --> 01:47:55,200 तो और क्या करता? 762 01:47:55,266 --> 01:47:56,366 टूटती ही नहीं। 763 01:47:59,200 --> 01:48:01,566 वो मिथिला की राजकुमारी है, रावण। 764 01:48:02,266 --> 01:48:04,166 क्या उसे राजपाठ दिखा रहा है? 765 01:48:04,466 --> 01:48:06,700 मछली को पानी में डुबोकर नहीं मार सकते। 766 01:48:07,533 --> 01:48:09,366 कुछ तो कमज़ोरी होगी उसमें? 767 01:48:10,066 --> 01:48:11,333 [संस्कृत में] कुछ तो होगी ही। 768 01:48:11,766 --> 01:48:13,200 कमज़ोरी छोड़, 769 01:48:13,333 --> 01:48:14,766 उसकी ताकत सोच। 770 01:48:15,466 --> 01:48:16,633 राघव। 771 01:48:17,000 --> 01:48:18,600 उसकी ताकत पर वार कर। 772 01:48:19,333 --> 01:48:21,400 राघव के लिए उसका विश्वास तोड़ दे। 773 01:48:21,766 --> 01:48:23,500 किला अपने-आप टूट जाएगा। 774 01:49:03,666 --> 01:49:09,066 ♪ तेरे ही भरोसे हैं हम तेरे ही सहारे ♪ 775 01:49:09,633 --> 01:49:15,033 ♪ दुविधा की घड़ी में ये मन तुझ को ही पुकारे ♪ 776 01:49:16,166 --> 01:49:21,600 ♪ तेरे ही बल से है बल हमारा ♪ 777 01:49:22,100 --> 01:49:27,700 ♪ तू ही करेगा मंगल हमारा ♪ 778 01:49:28,066 --> 01:49:33,600 ♪ मंत्रों से बढ़के तेरा नाम ♪ 779 01:49:33,666 --> 01:49:39,566 ♪ जय श्री राम, जय श्री राम जय श्री राम, राजा राम ♪ 780 01:49:39,633 --> 01:49:45,600 ♪ जय श्री राम, जय श्री राम जय श्री राम, राजा राम ♪ 781 01:49:45,666 --> 01:49:51,600 ♪ जय श्री राम, जय श्री राम जय श्री राम, राजा राम ♪ 782 01:49:51,666 --> 01:49:57,633 ♪ जय श्री राम, जय श्री राम जय श्री राम, राजा राम ♪ 783 01:50:18,566 --> 01:50:19,533 जय लंकेश। 784 01:50:23,600 --> 01:50:29,200 वो दो मानव और उनके बंदर उतने निर्बल हैं नहीं जितना हमने सोचा था। 785 01:50:31,033 --> 01:50:33,000 सुना है राघव के पास जो तूणीर है 786 01:50:33,566 --> 01:50:35,366 उसमें से तीर समाप्त ही नहीं होते। 787 01:50:38,466 --> 01:50:40,466 समुद्र पर पुल बाँध लिया है उन्होंने। 788 01:50:41,633 --> 01:50:43,466 और लंका की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। 789 01:50:48,533 --> 01:50:51,333 निवाला अपने-आप खींचकर मुँह में आ गया। 790 01:50:53,066 --> 01:50:53,766 चबा ले। 791 01:50:56,666 --> 01:50:58,533 उसकी सेना में हज़ारों बंदर हैं। 792 01:50:59,400 --> 01:51:00,700 और कुछ तो उड़ते भी हैं। 793 01:51:00,766 --> 01:51:02,433 और एक जासूस भी है। 794 01:51:07,400 --> 01:51:09,166 रावण का जासूस। 795 01:51:30,300 --> 01:51:31,200 अद्भुत! 796 01:51:32,400 --> 01:51:33,566 बल और बुद्धि… 797 01:51:34,266 --> 01:51:36,000 दोनों में आपका कोई जोड़ नहीं। 798 01:51:38,300 --> 01:51:43,166 ऐसा नायक जिस सेना के पास हो, उसकी विजय तो ईश्वर भी नहीं रोक सकते हैं। 799 01:51:45,366 --> 01:51:46,400 मैं सोच रहा था। 800 01:51:47,166 --> 01:51:49,066 अब हमारी रणनीति क्या होनी चाहिए? 801 01:51:51,066 --> 01:51:52,700 हमें पहले वार करना चाहिए 802 01:51:53,500 --> 01:51:55,333 या उनके आक्रमण की प्रतीक्षा? 803 01:51:58,733 --> 01:52:02,666 और क्या बजरंग जैसे और भी वानर हैं जो उड़ सकते हैं? 804 01:52:17,433 --> 01:52:19,366 हैं ना, क्यों नहीं। 805 01:52:20,633 --> 01:52:22,266 अंगद, सुग्रीव, और… 806 01:52:25,033 --> 01:52:25,733 जामवंत। 807 01:52:27,400 --> 01:52:30,033 तीन और उड़ने वाले वानर हैं। 808 01:52:33,300 --> 01:52:35,033 ये क्या कर रहे हैं आप, राघव? 809 01:52:35,233 --> 01:52:36,133 छोड़िए! 810 01:52:36,733 --> 01:52:38,500 मित्र के साथ ऐसा व्यवहार! 811 01:52:39,200 --> 01:52:42,133 विभीषण अच्छे से जानते हैं कि जामवंत वानर नहीं, 812 01:52:43,666 --> 01:52:44,700 एक भालू हैं। 813 01:52:48,433 --> 01:52:49,433 कौन हो तुम? 814 01:53:15,566 --> 01:53:18,133 शत्रु को मारने से शत्रुता नहीं मरती। 815 01:53:20,100 --> 01:53:21,400 क्षमा करके देखते हैं। 816 01:53:25,033 --> 01:53:27,233 शायद इसके अंदर की करवाहट मर जाए। 817 01:53:29,433 --> 01:53:30,533 विभीषण कहाँ है? 818 01:53:43,666 --> 01:53:44,566 क्या चाहते हो? 819 01:53:46,466 --> 01:53:47,366 मैं शुख हूँ, 820 01:53:48,033 --> 01:53:48,766 लंकेश का 821 01:53:50,200 --> 01:53:51,200 गुप्तचर। 822 01:53:54,066 --> 01:53:55,433 भेद जानने आया था। 823 01:53:57,000 --> 01:53:57,700 कुछ मिला? 824 01:54:03,600 --> 01:54:04,500 अंगद, 825 01:54:06,600 --> 01:54:08,766 हमारे अतिथि को पूरी छावनी घुमाओ। 826 01:54:10,366 --> 01:54:11,766 एक-एक वानर वीर से मिलाओ। 827 01:54:12,766 --> 01:54:14,400 शस्त्रागार भी दिखाओ। 828 01:54:15,600 --> 01:54:17,700 और जब ये पूरी तरह संतुष्ट हो जाए, 829 01:54:18,566 --> 01:54:20,233 तो इन्हें सुरक्षित घर छोड़ आओ। 830 01:55:08,400 --> 01:55:11,000 तुझे अंदर के भेद चाहिए थे? 831 01:55:13,600 --> 01:55:14,733 ये देगा। 832 01:55:15,100 --> 01:55:16,700 चेतावनी मैं दूँगा। 833 01:55:17,600 --> 01:55:19,300 तेरे बीस कान हैं ना। 834 01:55:20,366 --> 01:55:23,166 बीसों इधर घुमा और ध्यान से सुन, 835 01:55:24,500 --> 01:55:26,366 दोबारा नहीं बोलूँगा। 836 01:55:28,600 --> 01:55:30,733 सवेरा होने से पहले, 837 01:55:32,066 --> 01:55:33,733 जानकी माँ हमें लौटा। 838 01:55:35,000 --> 01:55:37,600 "रघुपति राघव राजा राम" बोल, 839 01:55:38,033 --> 01:55:39,633 और अपनी जान बचा ले। 840 01:55:40,366 --> 01:55:42,266 वर्ना आज खड़ा है, 841 01:55:43,033 --> 01:55:44,766 कल लेटा हुआ मिलेगा। 842 02:01:31,100 --> 02:01:33,300 प्रतिघात! 843 02:04:52,566 --> 02:04:54,700 ये माया नहीं है बड़े भैया! 844 02:04:56,500 --> 02:04:59,166 छोटे का खेल समाप्त। 845 02:05:00,366 --> 02:05:04,000 अभी चुपचाप अपना तमाशा समेट और लंका से निकल! 846 02:05:04,500 --> 02:05:06,433 बहुत देख लिया तेरा बंदर नाच। 847 02:05:10,000 --> 02:05:13,033 सवेरे तक तुम में से कोई भी यहाँ दिखाई पड़ा… 848 02:05:13,100 --> 02:05:14,700 तो याद रखना… 849 02:05:16,200 --> 02:05:21,600 मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को समाप्त कर दिया। 850 02:05:22,066 --> 02:05:24,166 अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है। 851 02:05:32,633 --> 02:05:34,066 राघव, 852 02:05:36,066 --> 02:05:38,400 तेरे ये बंदर तो जंगली हैं, 853 02:05:39,266 --> 02:05:41,133 पर तू तो समझदार है ना? 854 02:05:42,766 --> 02:05:45,266 सवेरा होने से पहले… 855 02:06:11,533 --> 02:06:12,666 [विभीषण] ये बच सकते हैं। 856 02:06:18,066 --> 02:06:20,666 इंद्रजीत के नागपाश का केवल एक ही तोड़ है। 857 02:06:23,266 --> 02:06:24,633 मैंने कभी आज़माया तो नहीं… 858 02:06:27,200 --> 02:06:29,033 लेकिन कहते हैं वो अचूक है। 859 02:06:30,566 --> 02:06:32,000 अगर वो मिल जाए तो-- 860 02:06:32,066 --> 02:06:32,766 [सुग्रीव] नाम बताओ… 861 02:06:34,366 --> 02:06:35,266 कहाँ मिलेगा। 862 02:06:36,066 --> 02:06:37,000 संजीवनी। 863 02:06:41,033 --> 02:06:42,366 द्रोणागिरी पर्वत पर। 864 02:06:44,533 --> 02:06:45,433 द्रोणागिरी… 865 02:06:48,666 --> 02:06:50,533 वहाँ पहुँचने और लौटने में तो… 866 02:06:51,100 --> 02:06:52,433 कई दिन निकल जाएँगे। 867 02:06:56,700 --> 02:06:57,766 कैसे हो पाएगा? 868 02:07:01,300 --> 02:07:02,233 होगा। 869 02:07:04,266 --> 02:07:05,533 ज़रूर होगा। 870 02:07:17,400 --> 02:07:19,233 मैं संजीवनी को पहचानूँगा कैसे? 871 02:07:24,466 --> 02:07:26,166 संजीवनी ना फल है, 872 02:07:27,066 --> 02:07:29,333 ना पत्ती, ना फूल। 873 02:07:33,666 --> 02:07:35,566 ना वो मधुमास में हरी होती है। 874 02:07:36,766 --> 02:07:38,333 ना पतझड़ में पीली। 875 02:07:42,400 --> 02:07:44,133 ना उसमें कोई सुगंध होती है। 876 02:07:45,266 --> 02:07:46,366 ना कोई दुर्गंध। 877 02:07:53,433 --> 02:07:55,433 ना वो कमल की तरह कोमल होती है, 878 02:07:57,000 --> 02:07:58,433 ना बबूल की तरह कटीली। 879 02:08:10,633 --> 02:08:12,433 संजीवनी संजीवनी है। 880 02:08:14,600 --> 02:08:16,266 और ये ही उसकी पहचान है। 881 02:08:19,200 --> 02:08:21,000 [बजरंग की आवाज़] आज एक मूर्छित हुआ है, 882 02:08:22,566 --> 02:08:24,200 कल और भी हो सकते हैं। 883 02:08:25,733 --> 02:08:28,166 संजीवनी की आवश्यकता तो पड़ेगी। 884 02:08:29,433 --> 02:08:30,633 तत्पर रहना होगा। 885 02:11:39,000 --> 02:11:39,766 जय, लंकेश। 886 02:11:41,133 --> 02:11:43,400 मालिश के समय परेशान करने के लिए क्षमा करें। 887 02:11:44,333 --> 02:11:45,700 शेष बच गया लंकेश। 888 02:11:47,200 --> 02:11:49,366 इंद्रजीत के नागपाश का बस एक ही तोड़ है। 889 02:11:50,600 --> 02:11:52,233 और उसके बारे में कोई नहीं जानता है। 890 02:11:58,433 --> 02:11:59,633 विभीषण, 891 02:12:01,300 --> 02:12:02,633 विभीषण, 892 02:12:02,700 --> 02:12:04,666 विभीषण! 893 02:12:08,400 --> 02:12:12,066 इस विश्वासघात का दंड दूँगा तुझे। 894 02:12:14,666 --> 02:12:18,533 तेरे शरीर में मेरे वंश का जितना रक्त है, 895 02:12:19,700 --> 02:12:25,133 उसकी एक-एक बूंद निचोड़कर तुझे खाली ना कर दिया, 896 02:12:26,766 --> 02:12:29,700 तो मैं भी विश्रवा का पुत्र नहीं। 897 02:12:31,366 --> 02:12:33,200 लंकाभेदी। 898 02:12:41,433 --> 02:12:44,333 लंकेश युद्ध में पहले कभी पाँव नहीं रखते। 899 02:12:45,766 --> 02:12:49,133 उनसे पहले उनकी दो भुजाएँ मैदान में उतरेंगी। 900 02:12:50,333 --> 02:12:51,233 इंद्रजीत 901 02:12:51,433 --> 02:12:52,433 और कुंभकरण। 902 02:12:53,733 --> 02:12:55,400 इंद्रजीत तो मायावी है। 903 02:12:56,566 --> 02:12:58,300 हर विष का एक तोड़ होता है। 904 02:12:59,600 --> 02:13:01,366 और हर शत्रु की एक कमज़ोरी। 905 02:13:03,066 --> 02:13:04,666 इंद्रजीत की कमज़ोरी है 906 02:13:05,433 --> 02:13:06,466 स्वर्ण झील। 907 02:13:08,633 --> 02:13:11,133 हर युद्ध से पहले वो स्वर्ण झील में 908 02:13:11,200 --> 02:13:12,666 शक्ति स्नान करने जाता है। 909 02:13:14,300 --> 02:13:16,466 एक बार वो झील से बाहर आ गया, 910 02:13:17,233 --> 02:13:18,633 तो कोई उसे मार नहीं सकता। 911 02:13:20,633 --> 02:13:25,500 पर पानी में उसकी शक्तियाँ शून्य हो जाती हैं। 912 02:13:26,533 --> 02:13:27,700 तो अगर उसे मारना है, 913 02:13:29,266 --> 02:13:31,033 तो पानी के अंदर ही मारना होगा। 914 02:13:33,400 --> 02:13:36,466 लंकेश की दूसरी भुजा, कुंभकरण। 915 02:13:37,733 --> 02:13:40,500 वो इतना बलशाली है कि अगर वो ठान ले, 916 02:13:41,233 --> 02:13:43,266 तो इस धरती को घूमने से रोक दे। 917 02:13:44,733 --> 02:13:46,433 पर वो अभी सो रहे हैं। 918 02:13:47,466 --> 02:13:49,666 और छह महीनों तक उठने नहीं वाले। 919 02:13:52,366 --> 02:13:53,666 कल नवमी का दिन है 920 02:13:54,133 --> 02:13:57,200 और लंकेश शिव मंदिर में साधना कर रहे होंगे। 921 02:13:58,600 --> 02:14:03,466 चाहे कुछ भी हो जाए, वो अपनी साधना कभी भंग नहीं करेंगे। 922 02:14:04,533 --> 02:14:07,233 हम तीन दिशाओं से लंका पर आक्रमण करेंगे। 923 02:14:12,633 --> 02:14:14,033 वानरराज सुग्रीव। 924 02:14:14,666 --> 02:14:16,600 आप हमारी एक सेना के साथ 925 02:14:16,666 --> 02:14:19,233 उत्तर की दूसरी दीवार पर कूच करेंगे। 926 02:14:22,500 --> 02:14:23,400 शेष! 927 02:14:24,500 --> 02:14:26,000 विभीषण, अंगद और तुम, 928 02:14:26,266 --> 02:14:28,766 समुद्र द्वार पार करके स्वर्ण झील पहुँचोगे। 929 02:14:29,766 --> 02:14:32,733 और पानी के अंदर इंद्रजीत को समाप्त करोगे। 930 02:14:35,700 --> 02:14:39,100 मैं और बजरंग दीवार पार कर भीतर से शत्रु को मारेंगे। 931 02:14:42,200 --> 02:14:44,200 जिस टुकड़ी को मेरी आवश्यकता होगी, 932 02:14:45,566 --> 02:14:47,200 मैं वहाँ पहुँच जाऊँगा। 933 02:14:48,133 --> 02:14:50,766 पर इतनी जल्दी आप यहाँ से वहाँ पहुँचेंगे कैसे? 934 02:14:52,200 --> 02:14:54,400 ये ज़िम्मेदारी मेरे कंधों पर है। 935 02:14:58,766 --> 02:15:00,033 तैयार रहो। 936 02:15:28,700 --> 02:15:30,533 जिस प्रण के लिए हमने जंगल, 937 02:15:30,600 --> 02:15:32,266 पर्वत और सागर लाँघे… 938 02:15:33,200 --> 02:15:35,366 उसे पूरा करने का समय आ गया है। 939 02:15:38,066 --> 02:15:40,000 शत्रु की सेना बहुत बड़ी है, 940 02:15:40,666 --> 02:15:43,200 पर हमारे पास केवल एक विश्वास है! 941 02:15:43,533 --> 02:15:45,466 हम सत्य के लिए लड़ रहे हैं। 942 02:15:47,500 --> 02:15:49,233 ये लड़ाई सरल नहीं होगी। 943 02:15:51,033 --> 02:15:52,733 कई बार विश्वास डोलेगा, 944 02:15:55,300 --> 02:15:59,066 कई बार तलवार की मूठ पर हाथों की पकड़ ढीली पड़ जाएगी, 945 02:16:00,433 --> 02:16:06,433 कई बार विचार आएगा कि बस! बस! अब और नहीं लड़ सकते। 946 02:16:09,266 --> 02:16:12,333 लेकिन शस्त्र छोड़ने से पहले एक बार ये सोच लेना 947 02:16:12,400 --> 02:16:15,400 कि क्या उत्तर दोगे इस धरती की हस्ती को। 948 02:16:17,433 --> 02:16:21,066 कि ये सत्य से पराजित होकर जीवित कैसे लौटा? 949 02:16:25,766 --> 02:16:28,000 सत्य परेशान हो सकता है 950 02:16:28,533 --> 02:16:29,700 पराजित नहीं। 951 02:16:30,700 --> 02:16:33,366 हर हर महादेव! 952 02:16:33,433 --> 02:16:36,333 हर हर महादेव! 953 02:16:38,033 --> 02:16:39,266 ये मेरी लड़ाई थी, 954 02:16:40,166 --> 02:16:41,666 जिससे तुम सब जुड़ गए। 955 02:16:43,600 --> 02:16:44,566 मैं आभारी हूँ। 956 02:16:48,233 --> 02:16:49,299 लेकिन आज… 957 02:16:51,000 --> 02:16:52,566 आज मेरे लिए मत लड़ना! 958 02:16:54,066 --> 02:16:55,366 अपने लिए लड़ना। 959 02:16:56,200 --> 02:16:57,333 उस दिन के लिए लड़ना, 960 02:16:57,400 --> 02:17:02,033 जब हज़ारों वर्षों बाद तुम्हारी गाथाएँ सुनाकर माँएँ बेटों को बड़ा करेंगी। 961 02:17:04,766 --> 02:17:06,066 उस दिन के लिए लड़ना, 962 02:17:06,133 --> 02:17:09,400 जब भारत की किसी बेटी पर हाथ डालने से पहले दुराचारी 963 02:17:09,466 --> 02:17:12,299 तुम्हारा पौरुष याद करके थर्रा उठेगा। 964 02:17:14,266 --> 02:17:15,566 उस दिन के लड़ना, 965 02:17:16,700 --> 02:17:21,600 जब इतिहास में तुम्हारा नाम पढ़कर सम्मान से सर झुक जाएगा। 966 02:17:24,533 --> 02:17:26,133 मेरे लिए मत लड़ना! 967 02:17:27,333 --> 02:17:28,633 अपने लिए लड़ना! 968 02:17:29,433 --> 02:17:31,533 अपनी मर्यादा के लिए लड़ना! 969 02:17:33,299 --> 02:17:34,266 लड़ोगे? 970 02:17:34,333 --> 02:17:35,633 -लड़ेंगे! -लड़ेंगे! 971 02:17:36,766 --> 02:17:38,033 तो आगे बढ़ो 972 02:17:39,166 --> 02:17:43,133 और गाड़ दो अहंकार की छाती में विजय का भगवाध्वज! 973 02:17:43,533 --> 02:17:46,666 -राघव जहाँ। -विजय वहाँ। 974 02:17:48,233 --> 02:17:51,466 -राघव जहाँ। -विजय वहाँ। 975 02:17:52,000 --> 02:17:55,666 -राघव जहाँ। -विजय वहाँ। 976 02:17:55,733 --> 02:17:58,766 -राघव जहाँ। -विजय वहाँ। 977 02:17:59,033 --> 02:18:02,033 -राघव जहाँ। -विजय वहाँ। 978 02:31:45,033 --> 02:31:46,566 मैं जानता हूँ, आप मेरे साथ हैं, 979 02:31:48,166 --> 02:31:49,733 और मेरी जीत निश्चित है। 980 02:31:53,500 --> 02:31:55,066 लेकिन मैं हार भी गया ना… 981 02:31:59,433 --> 02:32:00,633 तो मैं आ रहा हूँ। 982 02:43:59,066 --> 02:44:00,166 [ब्रह्मा की आवाज़] मैं… 983 02:44:00,366 --> 02:44:02,233 जगतपिता ब्रह्मा… 984 02:44:05,100 --> 02:44:06,700 तुम्हें ये वरदान देता हूँ 985 02:44:11,500 --> 02:44:13,566 कि ना दिन में ना रात में, 986 02:44:16,633 --> 02:44:18,666 ना जल में ना वायु में 987 02:44:20,033 --> 02:44:21,266 ना धरती पर… 988 02:44:26,433 --> 02:44:27,566 ना आसमान में 989 02:44:31,533 --> 02:44:33,300 ना किसी देव, 990 02:44:37,033 --> 02:44:39,133 किसी दानव के हाथों से… 991 02:44:42,266 --> 02:44:44,100 तुम्हें मृत्यु नहीं मिलेगी।