1 00:00:37,412 --> 00:00:41,291 हम तीनों फिर कब मिलेंगे? 2 00:00:41,375 --> 00:00:45,838 गरजते बादलों, कड़कती बिजली या बारिश में? 3 00:00:45,921 --> 00:00:49,258 जब यह सारा हंगामा समाप्त हो जाएगा। 4 00:00:49,341 --> 00:00:53,303 जब युद्ध में विजय और पराजय हो चुकी होगी। 5 00:00:53,387 --> 00:00:54,805 किस जगह मिलेंगे? 6 00:00:54,888 --> 00:00:56,390 खुले मैदान में मिलेंगे। 7 00:00:56,974 --> 00:01:00,644 वहाँ हमारी मुलाकात मैकबेथ से होगी। वहाँ हमारी मुलाकात मैकबेथ से होगी। 8 00:01:01,144 --> 00:01:05,691 जो अच्छा है, वह बुरा है और जो बुरा है, वह अच्छा है। 9 00:01:06,400 --> 00:01:11,196 चलो धुँध और गंदी हवा में से उड़ चलें। 10 00:02:26,146 --> 00:02:27,940 अभिवादन, वीर दोस्त। 11 00:02:28,857 --> 00:02:32,444 महाराज को बताओ युद्ध में क्या हो रहा था जब तुम वहाँ से आए। 12 00:02:33,278 --> 00:02:34,655 कुछ समय तक कुछ निश्चित नहीं था। 13 00:02:35,697 --> 00:02:39,535 दोनों सेनाएँ ऐसे थीं जैसे दो थके तैराक एक-दूसरे को जीतने से रोकने के लिए आपस में चिपटे हुए हों। 14 00:02:40,369 --> 00:02:41,787 निर्दयी मैकडॉनल्ड, 15 00:02:42,371 --> 00:02:44,498 जिसकी किस्मत मुस्कुराते हुए उसका साथ दे रही थी, 16 00:02:44,581 --> 00:02:46,625 जैसे कोई वेश्या अपने ग्राहक का समर्थन करती है। 17 00:02:47,417 --> 00:02:48,961 पर सब व्यर्थ साबित हुआ। 18 00:02:49,044 --> 00:02:51,922 क्योंकि शूरवीर मैकबेथ... कितना जँचता है यह नाम उस पर... 19 00:02:52,005 --> 00:02:56,343 किस्मत के विरुद्ध अपना अवसर तलाशता हुआ, शत्रु के लहू से सनी अपनी तलवार लहराते हुए, 20 00:02:56,426 --> 00:03:00,055 पराक्रम के सेवक की तरह सबको काट कर अपना रास्ता बनाता हुआ विद्रोही तक जा पहुँचा। पराक्रम के सेवक की तरह सबको काट कर अपना रास्ता बनाता हुआ विद्रोही तक जा पहुँचा। 21 00:03:01,473 --> 00:03:04,309 बिना किसी अभिवादन या विदाई के, 22 00:03:04,393 --> 00:03:07,729 नाभि से गर्दन तक चीर दिया उसको 23 00:03:07,813 --> 00:03:09,648 और उसका सिर हमारी प्राचीरों पर लटका दिया। 24 00:03:10,232 --> 00:03:12,985 दिलेर भाई। विलक्षण योद्धा। 25 00:03:13,068 --> 00:03:14,862 परंतु जैसे ही अपने शौर्य से मैकबेथ ने 26 00:03:14,945 --> 00:03:17,948 आयरिश सैनिकों को सिर पर पैर रखकर भागने को मजबूर किया... 27 00:03:19,283 --> 00:03:23,078 अवसर देखकर, नॉर्वेगियन राजा ने चमचमाते हथियारों 28 00:03:23,161 --> 00:03:25,414 और नई सेना के साथ पुनः हमला कर दिया। 29 00:03:25,497 --> 00:03:28,292 क्या इससे हमारे कप्तान, मैकबेथ और बैंक्वो, भयभीत नहीं हुए? 30 00:03:28,917 --> 00:03:29,918 हाँ। 31 00:03:31,712 --> 00:03:36,258 जैसे गौरैया को देखकर बाज़ या खरगोश को देखकर शेर भयभीत होते हैं। 32 00:03:36,341 --> 00:03:39,011 उन्होंने शत्रु पर दोगुने बल से प्रहार करने शुरू किए। 33 00:03:39,845 --> 00:03:41,138 मैं और नहीं बता सकता। 34 00:03:43,515 --> 00:03:45,017 मेरे घावों को उपचार की आवश्यकता है। 35 00:03:49,771 --> 00:03:50,939 महाराज की जय हो। 36 00:03:51,857 --> 00:03:53,984 कहाँ से आ रहे हो, वीर सामंत? 37 00:03:54,067 --> 00:03:56,236 फ़ाइफ़ से, महाराज, 38 00:03:56,320 --> 00:04:00,199 जहाँ गगन में फहराते नॉर्वेगियन झंडे हमारी जनता के दिलों में दहशत पैदा कर रहे हैं। जहाँ गगन में फहराते नॉर्वेगियन झंडे हमारी जनता के दिलों में दहशत पैदा कर रहे हैं। 39 00:04:00,282 --> 00:04:07,122 स्वयं नोर्वे के राजा ने, एक विशाल सेना लेकर और उस विश्वासघाती राजद्रोही, कॉडोर के सामंत के 40 00:04:07,206 --> 00:04:10,667 सहयोग से घमासान युद्ध आरंभ कर दिया। 41 00:04:11,335 --> 00:04:14,963 जब तक मैकबेथ और बैंक्वो कवच पहनकर 42 00:04:15,047 --> 00:04:17,673 उसका सामना करने के लिए रणभूमि में नहीं आ गए। 43 00:04:18,257 --> 00:04:23,347 वार पर वार, घात पर प्रतिघात करते हुए उन्होंने उसके जोश पर पानी फेर दिया 44 00:04:23,430 --> 00:04:25,057 और अंत में... 45 00:04:26,266 --> 00:04:27,476 विजय हमारी हुई। 46 00:04:27,559 --> 00:04:28,852 कितनी प्रसन्नता। 47 00:04:29,853 --> 00:04:33,148 अब कॉडोर का सामंत हमें कभी धोखा नहीं दे पाएगा। 48 00:04:33,232 --> 00:04:35,192 - हाँ। - जाओ जाकर उसके मृत्युदंड की घोषणा करो। 49 00:04:35,275 --> 00:04:36,360 आज्ञा का पालन होगा। 50 00:04:36,443 --> 00:04:37,819 और उसकी पूर्व पदवी से... 51 00:04:39,071 --> 00:04:40,322 मैकबेथ का स्वागत करो। 52 00:05:14,231 --> 00:05:16,692 तुम कहाँ थीं, बहन? 53 00:05:18,235 --> 00:05:19,862 सुअर मार रही थी। 54 00:05:22,072 --> 00:05:25,200 बहन, तुम कहाँ थीं? 55 00:05:27,536 --> 00:05:28,996 देखो मेरे पास क्या है। 56 00:05:29,496 --> 00:05:31,623 दिखाओ मुझे। मुझे दिखाओ! 57 00:05:32,624 --> 00:05:39,089 यह मेरे पास एक नाविक का अंगूठा है जिसका जहाज़ घर लौटते समय तूफ़ान में डूब गया। 58 00:05:41,175 --> 00:05:43,802 नगाड़ा। नगाड़ा बज रहा है! 59 00:05:45,053 --> 00:05:46,638 मैकबेथ आ रहा है। 60 00:05:47,556 --> 00:05:48,932 हाँ। 61 00:05:49,766 --> 00:05:52,019 एक छलनी में बैठ कर मैं तैर कर जाऊँगी। 62 00:05:52,102 --> 00:05:55,981 और एक बिना पूँछ वाली चुहिया बन, मैं उसे तंग करती जाऊँगी, करती जाऊँगी, करती जाऊँगी। 63 00:05:57,065 --> 00:06:00,652 उसके अंदर से जीवन का सारा रस चूस कर उसे सूखी घास सा सुखा दूँगी। उसके अंदर से जीवन का सारा रस चूस कर उसे सूखी घास सा सुखा दूँगी। 64 00:06:01,778 --> 00:06:05,365 चाहे दिन हो या रात... 65 00:06:05,449 --> 00:06:08,118 नींद उसकी पलकों पर कभी दस्तक नहीं देगी। 66 00:06:08,202 --> 00:06:11,413 उसका जीवन श्राप से ग्रस्त होगा। 67 00:06:12,206 --> 00:06:16,293 इक्यासी सप्ताह तक थका-माँदा रहकर, 68 00:06:16,376 --> 00:06:20,380 वह दुर्बल होकर, मुरझाया हुआ, घुल-घुल कर समाप्त हो जाएगा। 69 00:06:20,464 --> 00:06:24,051 हम चुड़ैल बहनें, एक-दूसरे का हाथ पकड़। 70 00:06:24,134 --> 00:06:27,346 समुद्र की लहरों और धरती पर तेज़ी से चलने वाली। 71 00:06:27,429 --> 00:06:30,057 गोल दायरे में नाचेंगी। 72 00:06:30,140 --> 00:06:33,393 तीन बार तुम नाचो और तीन बार मैं। 73 00:06:33,477 --> 00:06:35,521 और तीन बार फिर से, ताकि बन जाएँ... 74 00:06:37,606 --> 00:06:38,690 नौ चक्कर। 75 00:07:00,462 --> 00:07:01,463 शांत हो जाओ। 76 00:07:02,714 --> 00:07:04,591 टोना पूरा हो गया है। 77 00:07:09,721 --> 00:07:13,809 इतना अच्छा और उतना ही बुरा दिन मैंने अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा। 78 00:07:15,352 --> 00:07:16,979 फ़ॉरेस अभी कितनी दूर है? 79 00:07:22,484 --> 00:07:25,529 ये कौन हैं? कितनी कुम्हलाई हुई और कैसे अजीब कपड़े पहने हैं, 80 00:07:25,612 --> 00:07:28,824 कि यह इस धरती की प्राणी नहीं लगतीं पर फिर भी ये यहाँ हैं। 81 00:07:28,907 --> 00:07:31,118 तुम जीवित हो? या ऐसी चीज़ हो जिस पर मनुष्य को संदेह करना चाहिए? 82 00:07:33,078 --> 00:07:36,915 बोलो, अगर तुम बोल सकती हो। क्या हो तुम? 83 00:07:39,209 --> 00:07:40,794 सब लोग मैकबेथ की जय बोलो। 84 00:07:41,420 --> 00:07:43,505 तुम्हारी जय हो, ग्लाम्स के सामंत। 85 00:07:43,589 --> 00:07:48,135 सब लोग मैकबेथ की जय बोलो। तुम्हारी जय हो, कॉडोर के सामंत! 86 00:07:50,012 --> 00:07:51,722 सब लोग मैकबेथ की जय बोलो। 87 00:07:52,681 --> 00:07:55,934 जो भविष्य के सम्राट होंगे। 88 00:07:57,686 --> 00:08:00,772 क्या तुम कोई छलावा हो? या वही हो जो नज़र आ रही हो? क्या तुम कोई छलावा हो? या वही हो जो नज़र आ रही हो? 89 00:08:01,523 --> 00:08:03,275 अगर तुम भविष्य में झांक सकती हो 90 00:08:03,358 --> 00:08:06,195 और बता सकती हो कि आने वाले समय में क्या होगा और क्या नहीं, 91 00:08:06,278 --> 00:08:09,698 तो मेरे बारे में बताओ, जो तुमसे ना कृपा माँगता है और ना ही तुम्हारी कृपा या तुम्हारी घृणा से डरता है। 92 00:08:09,781 --> 00:08:12,492 मैकबेथ से कम, और ज़्यादा महान भी। 93 00:08:13,243 --> 00:08:17,039 उतना प्रसन्न नहीं, पर ज़्यादा प्रसन्न भी। 94 00:08:18,248 --> 00:08:23,003 तुम्हारे वंशज सम्राट बनेंगे, पर तुम नहीं बनोगे। 95 00:08:24,630 --> 00:08:27,049 तो सब लोग, मैकबेथ और बैंक्वो की जय बोलो। 96 00:08:27,132 --> 00:08:29,885 बैंक्वो और मैकबेथ। 97 00:08:31,803 --> 00:08:33,429 सब जय बोलो। 98 00:08:37,768 --> 00:08:40,020 रुको। तुमने बात अधूरी छोड़ दी। मुझे पूरी बात बताओ। 99 00:08:41,855 --> 00:08:44,942 मैं जानता हूँ मैं ग्लाम्स का सामंत हूँ, पर कॉडोर का कैसे? 100 00:08:45,025 --> 00:08:47,778 कॉडोर का सामंत जीवित है और एक सम्पन्न सज्जन है। 101 00:08:47,861 --> 00:08:50,656 और सम्राट बनना तो कल्पना से भी परे है। 102 00:08:50,739 --> 00:08:52,991 इतनी अजीब जानकारी तुम कहाँ से लाई हो? 103 00:08:53,075 --> 00:08:57,496 इस वीरान जगह पर क्यों तुमने हमें रोक कर यह भविष्यवाणी बताई है? 104 00:09:12,427 --> 00:09:14,888 जैसे पानी में बुलबुले होते हैं, वैसे ही धरती में भी होते हैं। 105 00:09:14,972 --> 00:09:18,517 वे उन्हीं बुलबुलों में से आई होंगी। वे गायब कहाँ हो गई हैं? 106 00:09:19,226 --> 00:09:22,437 जो अभी शारीरिक रूप में दिख रही थीं, हवा में श्वास की तरह घुल गई हैं। 107 00:09:23,480 --> 00:09:24,857 काश वे कुछ देर और रुक जातीं। 108 00:09:41,164 --> 00:09:43,500 जिनकी हम बात कर रहे हैं, क्या वे सच में यहाँ थीं? 109 00:09:44,418 --> 00:09:48,881 या हमने कुछ नशीला पदार्थ खा लिया है जिससे हम अपने होश गँवा बैठे हैं? 110 00:09:49,631 --> 00:09:51,175 तुम्हारे पुत्र सम्राट बनेंगे। 111 00:09:51,258 --> 00:09:52,968 तुम सम्राट बनोगे। 112 00:09:53,051 --> 00:09:56,722 और कॉडोर का सामंत भी। यही कहा था उन्होंने? 113 00:09:58,724 --> 00:10:00,684 बिल्कुल यही शब्द थे उनके। बिल्कुल यही शब्द थे उनके। 114 00:10:12,070 --> 00:10:17,910 द ट्रैजेडी ऑफ़ मैकबेथ 115 00:10:19,453 --> 00:10:20,579 कौन है वहाँ? 116 00:10:28,378 --> 00:10:32,883 सम्राट आपकी सफलता का समाचार पाकर बहुत प्रसन्न हुए, मैकबेथ। 117 00:10:32,966 --> 00:10:37,471 और जब उन्होंने विद्रोहियों के विरुद्ध युद्ध में आपके पराक्रम के कारनामे सुने, 118 00:10:37,554 --> 00:10:42,184 अपने असीम अचरज और प्रशंसा के कारण वे समझ नहीं पाए कि इस विजय का श्रेय स्वयं को दें या आपको। 119 00:10:42,267 --> 00:10:45,187 सम्राट ने हमें आभार व्यक्त करने के लिए भेजा है। 120 00:10:45,270 --> 00:10:48,232 और हमें आपको केवल उनके पास ले जाने का आदेश दिया गया है, आपको पुरस्कृत करने का नहीं। 121 00:10:48,315 --> 00:10:53,028 और आपके पारितोषिक की एक झलक दिखलाने के लिए, 122 00:10:53,111 --> 00:10:56,532 उन्होंने मुझे आदेश दिया है कि आपको कॉडोर का सामंत कहकर संबोधित करूँ। 123 00:10:57,741 --> 00:11:03,247 तो आपकी जय हो, सबसे आदरणीय सामंत। तो आपकी जय हो, सबसे आदरणीय सामंत। 124 00:11:04,122 --> 00:11:05,290 क्योंकि अब यह पदवी आपकी है। 125 00:11:06,708 --> 00:11:08,335 क्या, शैतान के मुख से भी सच निकल सकता है? 126 00:11:08,418 --> 00:11:12,256 कॉडोर का सामंत जीवित है। इन उधार के वस्त्रों से मुझे क्यों सजाना चाहते हो? 127 00:11:12,339 --> 00:11:15,509 जो सामंत था, वह अब तक जीवित है, 128 00:11:16,343 --> 00:11:21,932 पर उसे मृत्युदंड सुनाया जा चुका है और उसे जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं है। 129 00:11:22,516 --> 00:11:25,769 वह नॉर्वे के लोगों के साथ मिला हुआ था, 130 00:11:25,853 --> 00:11:28,814 या उसने विद्रोहियों की छिप कर मदद की और उन्हें अवसर प्रदान किए, 131 00:11:28,897 --> 00:11:33,151 या दोनों के साथ मिलकर उसने अपने देश को नष्ट करने की साजिश की, यह मुझे नहीं पता। 132 00:11:33,235 --> 00:11:38,115 पर वह देशद्रोह के आरोप स्वीकार कर चुका है और वे साबित भी हो चुके हैं... 133 00:11:40,492 --> 00:11:41,827 इसलिए उसका दंड निश्चित है। 134 00:11:51,211 --> 00:11:52,671 इतना कष्ट उठाने के लिए धन्यवाद। 135 00:11:56,258 --> 00:11:58,093 जैसा कहा था, ग्लाम्स और कॉडोर का सामंत। 136 00:11:59,303 --> 00:12:01,722 सबसे बड़ी भविष्यवाणी अभी शेष है। सबसे बड़ी भविष्यवाणी अभी शेष है। 137 00:12:01,805 --> 00:12:03,807 क्या तुम आशा नहीं कर रहे कि तुम्हारे पुत्र सम्राट बनेंगे? 138 00:12:03,891 --> 00:12:07,144 जिन्होंने मेरे कॉडोर का सामंत बनने की बात कही थी, उन्होंने ही तो उनके सम्राट बनने की सूचना दी थी? 139 00:12:07,227 --> 00:12:11,398 अगर उनकी बात पर विश्वास करते हो, तो फिर तो कॉडोर का सामंत बनने के साथ तुम्हारे दिल में 140 00:12:11,481 --> 00:12:13,358 सम्राट का मुकुट पाने की आकांक्षा भी सुलग गई होगी। 141 00:12:13,442 --> 00:12:15,027 पर यह अजीब है। 142 00:12:15,819 --> 00:12:18,447 और अक़सर, हमारा सर्वनाश करने के लिए, 143 00:12:19,364 --> 00:12:21,825 अंधकार के दूत हमें सत्य के कुछ हिस्से बताते हैं, 144 00:12:21,909 --> 00:12:27,039 छोटे-छोटे सत्य बताकर हमारा विश्वास जीतते हैं और गंभीर परिस्थितियों में हमारे साथ विश्वासघात करते हैं। 145 00:12:34,004 --> 00:12:37,508 यह अमानुषी संपर्क न तो अच्छा हो सकता है, न ही बुरा हो सकता है। 146 00:12:39,009 --> 00:12:42,304 यदि यह बुरा है तो इसने मुझे सफलता का संदेश क्यों दिया जो सत्य सिद्ध हुआ? 147 00:12:42,387 --> 00:12:44,556 मैं कॉडोर का सामंत बन गया हूँ। 148 00:12:48,268 --> 00:12:52,731 यदि यह अच्छा है तो क्यों मेरे मन में ऐसा विचार उपजा है जिसकी कल्पना मात्र से मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं 149 00:12:52,814 --> 00:12:56,610 और भय के मारे कलेजा मुँह को आ रहा है? 150 00:13:03,325 --> 00:13:06,078 मेरी भयावह कल्पनाएँ मेरे वर्तमान ख़तरों से अधिक भीषण हैं। 151 00:13:06,828 --> 00:13:09,039 हत्या करने का काल्पनिक विचार मात्र ही 152 00:13:09,122 --> 00:13:13,377 मुझे इतनी बुरी तरह झकझोर रहा है कि मैं हाथ भी हिला नहीं पा रहा हूँ, 153 00:13:14,169 --> 00:13:16,296 पर मेरे मन की कल्पना से अधिक वास्तविक कुछ नहीं लग रहा। 154 00:13:17,798 --> 00:13:22,553 यदि नियति में मेरा सम्राट बनना लिखा है तो शायद मेरे कुछ किए बिना ही नियति मुझे सम्राट बना दे। 155 00:13:26,890 --> 00:13:28,308 जो होना होगा वह हो जाएगा। 156 00:13:29,893 --> 00:13:32,354 बुरे से बुरे दिन भी समय बीतने के साथ समाप्त हो जाते हैं। 157 00:13:35,399 --> 00:13:37,693 "वे मुझे मेरी विजय के दिन मिली थीं। 158 00:13:37,776 --> 00:13:39,736 और मैं आश्वस्त हो चुका हूँ, 159 00:13:39,820 --> 00:13:42,281 कि उनके पास मनुष्यों से अधिक जानकारी पाने की अलौकिक शक्ति है। 160 00:13:42,823 --> 00:13:45,409 जब मैं उनसे और प्रश्न पूछने को अधीर था, 161 00:13:45,492 --> 00:13:48,579 वे हवा बनकर लुप्त हो गईं। 162 00:13:49,079 --> 00:13:51,248 जब मैं किंकर्तव्यविमूढ़ सा खड़ा था, 163 00:13:51,331 --> 00:13:56,003 सम्राट के दूत आए जिन्होंने मुझे 'कॉडोर का सामंत' कहकर संबोधित किया, 164 00:13:56,086 --> 00:13:58,922 और इसी पदवी से, उससे पहले उन चुड़ैल बहनों ने मुझे पुकारा था 165 00:13:59,006 --> 00:14:04,136 और उन्होंने यह भी कहा था कि समय आने पर मैं 'सम्राट' बनूँगा। और उन्होंने यह भी कहा था कि समय आने पर मैं 'सम्राट' बनूँगा। 166 00:14:06,930 --> 00:14:10,809 मैंने यह समाचार तुम्हें भेजा है, मेरे जीवन के सुख और ऐश्वर्य की संगिनी, 167 00:14:10,893 --> 00:14:13,312 ताकि तुम आने वाले अपने सुख और गौरव से अनजान रहकर 168 00:14:13,395 --> 00:14:16,815 उसका आनंद उठाने से वंचित न रह जाओ। 169 00:14:18,233 --> 00:14:20,444 इस जानकारी को अपने दिल में छिपा कर रखना, और विदा।" 170 00:14:26,074 --> 00:14:29,244 ग्लाम्स तो तुम हो ही और कॉडोर भी बन गए हो। 171 00:14:29,912 --> 00:14:32,539 और जिस चीज़ का तुमसे वादा किया गया है, वह भी तुम बन जाओगे। 172 00:14:33,874 --> 00:14:35,584 पर मुझे तुम्हारे स्वभाव से डर लगता है। 173 00:14:36,084 --> 00:14:40,714 उसमें इतनी करुणा और संवेदना भरी है कि वह अपने लक्ष्य तक पहुँचने की आसान राह नहीं ढूँढेगा। 174 00:14:42,424 --> 00:14:43,634 तुम महान बनना चाहते हो। 175 00:14:43,717 --> 00:14:48,138 तुममें महत्वाकांक्षा भी है पर उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक कुटिलता नहीं है। 176 00:14:50,015 --> 00:14:53,727 तुम जो पाने के लिए इतने लालायित हो, उसे सम्मानपूर्वक पाना चाहते हो। 177 00:14:53,810 --> 00:14:58,023 तुम बिना कोई पाप किए वह प्राप्त करना चाहते हो जिस पर तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है। 178 00:15:03,111 --> 00:15:05,113 जल्दी से वापस आओ, 179 00:15:06,406 --> 00:15:09,451 ताकि मैं अपने हृदय का साहस तुम्हारे कानों में उड़ेल दूँ। 180 00:15:09,535 --> 00:15:12,120 और अपनी वाणी के साहस से वे सब बाधाएँ हटा दूँ, 181 00:15:12,204 --> 00:15:15,624 जो तुम्हारे राजमुकुट पाने की राह रोक रही हैं। 182 00:15:36,311 --> 00:15:38,480 क्या कॉडोर को मृत्युदंड मिल चुका? 183 00:15:38,564 --> 00:15:39,606 मेरे स्वामी। 184 00:15:40,691 --> 00:15:43,277 मैंने एक ऐसे व्यक्ति से बात की जिसने उसे मरते हुए देखा था। 185 00:15:43,360 --> 00:15:46,989 उसने बताया कि कॉडोर ने स्पष्ट रूप से राजद्रोह का अपराध स्वीकार किया था, 186 00:15:47,072 --> 00:15:51,410 और गहरा पश्चाताप व्यक्त करते हुए महाराज से क्षमा का निवेदन किया था। 187 00:15:51,493 --> 00:15:55,289 जीवन भर उसने कभी कोई काम इतनी अच्छी तरह नहीं किया जिस तरह मौत को गले लगाया। 188 00:15:55,372 --> 00:15:59,293 उसने इस तरह से अपने प्राण त्यागे जैसे उसने इसका अभ्यास किया हो 189 00:15:59,376 --> 00:16:03,338 कि अपनी सबसे प्यारी चीज़ को कैसे एक तुच्छ वस्तु की भांति फेंका जाता है। कि अपनी सबसे प्यारी चीज़ को कैसे एक तुच्छ वस्तु की भांति फेंका जाता है। 190 00:16:04,173 --> 00:16:08,010 ऐसी कोई कला नहीं जिससे आप व्यक्ति के मन के भाव उसके चेहरे पर पढ़ पाएँ। 191 00:16:09,761 --> 00:16:14,683 वह एक ऐसा व्यक्ति था जिस पर हमने अटूट विश्वास किया था। 192 00:16:17,227 --> 00:16:18,937 ओ हमारे सबसे योग्य बंधु। 193 00:16:20,189 --> 00:16:23,317 हमारी अकृतज्ञता का भार अब भी हमारे सीने पर पत्थर सा पड़ा है। 194 00:16:24,651 --> 00:16:29,031 हम बस इतना ही कह सकते हैं कि हम तुम्हें चाहे जितना भी पुरस्कृत करें, तुम उससे अधिक के हक़दार हो। 195 00:16:29,114 --> 00:16:32,576 आपकी स्वामीभक्ति और सेवा करने का अवसर अपने-आप में मेरा पुरस्कार है। 196 00:16:32,659 --> 00:16:34,161 तुम्हारा स्वागत है। 197 00:16:36,622 --> 00:16:41,210 हमने तुम्हारी प्रगति का बीज रोप दिया है और अब इसे फलता-फूलता देखने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। 198 00:16:44,379 --> 00:16:47,466 श्रेष्ठ बैंक्वो, तुम भी कम प्रशंसा के अधिकारी नहीं हो, 199 00:16:47,549 --> 00:16:49,468 और तुम्हारी शोहरत भी चारों ओर फैलनी चाहिए। 200 00:16:49,551 --> 00:16:52,638 हमारे समीप आओ, हम तुम्हें अपने हृदय से लगा लें। 201 00:16:52,721 --> 00:16:55,516 आपके हृदय में रहकर मैंने कोई महान काम किया, तो उसका श्रेय आपको ही जाएगा। 202 00:16:55,599 --> 00:16:57,893 कितनी प्रसन्नता मिली है हमें, हमारा हृदय हर्ष से ऐसे सराबोर है 203 00:16:57,976 --> 00:17:00,604 कि उमड़कर अश्रु बनकर टपक रहा है। कि उमड़कर अश्रु बनकर टपक रहा है। 204 00:17:05,108 --> 00:17:09,112 पुत्रों, संबंधियों, सामंतों, 205 00:17:09,820 --> 00:17:11,698 और जो हमारे निकटतम मित्र हैं, 206 00:17:11,781 --> 00:17:17,621 जान लें कि हम अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हैं अपने ज्येष्ठ पुत्र, मैलकम को... 207 00:17:18,454 --> 00:17:20,457 ...जिसका नाम आज से होगा, 208 00:17:20,540 --> 00:17:21,791 कम्बरलैंड का राजकुमार। 209 00:17:22,542 --> 00:17:26,088 और इस सम्मान से केवल उसी को विभूषित नहीं किया जाएगा, 210 00:17:27,798 --> 00:17:32,970 अपितु सम्मान के चिह्न उन सभी पर सितारों की तरह जगमगाएँगे जो इस गौरव के योग्य हैं। 211 00:17:34,054 --> 00:17:36,974 और अब हम इनवर्नेस चलते हैं जहाँ हमारे और तुम्हारे संबंध और प्रगाढ़ हो जाएँगे। 212 00:17:38,767 --> 00:17:41,812 मैं स्वयं जाकर यह संदेश अपनी पत्नी को दूँगा और आपके आगमन की सूचना से 213 00:17:41,895 --> 00:17:46,525 उसे प्रसन्न करूँगा, तो अब मैं विनयपूर्वक आपसे आज्ञा लेता हूँ। 214 00:17:46,608 --> 00:17:47,985 हमारा सर्वश्रेष्ठ कॉडोर। 215 00:17:48,068 --> 00:17:51,989 चलो हम उसके पीछे चलें जो हमारा स्वागत करने के लिए इतना उत्सुक है कि तैयारी करने आगे चला गया है। 216 00:17:52,072 --> 00:17:53,323 वह अद्वितीय बंधु है। 217 00:17:54,533 --> 00:17:56,034 कम्बरलैंड का राजकुमार। 218 00:17:57,411 --> 00:18:00,205 यह मेरे रास्ते का वह रोड़ा है जिसमें अटक कर या तो मैं गिर जाऊँगा यह मेरे रास्ते का वह रोड़ा है जिसमें अटक कर या तो मैं गिर जाऊँगा 219 00:18:00,289 --> 00:18:02,165 या मुझे इसे कूद कर पार करना होगा। 220 00:18:02,708 --> 00:18:04,793 सितारों, अपनी चमक को मद्धिम कर लो। 221 00:18:05,460 --> 00:18:09,173 मेरी इन काली और गहरी लालसाओं पर प्रकाश की किरण मत पड़ने दो। 222 00:18:10,048 --> 00:18:12,551 सम्राट आज रात यहाँ पधार रहे हैं। 223 00:18:12,634 --> 00:18:15,971 तुम क्या विक्षिप्तों जैसी बातें कर रही हो। क्या तुम्हारे स्वामी उनके साथ नहीं हैं? 224 00:18:16,054 --> 00:18:19,183 क्षमा कीजिए, पर यह सत्य है। हमारे सामंत आ रहे हैं। 225 00:18:19,266 --> 00:18:21,059 उनका एक संदेशवाहक उनसे ज़्यादा तेज़ी से आगे आया है। 226 00:18:21,643 --> 00:18:25,314 उसकी देखभाल करो। वह बहुत बढ़िया समाचार लाया है। 227 00:18:30,068 --> 00:18:32,279 कौआ स्वयं आज अपनी कर्कश आवाज़ में 228 00:18:32,362 --> 00:18:37,117 मेरी प्राचीरों तले डंकन के प्राणघातक आगमन की घोषणा कर रहा है। 229 00:18:42,664 --> 00:18:45,918 आओ, रक्तपिपासु विचारों की उत्तरदायी प्रेतात्माओं। 230 00:18:46,710 --> 00:18:49,087 हर लो मेरा स्त्रीत्व, 231 00:18:50,380 --> 00:18:55,302 और नख से शिखा तक मुझे निष्ठुर निर्ममता से भर दो। 232 00:18:56,512 --> 00:18:58,013 मेरे लहू को गाढ़ा कर दो। 233 00:18:59,014 --> 00:19:02,184 मेरी रगों को बंद करके ग्लानि के प्रवेश के सभी मार्ग रोक दो मेरी रगों को बंद करके ग्लानि के प्रवेश के सभी मार्ग रोक दो 234 00:19:02,267 --> 00:19:06,396 ताकि स्वाभाविक करुणा की कोई भावनाएँ मेरे लक्ष्य से मुझे ना डिगा सकें, 235 00:19:06,480 --> 00:19:09,316 और ना ही उस लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा बन पाएँ। 236 00:19:10,901 --> 00:19:13,445 मेरी छाती तक आओ 237 00:19:13,529 --> 00:19:18,075 और मेरे स्तनों के दूध को ज़हर बना दो, हिंसा की सेविकाओं, 238 00:19:19,201 --> 00:19:23,205 जहाँ कहीं अपने अदृश्य रूप में छिपी तुम अपने दुष्ट कार्य करने की प्रतीक्षा में हो। 239 00:19:24,289 --> 00:19:29,044 आओ घनी रात, और गहरे काले कोहरे की चादर से धरती को इस तरह ढक लो 240 00:19:30,003 --> 00:19:33,090 कि मेरी तीखी कटार अपना किया हुआ घाव न देख पाए, 241 00:19:33,173 --> 00:19:38,095 और न ही स्वर्ग से देवता उस अँधेरे की चादर से झांक कर कह पाएँ, "ठहरो। ठहरो।" 242 00:19:50,440 --> 00:19:52,568 महान ग्लाम्स। 243 00:19:59,199 --> 00:20:00,826 सर्वश्रेष्ठ कॉडोर। सर्वश्रेष्ठ कॉडोर। 244 00:20:02,995 --> 00:20:05,622 जो भविष्य में इन दोनों से ऊँचे और महान पद के अधिकारी होंगे। 245 00:20:09,042 --> 00:20:12,421 तुम्हारे पत्रों ने मुझे इस अनभिज्ञ वर्तमान के पार पहुँचा दिया है, 246 00:20:12,504 --> 00:20:15,799 और मैं भविष्य का सुख इसी क्षण में अनुभव कर रही हूँ। 247 00:20:15,883 --> 00:20:17,801 मेरी प्रियतमा। 248 00:20:25,434 --> 00:20:27,060 डंकन आज रात यहाँ आ रहा है। 249 00:20:27,769 --> 00:20:29,229 और वह वापस कब जाएगा? 250 00:20:29,313 --> 00:20:31,106 कल जाने की योजना है। 251 00:20:31,773 --> 00:20:34,067 ओ, उस कल का सूर्योदय कभी नहीं होगा। 252 00:20:38,906 --> 00:20:43,952 तुम्हारा चेहरा, मेरे सामंत, एक पुस्तक की तरह है जहाँ लोग अजीब विचार पढ़ सकते हैं। 253 00:20:44,912 --> 00:20:47,414 समय को छलने के लिए, तुम्हें अपने चेहरे के भाव समयोचित बनाने होंगे। 254 00:20:48,165 --> 00:20:51,001 तुम्हारी आँखों, तुम्हारे हावभाव, तुम्हारी बातों से सम्राट के लिए स्वागत झलकना चाहिए। 255 00:20:51,543 --> 00:20:54,796 एक मासूम फूल की तरह दिखो पर उसके नीचे छिपे ज़हरीले साँप सा बनो। 256 00:20:56,465 --> 00:20:58,383 अतिथि की संपूर्ण सम्मान सहित आवभगत होनी चाहिए। 257 00:20:58,467 --> 00:21:01,929 आज रात्रि की तैयारियों की ज़िम्मेदारी मुझ पर छोड़ दो। आज रात्रि की तैयारियों की ज़िम्मेदारी मुझ पर छोड़ दो। 258 00:21:02,638 --> 00:21:05,182 जिसके बाद हर रात और हर दिन के लिए 259 00:21:05,265 --> 00:21:08,769 इस साम्राज्य पर हमारा निर्विवाद अधिकार होगा। 260 00:21:17,236 --> 00:21:18,737 अपना चेहरा बिल्कुल शांत रखना। 261 00:21:19,821 --> 00:21:21,990 चेहरे के रंग या भाव बदलना भय इंगित करता है। 262 00:21:24,368 --> 00:21:25,744 बाकी सब तुम मुझ पर छोड़ दो। 263 00:21:32,084 --> 00:21:34,044 यह महल बहुत ही मनोरम स्थान पर है। 264 00:21:34,711 --> 00:21:38,507 यहाँ की मंद-मंद बहती शीतल वायु कितना सुख दे रही है। 265 00:21:40,509 --> 00:21:44,346 इस ग्रीष्म काल की गौरैया, मंदिरों में रहने वाली चिड़िया ने 266 00:21:44,429 --> 00:21:46,682 अपना घोंसला यहाँ बनाकर स्वीकृति दी है 267 00:21:46,765 --> 00:21:49,518 कि यहाँ की वायु कितनी स्वच्छ और सुगंधित है। 268 00:21:50,018 --> 00:21:52,688 ऐसा कोई छज्जा, कोना, खंभा, कोई स्थान नहीं है, 269 00:21:52,771 --> 00:21:56,358 जहाँ इस चिड़िया ने अपने रहने और बच्चे पैदा करने के लिए घोंसले न बनाए हों। 270 00:21:57,317 --> 00:22:01,154 हमने देखा है जहाँ पर ये सबसे अधिक रहती और बच्चे पालती हैं, वहाँ की वायु अवश्य सुहानी होती है। हमने देखा है जहाँ पर ये सबसे अधिक रहती और बच्चे पालती हैं, वहाँ की वायु अवश्य सुहानी होती है। 271 00:22:01,238 --> 00:22:04,575 देखो, हमारी माननीय मेज़बान महिला। 272 00:22:04,658 --> 00:22:09,037 आपके प्रति की गईं हमारी सभी सेवाएँ, चाहे दोगुनी या चौगुनी भी कर दी जाएँ, 273 00:22:09,121 --> 00:22:13,375 वे उन असीम उपकारों और सम्मानों के बदले कुछ नहीं 274 00:22:13,458 --> 00:22:16,044 जिनसे सम्राट ने हमारा घर भर दिया है। 275 00:22:16,128 --> 00:22:17,462 हमारा कॉडोर का सामंत कहाँ है? 276 00:22:17,546 --> 00:22:20,507 हम बहुत तेज़ी से उसके पीछे आए और हम उससे पहले यहाँ पहुँचना चाहते थे। 277 00:22:20,591 --> 00:22:23,969 पर वह वाक़ई बहुत अच्छा घुड़सवार है। और उसकी एड़ी जैसे तेज़ उसके गहरे प्यार ने 278 00:22:24,052 --> 00:22:26,138 उसे हमसे पहले घर पहुँचने में मदद की। 279 00:22:27,222 --> 00:22:30,017 हे सुंदर और उदार हृदय वाली देवी, हम आज रात के लिए आपके मेहमान हैं। 280 00:22:30,100 --> 00:22:31,560 हमें अपना हाथ दीजिए। 281 00:22:33,979 --> 00:22:35,439 और हमें हमारे मेज़बान तक ले चलिए। 282 00:22:41,820 --> 00:22:47,159 यदि यह काम मुझे ही करना है, तो बेहतर होगा मैं इसे जल्दी से जल्दी कर डालूँ। 283 00:22:48,410 --> 00:22:50,829 यदि हत्या अपने दुष्परिणामों को अपने ही जाल में समेट ले, 284 00:22:50,913 --> 00:22:53,207 और डंकन की मृत्यु के साथ ही हमें सफलता मिल जाए, 285 00:22:53,290 --> 00:22:56,793 तो इस एक वार से ही इस सब का आरंभ और अंत हो जाएगा। 286 00:22:58,629 --> 00:23:00,214 तो यहाँ... तो यहाँ... 287 00:23:01,840 --> 00:23:05,010 समय की बहती इस धारा के किनारे, मैं अपने मरणोपरांत जीवन की भी परवाह नहीं करूँगा। 288 00:23:08,514 --> 00:23:10,933 पर ऐसी घटनाओं के लिए यहाँ अभी भी दंड दिए जाते हैं। 289 00:23:11,016 --> 00:23:13,143 हिंसा की शिक्षा यदि दी जाए 290 00:23:13,227 --> 00:23:16,647 तो सीखने के बाद वह लौटकर अपने शिक्षक का ही विनाश करती है। 291 00:23:17,564 --> 00:23:19,358 निष्पक्ष न्याय की अनुशंसा 292 00:23:19,441 --> 00:23:23,195 हमारे द्वारा तैयार किए गए ज़हर के प्याले को हमारे ही होंठों तक लेकर आती है। 293 00:23:25,697 --> 00:23:27,282 सम्राट यहाँ दोहरे भरोसे के साथ आए हैं। 294 00:23:28,784 --> 00:23:30,869 एक तो मैं उनका संबंधी हूँ और साथ ही उनकी प्रजा भी हूँ, 295 00:23:30,953 --> 00:23:32,871 तो दोनों ही सूरतों में यह कृत्य उचित नहीं है। 296 00:23:34,206 --> 00:23:35,749 और फिर, उनका मेज़बान होने के नाते, 297 00:23:36,583 --> 00:23:40,379 मुझे हत्यारों से उनकी रक्षा करनी चाहिए, न कि स्वयं कटार उठानी चाहिए। 298 00:23:40,879 --> 00:23:43,924 वैसे भी, डंकन हमेशा से बहुत सौम्य, दयालु और विनम्र शासक रहे हैं। 299 00:23:44,007 --> 00:23:46,343 वह अपने शासन के दौरान इतने निष्कलंक रहे हैं, 300 00:23:47,469 --> 00:23:50,055 कि उनकी हत्या का विरोध करते हुए उनके गुण ही 301 00:23:50,138 --> 00:23:52,266 देवताओं के नगाड़ों की तरह चिल्ला उठेंगे। 302 00:23:52,349 --> 00:23:55,561 और करुणा, एक नग्न नवजात शिशु के रुदन की तरह हवा में चारों ओर फैल जाएगी, 303 00:23:55,644 --> 00:23:59,523 या हवा के अदृश्य अश्वों पर सवार स्वर्ग के देवदूत 304 00:23:59,606 --> 00:24:04,111 इस वीभत्स कृत्य की सूचना को पूरी धरती पर फैला देंगे और हर आँख से बहे आँसुओं की बाढ़ हवा के वेग को दबा देगी। इस वीभत्स कृत्य की सूचना को पूरी धरती पर फैला देंगे और हर आँख से बहे आँसुओं की बाढ़ हवा के वेग को दबा देगी। 305 00:24:06,113 --> 00:24:09,074 मेरे पास अपने उद्देश्य के अश्व को तेज़ भगाने के लिए कोई एड़ी नहीं है... 306 00:24:10,993 --> 00:24:14,997 सिवाय इस उछलती हुई महत्वाकांक्षा के, जैसे छलांग लगाकर बैठने के प्रयत्न में कोई अधीर सवार दूसरी ओर जा गिरे। 307 00:24:20,836 --> 00:24:22,546 अब क्या हो रहा है? क्या समाचार है? 308 00:24:24,882 --> 00:24:26,216 उनका भोजन समाप्त होने वाला है। 309 00:24:26,300 --> 00:24:28,010 क्या उन्होंने मुझे बुलवाया है? 310 00:24:28,093 --> 00:24:29,469 क्या तुम नहीं जानते उन्होंने बुलाया है? 311 00:24:31,221 --> 00:24:32,973 हम अब इस योजना को आगे नहीं बढ़ाएँगे। 312 00:24:33,056 --> 00:24:34,141 उन्होंने मुझे इतना सम्मान दिया है। 313 00:24:34,224 --> 00:24:36,977 और मैंने अनेक लोगों से इतनी प्रशंसा पाई है, 314 00:24:37,060 --> 00:24:39,730 कि मैं नए कपड़ों की भांति कुछ समय तक इसका आनंद उठाना चाहता हूँ, 315 00:24:40,814 --> 00:24:43,567 इतनी जल्दी ये सब फेंकना नहीं चाहता। 316 00:24:44,401 --> 00:24:46,904 क्या तुम नशे में थे जब तुमने स्वयं को सम्राट के वस्त्रों में देखने की आशा की थी? 317 00:24:46,987 --> 00:24:48,113 उसके बाद क्या वह आशा सो गई थी? 318 00:24:48,197 --> 00:24:51,408 और अब जागी है तो अपने विचार के बारे में सोचकर इतनी मुरझाई और पीली है? 319 00:24:51,491 --> 00:24:53,827 अब से अपने लिए तुम्हारे प्रेम के विषय में भी मैं यही समझूँगी। 320 00:24:56,622 --> 00:25:01,335 क्या तुम्हारे अंदर अपने हृदय की इच्छा को क्रियान्वित करने का साहस नहीं है? क्या तुम्हारे अंदर अपने हृदय की इच्छा को क्रियान्वित करने का साहस नहीं है? 321 00:25:01,418 --> 00:25:05,172 क्या तुम वह प्राप्त करोगे जिसे तुम अपने जीवन का ऐश्वर्य और गौरव मानते हो 322 00:25:05,255 --> 00:25:07,382 या अपनी ही नज़रों में कायर बनकर जीना चाहोगे? 323 00:25:07,466 --> 00:25:10,928 "चाहता हूँ" का जवाब "नहीं कर सकता" दोगे उस बिल्ली की तरह जो बिना पैर भिगोए पानी में पड़ी मछली खाना चाहे? 324 00:25:11,011 --> 00:25:13,430 कृपया शांत हो जाओ। 325 00:25:14,389 --> 00:25:19,269 मैं उतना ही करना चाहूँगा जो एक पुरुष के लिए उचित है। जो उससे अधिक करे, वह मनुष्य कहलाने योग्य नहीं। 326 00:25:19,353 --> 00:25:22,356 तो फिर वह कौन सा जानवर था जिसने वह सोचा था और अब मुझसे किया वादा तोड़ रहा है? 327 00:25:23,190 --> 00:25:25,984 जब तुमने वह करने की हिम्मत दिखाई थी, तब तुम पुरुष थे। 328 00:25:26,068 --> 00:25:29,530 और अगर अब तुम कदम बढ़ाकर सोचा हुआ पूरा करोगे तो सही मायने में एक पुरुष बनोगे। 329 00:25:31,031 --> 00:25:32,616 मैंने अपने शिशु को दूध पिलाया है, 330 00:25:32,699 --> 00:25:36,203 और जानती हूँ आँचल में सिमट कर दूध पीते शिशु के लिए ममता कैसे उमड़ती है। 331 00:25:36,286 --> 00:25:39,081 पर अपनी ओर मुस्कराते शिशु को देख कर भी, 332 00:25:39,164 --> 00:25:42,793 मैं उस दुधमुँहे शिशु के मुख से अपना स्तन खींच कर उसके टुकड़े-टुकड़े कर डालती, 333 00:25:42,876 --> 00:25:45,754 अगर मैंने तुम्हारी तरह कुछ करने की सौगंध ली होती। 334 00:25:46,880 --> 00:25:48,215 अगर हम असफल हो गए? 335 00:25:48,298 --> 00:25:49,675 हम असफल होंगे। 336 00:25:50,509 --> 00:25:54,096 पर अगर तुम अपना साहस बनाकर रखोगे तो हम कभी असफल नहीं होंगे। 337 00:25:55,180 --> 00:25:57,099 जब डंकन सो रहे होंगे, 338 00:25:57,182 --> 00:26:00,769 और आज की कठिन यात्रा के बाद थकान के कारण वह निश्चित ही गहरी नींद में सो जाएँगे, और आज की कठिन यात्रा के बाद थकान के कारण वह निश्चित ही गहरी नींद में सो जाएँगे, 339 00:26:00,853 --> 00:26:05,065 मैं उनके शयनागार के दो रक्षकों को इतनी शराब पिला दूँगी 340 00:26:05,148 --> 00:26:08,902 कि उनके मस्तिष्क की प्रहरी, उनकी स्मृति शराब के नशे में धुएँ की तरह उड़ जाएगी, 341 00:26:08,986 --> 00:26:11,738 और उनकी बुद्धि कुछ काम नहीं करेगी। 342 00:26:11,822 --> 00:26:16,076 जब वे सुअरों की तरह सो रहे होंगे, शराब के नशे में धुत्त जैसे मृतप्राय हों, 343 00:26:17,244 --> 00:26:20,956 उस अरक्षित डंकन के साथ हम क्या नहीं कर पाएँगे? 344 00:26:21,623 --> 00:26:23,584 उसके रक्षकों के ऊपर हम क्या आरोप नहीं लगा पाएँगे, 345 00:26:23,667 --> 00:26:26,461 जिन्हें हमारे कृत्य का दोष वहन करना होगा? 346 00:26:29,840 --> 00:26:31,383 तुम्हें केवल पुत्रों को ही जन्म देना चाहिए। 347 00:26:32,509 --> 00:26:36,388 क्योंकि तुम्हारा निर्भीक स्वभाव केवल पुरुषों के लिए ही उपयुक्त है। 348 00:26:39,516 --> 00:26:41,977 जब हम उन दोनों सेवकों के शरीर पर लहू लगा देंगे 349 00:26:42,060 --> 00:26:45,022 और उन्हीं की कटारों से हत्या करेंगे, तो क्या ऐसा नहीं समझा जाएगा 350 00:26:45,105 --> 00:26:46,356 कि यह हत्या उन्हीं ने की है? 351 00:26:46,440 --> 00:26:47,774 इसे कौन सत्य नहीं मानेगा, 352 00:26:47,858 --> 00:26:51,361 विशेषकर जब हम उनकी मृत्यु पर शोक करते हुए ज़ोर-ज़ोर से विलाप करेंगे? 353 00:26:53,447 --> 00:26:54,865 अब मैं पूरी तरह दृढ़ हूँ... 354 00:26:56,074 --> 00:26:58,660 और इस जघन्य कार्य के लिए मैं पूरा जी-जान लगा दूँगा। 355 00:26:58,744 --> 00:27:01,580 अब तुम जाओ और अपने बनावटी व्यवहार से सबको छलो। अब तुम जाओ और अपने बनावटी व्यवहार से सबको छलो। 356 00:27:01,663 --> 00:27:04,333 कपट भरे हृदय की बात कपटी चेहरे को ही छिपानी होगी। 357 00:27:27,356 --> 00:27:29,942 चंद्रमा डूब गया है। पर मैंने घंटे की आवाज़ नहीं सुनी है। 358 00:27:30,025 --> 00:27:31,944 चंद्रमा तो 12 बजे डूबता है। 359 00:27:32,027 --> 00:27:33,654 मेरे विचार में उससे ज़्यादा समय हो गया होगा। 360 00:27:35,197 --> 00:27:37,783 यह लो। मेरी तलवार ले लो। 361 00:27:42,496 --> 00:27:44,164 आसमान आज मितव्ययी बन रहा है। 362 00:27:44,748 --> 00:27:46,208 अपने सारे चाँद-तारे छिपा दिए हैं उसने। 363 00:27:47,209 --> 00:27:51,046 नींद से मेरी पलकें बोझिल हो रही हैं, पर फिर भी मैं नहीं सोऊँगा। 364 00:27:52,798 --> 00:27:55,133 दयालु देवताओं, मुझे उन भयंकर दुःस्वप्नों से बचाना 365 00:27:55,217 --> 00:27:57,052 जो सोते समय मुझे सताते हैं। 366 00:28:01,473 --> 00:28:03,433 - मुझे मेरी तलवार दो। कौन है? - एक दोस्त। 367 00:28:05,227 --> 00:28:08,063 क्या, श्रीमान, आप अभी तक सोए नहीं? सम्राट तो सो चुके हैं। 368 00:28:08,939 --> 00:28:10,774 वह आज बहुत प्रसन्न थे, 369 00:28:10,858 --> 00:28:13,944 और उन्होंने आपके सेवकों के लिए ढेरों उपहार भेजे हैं। 370 00:28:14,862 --> 00:28:17,614 सम्राट के आगमन की तैयारी के लिए हमें पूरा समय नहीं मिला, इसलिए हम उनका 371 00:28:17,698 --> 00:28:19,366 वैसा स्वागत-सत्कार नहीं कर पाए जैसा करना चाहते थे। 372 00:28:19,449 --> 00:28:20,450 सब बढ़िया था। 373 00:28:21,034 --> 00:28:24,288 कल रात तीनों चुड़ैल बहनें मेरे सपने में आईं थीं। 374 00:28:25,873 --> 00:28:27,624 उनका कहा कुछ हिस्सा तो आपके लिए सच हो गया। 375 00:28:29,710 --> 00:28:31,420 मैं अब उनके बारे में नहीं सोच रहा। 376 00:28:31,503 --> 00:28:34,298 पर, जब भी तुम्हारे पास एक घंटे का समय हो, 377 00:28:34,381 --> 00:28:37,176 हम उस विषय पर कुछ चर्चा कर सकते हैं, 378 00:28:37,259 --> 00:28:38,719 अगर तुम मुझे कुछ समय दे पाओ। 379 00:28:39,887 --> 00:28:41,388 जब भी आप चाहें। 380 00:28:43,348 --> 00:28:44,683 इस बीच, थोड़ा सो लो। 381 00:28:45,559 --> 00:28:47,311 धन्यवाद, श्रीमान। आप भी सो लीजिए। 382 00:28:50,564 --> 00:28:52,024 जाओ जाकर अपनी मालकिन से कहो, 383 00:28:52,107 --> 00:28:54,943 कि जब मेरे लिए मदिरा तैयार हो जाए तो घंटा बजा दें। 384 00:29:11,418 --> 00:29:14,171 क्या यह कोई कटार है जो मुझे अपने सामने दिख रही है, 385 00:29:15,714 --> 00:29:17,508 जिसकी मूठ मेरे हाथ की ओर है? 386 00:29:21,678 --> 00:29:22,763 आओ... 387 00:29:24,556 --> 00:29:26,016 आओ मुझे ख़ुद को उठाने दो। 388 00:29:30,479 --> 00:29:32,898 तुम मेरे हाथ में नहीं हो, पर अभी भी तुम मुझे दिख रही हो। 389 00:29:35,359 --> 00:29:40,030 अनिष्टसूचक छाया, क्या तुम केवल दिख सकती हो, तुम्हें छुआ नहीं जा सकता? 390 00:29:41,406 --> 00:29:45,702 या तुम केवल मेरी कल्पना की उपज हो, एक छलावा हो, 391 00:29:45,786 --> 00:29:47,746 जो मेरे व्याकुल दिमाग़ से जन्मा है? 392 00:29:49,831 --> 00:29:51,458 तुम मुझे अब भी दिख रही हो... 393 00:29:53,168 --> 00:29:57,047 और अब उतनी ही ठोस दिख रही हो जितनी कि यह कटार जो अब मैं निकाल रहा हूँ। 394 00:30:00,259 --> 00:30:02,052 तुम मुझे वह मार्ग दिखा रही हो जहाँ मुझे जाना था। 395 00:30:02,135 --> 00:30:04,847 और तुम जैसा हथियार ही मुझे प्रयोग करना था। 396 00:30:05,764 --> 00:30:08,267 क्या मेरी बाकी इन्द्रियाँ मिलकर मेरी आँखों को ठग रही हैं, 397 00:30:08,350 --> 00:30:10,269 या केवल मेरी आँखें ही विश्वास करने के योग्य हैं? 398 00:30:12,354 --> 00:30:13,689 मुझे तुम अब भी नज़र आ रही हो, 399 00:30:14,648 --> 00:30:19,236 और अब तुम्हारी धार और मूठ पर मुझे लहू के कतरे नज़र आ रहे हैं जबकि पहले ऐसा कुछ नहीं था। 400 00:30:20,737 --> 00:30:22,948 यह सब कुछ भी असली नहीं है। 401 00:30:23,031 --> 00:30:26,243 यह मेरी भयंकर योजना है जो मुझे इस रूप में नज़र आ रही है। 402 00:30:27,244 --> 00:30:30,914 धरती, मेरे कदमों की आवाज़ मत सुनना, कि वे किस ओर जा रहे हैं, 403 00:30:30,998 --> 00:30:34,376 कहीं तेरा कोई पत्थर चुगली ना कर दे कि मैं कहाँ हूँ। 404 00:30:34,877 --> 00:30:37,546 मैं जाता हूँ, और अपना कार्य पूर्ण करता हूँ। 405 00:30:38,297 --> 00:30:39,756 यह घंटा मुझे आमंत्रित कर रहा है। 406 00:30:40,632 --> 00:30:45,596 तुम इसे मत सुनना, डंकन, क्योंकि यह तुम्हारी मौत की पुकार है जो तुम्हें बुला रही है स्वर्ग में... 407 00:30:48,223 --> 00:30:49,600 या नर्क में। 408 00:31:56,792 --> 00:31:57,793 सुनो! 409 00:31:59,962 --> 00:32:01,171 शांत रहो। शांत रहो। 410 00:32:03,715 --> 00:32:06,051 यह तो उल्लू चिल्लाया था, 411 00:32:06,134 --> 00:32:09,346 जो मौत का संदेश लेकर आया है और उसे अंतिम शुभरात्रि कह रहा है। 412 00:32:11,014 --> 00:32:12,850 वह अपना काम करने वाला होगा। 413 00:32:14,810 --> 00:32:17,896 जिस शराब ने उन्हें बेहोश कर दिया, उसने मुझे निडर बना दिया है। 414 00:32:19,106 --> 00:32:21,859 जिसने उनकी प्यास बुझाई, उसने मेरे भीतर एक आग दहका दी है। 415 00:32:22,734 --> 00:32:24,444 दरवाज़े खुले हुए हैं, 416 00:32:25,195 --> 00:32:29,199 और गहरे नशे में धुत्त पड़े सेवकों के खर्राटे जैसे उनके कर्त्तव्य का मज़ाक उड़ा रहे हैं। 417 00:32:29,283 --> 00:32:30,617 आमीन। 418 00:32:32,119 --> 00:32:33,912 मैंने उनके प्यालों में ऐसी औषधियाँ मिला दी हैं, 419 00:32:33,996 --> 00:32:36,248 कि जीवन और मरण आपस में तर्क कर रहे हैं, 420 00:32:36,331 --> 00:32:38,542 कि वे जीवित हैं या मर चुके हैं। 421 00:32:49,219 --> 00:32:50,387 ओह, नहीं! 422 00:32:52,347 --> 00:32:54,516 मुझे डर है कहीं वे जाग तो नहीं गए और काम ना हुआ हो। 423 00:32:54,600 --> 00:32:57,269 अगर हत्या का केवल प्रयत्न हुआ और हत्या ना हो पाई तो हमारा सर्वनाश हो जाएगा। 424 00:32:57,895 --> 00:32:58,979 सुनो। 425 00:32:59,062 --> 00:33:01,773 मैंने उनकी कटारें तैयार करके रखी थीं। मैकबेथ की निगाह उन पर ज़रूर पड़ी होगी! मैंने उनकी कटारें तैयार करके रखी थीं। मैकबेथ की निगाह उन पर ज़रूर पड़ी होगी! 426 00:33:04,902 --> 00:33:06,278 मेरे पति। 427 00:33:08,488 --> 00:33:09,907 मैंने काम कर दिया है। 428 00:33:10,657 --> 00:33:12,326 क्या तुमने कोई आवाज़ नहीं सुनी? 429 00:33:12,409 --> 00:33:14,369 - कब? - अभी। 430 00:33:14,453 --> 00:33:15,704 - जब मैं नीचे आ रहा था? - हाँ। 431 00:33:15,787 --> 00:33:16,788 सुनो। 432 00:33:20,334 --> 00:33:22,419 कितना दुःखदायी दृश्य है। 433 00:33:23,045 --> 00:33:25,672 यह मूर्खतापूर्ण विचार है, इसे दुःखदायी दृश्य कहना। 434 00:33:27,966 --> 00:33:29,426 उनमें से एक नींद में हँसा था, 435 00:33:29,510 --> 00:33:31,553 और दूसरा चिल्लाया, "हत्या!" जिससे उन दोनों ने एक-दूसरे को जगा दिया। 436 00:33:31,637 --> 00:33:33,555 मैं खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा। 437 00:33:33,639 --> 00:33:36,600 पर उन दोनों ने प्रार्थना की और वापस सो गए। 438 00:33:36,683 --> 00:33:37,809 वे दोनों एक ही कमरे में थे। 439 00:33:37,893 --> 00:33:40,729 एक ने कहा, "ईश्वर, हमारी रक्षा करना," 440 00:33:41,730 --> 00:33:42,814 और दूसरे ने कहा, "आमीन," 441 00:33:42,898 --> 00:33:44,691 जैसे कि उन्होंने मुझे मेरे लहू से सने हाथों के साथ देख लिया था। 442 00:33:44,775 --> 00:33:48,028 उनके आशंकित शब्दों को सुनकर मैं "आमीन" नहीं कह पाया जब उन्होंने कहा "ईश्वर, हमारी रक्षा करना।" 443 00:33:48,111 --> 00:33:49,404 इसके बारे में इतना ज़्यादा मत सोचो। 444 00:33:49,488 --> 00:33:50,906 पर फिर मैं "आमीन" क्यों नहीं कह पाया? 445 00:33:50,989 --> 00:33:54,660 उस समय मुझे ईश्वर के आशीर्वाद की सबसे अधिक आवश्यकता था पर "आमीन" मेरे गले में अटक कर रह गया। 446 00:33:54,743 --> 00:33:56,954 ऐसे कृत्यों के बारे में इस तरह नहीं सोचना चाहिए। 447 00:33:57,037 --> 00:34:00,040 नहीं तो हम पागल हो जाएँगे। नहीं तो हम पागल हो जाएँगे। 448 00:34:00,123 --> 00:34:02,501 मुझे लगा मैंने एक आवाज़ सुनी, "अब और मत सोओ। 449 00:34:04,086 --> 00:34:05,754 मैकबेथ ने नींद की हत्या कर दी है।" 450 00:34:05,838 --> 00:34:07,381 मासूम नींद। 451 00:34:07,464 --> 00:34:10,467 नींद जो हमारी सब चिंताओं को हरती है, 452 00:34:10,551 --> 00:34:15,264 नींद जो हर दिन का अंत करती है, दिन भर के श्रम की थकान उतारती है जैसे स्नान से धूल उतरती है, 453 00:34:15,347 --> 00:34:19,016 जो आहत मन की मरहम है, महान प्रकृति का मुख्य भोजन है, 454 00:34:19,101 --> 00:34:21,436 - जीवन की दावत में सबसे पौष्टिक आहार है। - मतलब क्या है तुम्हारा? 455 00:34:21,520 --> 00:34:24,022 पर फिर भी वह आवाज़ पूरे घर में गूँजकर कहती रही, "अब और मत सोओ।" 456 00:34:24,106 --> 00:34:28,025 "ग्लाम्स ने नींद की हत्या कर दी है, और इसलिए अब कॉडोर कभी सो नहीं पाएगा।" 457 00:34:30,987 --> 00:34:33,072 "मैकबेथ अब कभी सो नहीं पाएगा।" 458 00:34:33,156 --> 00:34:35,074 किसकी आवाज़ थी वह? 459 00:34:35,158 --> 00:34:38,661 अरे, योग्य सामंत, तुम इस तरह की मूर्खतापूर्ण बातें सोच कर 460 00:34:38,745 --> 00:34:40,330 अपने पौरुष का अपमान कर रहे हो। 461 00:34:40,414 --> 00:34:43,917 जाओ। थोड़ा पानी लेकर अपने हाथों से इन लहू के धब्बों को धो डालो। 462 00:34:47,045 --> 00:34:49,172 तुम ये कटारें वहाँ से ले क्यों आए? 463 00:34:49,255 --> 00:34:52,801 इन्हें वहीं पड़े रहना चाहिए। जाओ। इन्हें वहीं ले जाओ। और सोते हुए सेवकों पर लहू के निशान लगा कर आओ। 464 00:34:52,885 --> 00:34:55,429 मैं अब वहाँ नहीं जाऊँगा। मैंने क्या कर डाला है, यह सोच कर मुझे भय लगता है। 465 00:34:55,512 --> 00:34:56,847 मुझमें वह दोबारा देखने की हिम्मत नहीं है। 466 00:34:56,929 --> 00:34:58,891 कायर कहीं के। 467 00:34:58,974 --> 00:35:00,601 लाओ ये कटारें मुझे दो। लाओ ये कटारें मुझे दो। 468 00:35:01,476 --> 00:35:03,937 सोए हुए और मृत लोग तस्वीरों की तरह ही होते हैं। 469 00:35:04,021 --> 00:35:06,481 डरावनी तस्वीरों से केवल बच्चे डरते हैं। 470 00:35:07,482 --> 00:35:10,777 मैं उन सेवकों के चेहरों पर लहू लगा दूँगी क्योंकि इसका दोष उनके ऊपर ही लगना चाहिए। 471 00:35:11,653 --> 00:35:14,990 तुम्हारी तरह मेरे हाथ लहू से सने हैं लेकिन तुम्हारे जैसा कमज़ोर हृदय मेरा होता तो धिक्कार होता मुझ पर। 472 00:35:24,249 --> 00:35:25,584 यह खट-खट की आवाज़ कहाँ से आ रही है? 473 00:35:28,170 --> 00:35:30,964 मुझे क्या हो रहा है, जो हर आवाज़ मुझे डरा रही है? 474 00:35:32,508 --> 00:35:36,678 ये किसके हाथ हैं? ये नोच डालेंगे मेरी आँखों को। 475 00:35:38,639 --> 00:35:43,018 क्या सारे समुद्र का पानी भी मेरे हाथों से यह लहू धो पाएगा? 476 00:35:43,101 --> 00:35:48,232 नहीं, बल्कि मेरे हाथ उस विशाल समुद्र को लाल कर देंगे, 477 00:35:48,315 --> 00:35:50,526 उसके नीले जल को लाल में बदल देंगे। 478 00:35:55,822 --> 00:35:57,950 अपना किया देखने से तो अच्छा है मैं अपनी सुध-बुध खो बैठूँ। 479 00:35:59,159 --> 00:36:00,953 डंकन को अपनी इस दस्तक से जगा दो! डंकन को अपनी इस दस्तक से जगा दो! 480 00:36:02,496 --> 00:36:03,830 काश तुम जगा पाते। 481 00:36:18,428 --> 00:36:20,556 यह तो कोई वाक़ई खटखटा रहा है। 482 00:36:29,273 --> 00:36:31,733 कोई आदमी यमपुरी के द्वार का द्वारपाल भी होता, 483 00:36:31,817 --> 00:36:34,027 तो वह भी अनंत बार दरवाज़ा खोलते-खोलते बूढ़ा हो जाता। 484 00:36:36,238 --> 00:36:37,239 खट-खट! 485 00:36:37,322 --> 00:36:40,284 यमराज के नाम पर बताओ, कौन हो तुम? 486 00:36:41,034 --> 00:36:45,330 शायद वह किसान है जिसने अधिक फसल के कारण कम दाम मिलने की आशंका में स्वयं को फांसी लगा ली। 487 00:36:45,414 --> 00:36:48,625 तुम बिल्कुल समय पर आए हो। यहाँ तुम्हें बहुत पसीना बहाना पड़ेगा। 488 00:36:50,377 --> 00:36:51,962 खट-खट! 489 00:36:52,045 --> 00:36:56,466 ये तो दो नावों पर पैर रखकर चलने वाला दोगला आदमी है जो ईश्वर के नाम पर किसी के भी विरुद्ध बोलता था, 490 00:36:56,550 --> 00:36:58,677 पर फिर भी स्वर्ग में नहीं जा पाया ना। 491 00:37:00,304 --> 00:37:01,638 दोगले आदमी, आ जाओ। 492 00:37:02,389 --> 00:37:04,516 खट-खट। कौन है? 493 00:37:05,267 --> 00:37:09,271 यह तो एक अंग्रेज़ी दर्ज़ी है जिसने तंग मोहरी की पैंट से कपड़ा चुराया तो पकड़ा गया। 494 00:37:09,354 --> 00:37:12,900 अंदर आ जाओ, दर्ज़ी। यहाँ तुम अपनी इस्तिरी आराम से गरम कर सकते हो। 495 00:37:15,360 --> 00:37:17,237 खट-खट। यहाँ कभी शांति नहीं होती। 496 00:37:19,364 --> 00:37:21,992 पर यह जगह इतनी ठंडी है कि नर्क नहीं हो सकती। 497 00:37:22,075 --> 00:37:25,871 अब मैं यमराज का द्वारपाल बनने का नाटक नहीं करूँगा। आ रहा हूँ! 498 00:37:27,664 --> 00:37:29,333 मेरी विनती है, द्वारपाल को याद रखना। 499 00:37:29,416 --> 00:37:32,544 क्या तुम रात को देर से सोए थे, दोस्त, जो अभी तक सो रहे हो? 500 00:37:32,628 --> 00:37:34,713 जी, हाँ, श्रीमान, हम भोर तक पीते-पिलाते रहे। 501 00:37:34,796 --> 00:37:37,216 और शराब, श्रीमान, तीन समस्याओं को जन्म देती है। 502 00:37:37,299 --> 00:37:41,720 - कौन सी तीन समस्याएँ? - नाक लाल करे, नींद लाए और मूत्र लाए। 503 00:37:42,346 --> 00:37:44,806 श्रीमान, यह कामुकता जगाती भी है और बुझाती भी है। 504 00:37:44,890 --> 00:37:48,435 यह काम-वासना पैदा करती है पर कुछ करने लायक नहीं रखती। 505 00:37:48,519 --> 00:37:52,064 इसलिए, ज़्यादा शराब जैसे तुम्हारी कामुकता के साथ दोगलापन करती है। 506 00:37:52,147 --> 00:37:55,234 यह उसको बनाती है और उसे मिटाती है। यह उसे शुरू करवाती है, और रोक देती है। 507 00:37:55,317 --> 00:38:00,864 उसे उकसाती है और फिर दबा देती है, उसे खड़ा करती है और फिर बिठा देती है। उसे उकसाती है और फिर दबा देती है, उसे खड़ा करती है और फिर बिठा देती है। 508 00:38:04,701 --> 00:38:11,166 कहने का अर्थ यह, कि यह व्यक्ति को नींद में दगा देकर उसे चारों खाने चित्त करके चलती बनती है। 509 00:38:11,250 --> 00:38:13,836 लगता है तुम्हें तो कल रात शराब ने चारों खाने चित्त कर ही दिया है। 510 00:38:19,716 --> 00:38:21,009 सुप्रभात, आप दोनों को। 511 00:38:25,347 --> 00:38:27,015 क्या सम्राट जाग गए हैं, आदरणीय सामंत? 512 00:38:28,725 --> 00:38:29,726 अभी नहीं। 513 00:38:30,853 --> 00:38:34,815 उन्होंने मुझे सुबह जल्दी बुलाया था। मुझे थोड़ी देर हो गई है। 514 00:38:38,402 --> 00:38:39,736 मैं हिम्मत करके उन्हें पुकारता हूँ। 515 00:38:41,029 --> 00:38:43,115 क्या सम्राट आज यहाँ से जा रहे हैं? 516 00:38:43,991 --> 00:38:45,784 हाँ। कहा तो उन्होंने यही था। 517 00:38:47,119 --> 00:38:49,037 कल की रात काफ़ी भयानक थी। 518 00:38:52,416 --> 00:38:54,710 जहाँ हम सोए थे, वहाँ की चिमनियाँ टूट कर गिर पड़ीं। 519 00:38:56,336 --> 00:39:00,424 और लोग कह रहे हैं, उन्हें हवा में विलाप की आवाज़ें सुनाई दीं। और लोग कह रहे हैं, उन्हें हवा में विलाप की आवाज़ें सुनाई दीं। 520 00:39:00,507 --> 00:39:06,680 मौत की दर्दनाक चीखें और अजीब सी आवाज़ों में आकाशवाणियाँ सुनाई दे रही थीं जो आने वाली अशांति 521 00:39:06,763 --> 00:39:10,225 और अराजकता से त्रस्त एक नए समय के आरंभ की चेतावनी दे रही थीं। 522 00:39:11,059 --> 00:39:12,269 और रात भर... 523 00:39:12,352 --> 00:39:14,855 - महाराज? - ...उल्लू भी अपनी भयानक आवाज़ में शोर करता रहा। 524 00:39:15,731 --> 00:39:20,611 कुछ तो यह भी कह रहे हैं कि धरती भी इस सब से डरकर कँपकँपा उठी थी। 525 00:39:22,738 --> 00:39:24,406 हाँ, वाक़ई काफ़ी डरावनी रात थी। 526 00:39:24,489 --> 00:39:28,285 सर्वनाश! सर्वनाश! सर्वनाश! 527 00:39:29,244 --> 00:39:32,039 ना तो जिह्वा कुछ बोल पा रही है और ना ही हृदय ऐसी कल्पना कर सकता है। 528 00:39:32,122 --> 00:39:35,334 - क्या हुआ? - अकल्पनीय आज घटित हो गया है। 529 00:39:35,417 --> 00:39:38,962 किसी जघन्य हत्यारे ने हमारे देवता पर हमला करके 530 00:39:39,046 --> 00:39:40,672 उनके प्राण चुरा लिए हैं। 531 00:39:40,756 --> 00:39:41,882 तुम्हारा मतलब सम्राट के? 532 00:39:41,965 --> 00:39:44,051 जाओ शयनकक्ष में और वह भयानक दृश्य अपनी आँखों से स्वयं देख लो। 533 00:39:44,134 --> 00:39:47,304 मुझसे कुछ कहने को मत कहो। स्वयं देखो और फिर कहना क्या देखा। 534 00:39:47,387 --> 00:39:51,183 जागो! जागो! ख़तरे का घंटा बजाओ! 535 00:39:52,768 --> 00:39:54,019 हत्या और विश्वासघात! 536 00:39:54,603 --> 00:40:00,067 मौत जैसी गहरी नींद त्याग कर उठो, और आत्माओं की तरह चलकर आकर यह भयंकर दृश्य देखो! मौत जैसी गहरी नींद त्याग कर उठो, और आत्माओं की तरह चलकर आकर यह भयंकर दृश्य देखो! 537 00:40:03,070 --> 00:40:07,324 बैंक्वो और डॉनलबेन! मैलकम! जागो! 538 00:40:07,407 --> 00:40:10,619 उठो! उठो! और साक्षात प्रलय की छवि देखो! 539 00:40:11,912 --> 00:40:13,997 मैलकम! बैंक्वो! 540 00:40:16,625 --> 00:40:18,961 काश यह देखने से एक घंटा पहले मुझे मृत्यु आ जाती... 541 00:40:20,504 --> 00:40:22,047 तो वह जीवन एक सुखी जीवन होता। 542 00:40:24,591 --> 00:40:25,884 क्योंकि इस क्षण से, 543 00:40:25,968 --> 00:40:28,804 अब जीने योग्य कुछ नहीं बचा है। यह जीवन बस एक खेल बन गया है। 544 00:40:28,887 --> 00:40:30,222 क्या हुआ है, 545 00:40:30,305 --> 00:40:32,975 जो घर के सोए हुए लोगों को बुलाने के लिए इतनी ज़ोर से घंटा बजाया जा रहा है? 546 00:40:33,058 --> 00:40:35,894 - यश और शालीनता की मौत हो गई है। - बोलो! बोलो! 547 00:40:35,978 --> 00:40:38,397 ज़िंदगी की शराब बह गई है, 548 00:40:38,480 --> 00:40:41,817 और इस कोष्ठ में केवल नीचे का मैल बचा है। 549 00:40:41,900 --> 00:40:44,111 बैंक्वो। बैंक्वो। 550 00:40:44,695 --> 00:40:46,154 हमारे सम्राट की हत्या हो गई है। 551 00:40:46,238 --> 00:40:48,782 हाय, यह क्या हुआ! 552 00:40:48,866 --> 00:40:51,660 - क्या, हमारे घर में? - कहीं भी होता तो दुष्कृत्य ही होता। 553 00:40:52,536 --> 00:40:55,581 - क्या कुछ बुरा हुआ है? - तुम्हारा हुआ है, और तुम्हें पता नहीं है। 554 00:40:56,290 --> 00:41:00,878 तुम्हारे जीवन लहू का स्रोत, उसका शीर्ष, उसे सींचने वाला झरना सूख गया है। तुम्हारे जीवन लहू का स्रोत, उसका शीर्ष, उसे सींचने वाला झरना सूख गया है। 555 00:41:00,961 --> 00:41:03,088 तुम्हारे जीवन का आधार मिट गया है। 556 00:41:04,006 --> 00:41:05,340 तुम्हारे पिता की... 557 00:41:06,258 --> 00:41:07,718 हत्या हो गई है। 558 00:41:11,722 --> 00:41:12,723 किसने किया यह? 559 00:41:12,806 --> 00:41:15,517 प्रतीत तो यही होता है कि उनके शयनकक्ष के रक्षकों ने यह किया है। 560 00:41:16,018 --> 00:41:19,229 उनके हाथ और चेहरे लहू से भरे हुए थे। 561 00:41:19,313 --> 00:41:22,357 पर मुझे अपने क्रोध पर पछतावा हो रहा है कि मैंने उनका वध कर डाला। 562 00:41:24,151 --> 00:41:25,944 - क्यों? - तुमने ऐसा क्यों किया? 563 00:41:29,031 --> 00:41:31,909 संसार में ऐसा कौन है जो एक ही समय में बुद्धिमान, चकित, 564 00:41:32,993 --> 00:41:37,331 शांत और क्रुद्ध, निष्ठावान और निर्विकार, सब कुछ एक साथ हो सकता है? 565 00:41:38,123 --> 00:41:39,249 कोई नहीं। 566 00:41:41,001 --> 00:41:45,672 डंकन के प्रति मेरे अबाध प्रेम के कारण जैसे मेरी बुद्धि पर पत्थर पड़ गए थे। 567 00:41:45,756 --> 00:41:48,550 वहाँ डंकन पड़े थे, 568 00:41:49,801 --> 00:41:52,930 उनकी चाँदी जैसी देह उनके सुनहरे लहू से सनी हुई। 569 00:41:53,639 --> 00:41:59,144 और उनके खुले घाव ऐसे थे जैसे स्वयं प्रकृति पर वार करके काल के प्रवेश के लिए द्वार बना दिए गए हों। 570 00:41:59,228 --> 00:42:04,107 दूसरी ओर हत्यारे पड़े थे, अपने दुष्कृत्य के रंगों से रँगे, दूसरी ओर हत्यारे पड़े थे, अपने दुष्कृत्य के रंगों से रँगे, 571 00:42:04,816 --> 00:42:08,820 उनकी कटारें जैसे हमारा अपमान करती हुई, पूरी तरह लहू से लिपटी हुईं थीं। 572 00:42:09,321 --> 00:42:12,491 जिसके भी हृदय में सम्राट के लिए अथाह प्रेम हो, और उस प्रेम के लिए 573 00:42:14,201 --> 00:42:19,289 कुछ भी कर गुज़रने का साहस हो, वह स्वयं को बस में कैसे रख सकता था। 574 00:42:21,250 --> 00:42:23,126 इन्हें संभालो। 575 00:42:23,210 --> 00:42:26,213 हम लोग चल कर पूरे कपड़े पहन लें ताकि ठंडी हवा से सुरक्षित रहें, 576 00:42:26,296 --> 00:42:27,297 और फिर हम मिलते हैं, 577 00:42:27,965 --> 00:42:30,843 ताकि इस भयानक षडयन्त्र की जाँच-पड़ताल करके इसके बारे में पता लगा पाएँ। 578 00:42:41,645 --> 00:42:43,480 हम दोनों चुप क्यों हैं, 579 00:42:43,564 --> 00:42:45,858 जबकि यह समस्या हमसे ही सबसे अधिक संबंधित है? 580 00:42:45,941 --> 00:42:46,984 चलो यहाँ से चले जाएँ। 581 00:42:47,651 --> 00:42:50,404 - अभी तक तो हमारे आँसू भी नहीं छलके हैं। - हमें इनके साथ नहीं रहना चाहिए। 582 00:42:50,487 --> 00:42:53,824 एक झूठे आदमी के लिए घड़ियाली आँसू बहाना आसान होता है। 583 00:42:54,408 --> 00:42:56,577 - मैं इंग्लैंड चला जाता हूँ। - और मैं आयरलैंड चला जाऊँगा। 584 00:42:57,536 --> 00:43:00,080 हम अलग रहेंगे तो अधिक सुरक्षित रहेंगे। हम अलग रहेंगे तो अधिक सुरक्षित रहेंगे। 585 00:43:00,664 --> 00:43:01,874 जहाँ हम इस समय हैं... 586 00:43:03,250 --> 00:43:05,002 वहाँ लोगों की मुस्कानों के पीछे कटारें छिपी हैं। 587 00:43:05,085 --> 00:43:07,004 सबसे निकट संबंधी ही सबसे अधिक लहू के प्यासे होंगे। 588 00:43:07,087 --> 00:43:09,965 हमारे सर्वनाश के लिए चलाया गया घातक अस्त्र अभी हम तक नहीं पहुँचा है। 589 00:43:10,048 --> 00:43:12,050 उससे सुरक्षित रहने के लिए हमें उससे बचना होगा। 590 00:43:12,134 --> 00:43:15,971 तो चलो, अपने घोड़े लेकर भाग चलें। और किसी से विदा लेने की आवश्यकता नहीं है। 591 00:43:54,843 --> 00:43:56,512 वह मैकडफ़ आ गया। 592 00:44:05,187 --> 00:44:06,855 अब क्या हो रहा है, श्रीमान? 593 00:44:08,315 --> 00:44:11,026 क्या पता चला किसने यह जघन्य कार्य किया है? 594 00:44:11,109 --> 00:44:13,195 उन्होंने ही जिनको मैकबेथ ने मार डाला। 595 00:44:13,278 --> 00:44:16,740 उफ़, वह कितना दुःखदायी दिन था। उनको इससे क्या लाभ हो सकता है? 596 00:44:16,823 --> 00:44:18,242 उन्हें किसी ने इसके लिए पैसे दिए होंगे। 597 00:44:19,076 --> 00:44:20,077 मैलकम और डॉनलबेन, 598 00:44:20,160 --> 00:44:22,538 सम्राट के दोनों पुत्र, वे बिना किसी को बताए भाग गए हैं। 599 00:44:22,621 --> 00:44:25,290 तो इस कृत्य का सीधा संदेह उन पर ही जाता है। 600 00:44:25,374 --> 00:44:30,420 तो कदाचित अब सत्ता का भार मैकबेथ के कंधों पर आएगा? 601 00:44:30,504 --> 00:44:34,132 उनका नाम पहले ही घोषित हो चुका है और वह राज्याभिषेक के लिए डन्सिनेन गए हैं। 602 00:44:34,216 --> 00:44:35,217 क्या तुम डन्सिनेन जाओगे? 603 00:44:36,510 --> 00:44:38,846 नहीं, भाई। मैं वापस अपने घर, फ़ाइफ़ जा रहा हूँ। 604 00:44:40,055 --> 00:44:41,056 ख़ैर... 605 00:44:43,433 --> 00:44:44,434 फिर मैं डन्सिनेन जाता हूँ। 606 00:44:45,269 --> 00:44:48,021 आशा है तुम वहाँ सब चीज़ें अच्छे से करवा पाओगे। अलविदा। 607 00:44:49,648 --> 00:44:52,484 कहीं हमारे नए सम्राट पुराने सम्राट जितने अच्छे ना हुए तो। 608 00:44:57,447 --> 00:45:00,576 वह व्यक्ति जिसकी समझ कम होती है वह व्यक्ति जिसकी समझ कम होती है 609 00:45:01,118 --> 00:45:04,246 थोड़ी निराशा, हवा और पानी के साथ 610 00:45:05,080 --> 00:45:09,668 उसे जो मिले उससे संतोष करना चाहिए 611 00:45:10,961 --> 00:45:15,591 क्योंकि वर्षा तो हर रोज़ आती है 612 00:45:30,981 --> 00:45:33,692 मुझे अपने जीवन के सत्तर वर्ष अच्छी तरह याद हैं, 613 00:45:34,902 --> 00:45:36,445 और इतने लंबे समय में 614 00:45:36,528 --> 00:45:41,867 मैंने भयानक से भयानक समय और अनगिनत अजीब चीज़ें देखी हैं। 615 00:45:43,035 --> 00:45:48,790 लोकिन कल की रात के सामने वह सब बच्चों का खेल लगता है। 616 00:45:50,083 --> 00:45:51,251 अच्छे पिता। 617 00:45:53,045 --> 00:45:54,922 आप आकाश को देख सकते हैं, 618 00:45:55,005 --> 00:46:00,052 वह मनुष्य के इस कृत्य से कुपित होकर इस लहू से सनी धरती को डरा रहा है। वह मनुष्य के इस कृत्य से कुपित होकर इस लहू से सनी धरती को डरा रहा है। 619 00:46:00,135 --> 00:46:01,845 घड़ी के अनुसार यह दिन का समय है, 620 00:46:02,971 --> 00:46:06,183 पर रात्रि का अँधेरा जैसे सूर्य की किरणों को दबोच कर बैठा है। 621 00:46:07,768 --> 00:46:13,148 क्या यह रात्रि की प्रबलता है, या दिन की शर्मिंदगी 622 00:46:13,732 --> 00:46:16,360 कि धरती के चेहरे को उस समय अँधेरे ने ढाँप रखा है 623 00:46:16,443 --> 00:46:18,028 जब सूर्य की किरणों को उसे चूमना चाहिए था? 624 00:46:18,111 --> 00:46:21,323 यह अस्वाभाविक है, बिल्कुल उस घृणित कार्य की तरह जो हुआ है। 625 00:46:24,284 --> 00:46:29,414 पिछले मंगलवार, आकाश में ऊँचा उड़ते हुए एक गर्वीले बाज़ को 626 00:46:29,498 --> 00:46:32,668 एक चूहे पकड़ने वाले साधारण उल्लू ने पकड़कर मार डाला। 627 00:46:33,335 --> 00:46:38,590 और डंकन के घोड़े, बहुत अजीब आश्चर्यजनक चीज़ है, 628 00:46:39,466 --> 00:46:41,468 जो बहुत ही सुंदर और तेज़ दौड़ने वाले हैं, 629 00:46:41,552 --> 00:46:45,222 बहुत ही अच्छी नस्ल के हैं, अचानक पागल हो गए, 630 00:46:45,305 --> 00:46:49,351 अपनी घुड़सालें तोड़ कर बाहर निकल आए, किसी की आज्ञा मानने को तैयार नहीं, 631 00:46:49,434 --> 00:46:52,688 मानो मानवता के विरुद्ध युद्ध करने को तैयार हों। 632 00:46:58,193 --> 00:47:00,362 सुना है वे एक-दूसरे को ही नोच-नोच कर खा गए। सुना है वे एक-दूसरे को ही नोच-नोच कर खा गए। 633 00:47:39,443 --> 00:47:40,736 तुम्हें सब मिल गया। 634 00:47:42,487 --> 00:47:45,365 सम्राट, कॉडोर, 635 00:47:46,533 --> 00:47:47,784 ग्लाम्स... 636 00:47:49,912 --> 00:47:52,414 सब बन गए तुम। जैसा कि उन अजीब स्त्रियों ने कहा था। 637 00:47:55,209 --> 00:47:57,920 पर मुझे संदेह है कि तुमने यह सब कुछ छल करके पाया है। 638 00:48:00,923 --> 00:48:03,759 पर उन्होंने यह भी कहा था कि तुम्हारे वंशज सत्ता प्राप्त नहीं करेंगे। 639 00:48:03,842 --> 00:48:08,639 बल्कि मेरी संतानें ही भविष्य की सम्राट होंगी। 640 00:48:09,389 --> 00:48:11,308 अगर उनकी यह बात सत्य है... 641 00:48:12,518 --> 00:48:15,562 जैसे तुम्हारे बारे में उनका कहा हुआ सत्य हो गया, मैकबेथ... 642 00:48:18,023 --> 00:48:21,527 उनकी भविष्यवाणी पूर्ण हुई, 643 00:48:21,610 --> 00:48:27,449 क्या मैं यह आशा करूँ कि उनकी कही बातें मेरे लिए भी फलदायक सिद्ध होंगी? 644 00:48:30,536 --> 00:48:31,912 पर अब चुप। अब और कुछ ना कहना। 645 00:48:48,136 --> 00:48:50,472 यह आ गए हमारे मुख्य अतिथि। 646 00:48:51,598 --> 00:48:55,227 अगर हम इन्हें भूल जाते तो हमारी दावत में एक बहुत बड़ी कमी रह जाती 647 00:48:55,310 --> 00:48:57,187 जो बहुत ही अनुचित बात होती। 648 00:48:57,271 --> 00:49:00,566 आज रात हमने एक भव्य दावत आयोजित की है, मित्र। मैं तुम्हारी उपस्थिति के लिए निवेदन करता हूँ। आज रात हमने एक भव्य दावत आयोजित की है, मित्र। मैं तुम्हारी उपस्थिति के लिए निवेदन करता हूँ। 649 00:49:01,900 --> 00:49:03,360 तुम आज दोपहर कहीं जा रहे हो? 650 00:49:04,111 --> 00:49:05,112 जी, सम्राट। 651 00:49:05,195 --> 00:49:07,197 हम तुमसे परामर्श करके तुम्हारे सुझाव चाहते थे 652 00:49:07,281 --> 00:49:10,492 जो हमेशा की तरह आज की सभा के लिए बहुत गंभीर और अमूल्य सिद्ध होते। 653 00:49:10,576 --> 00:49:12,828 पर हम कल बात करेंगे। 654 00:49:13,620 --> 00:49:14,663 क्या तुम कहीं दूर जा रहे हो? 655 00:49:14,746 --> 00:49:18,417 बस उतनी ही दूर जाऊँगा, सम्राट, कि अब से लेकर दावत तक का समय ही लगे। 656 00:49:19,042 --> 00:49:20,377 अगर मेरा घोड़ा थक गया, 657 00:49:20,460 --> 00:49:24,381 तो हो सकता है, घड़ी दो घड़ी की देर हो जाए। 658 00:49:26,341 --> 00:49:27,467 हमारी दावत में अवश्य शामिल होना। 659 00:49:28,135 --> 00:49:29,386 अवश्य, सम्राट। 660 00:49:29,469 --> 00:49:32,556 हमने सुना है कि वह दोनों हत्यारे राजकुमार इंग्लैंड और आयरलैंड में रह रहे हैं, 661 00:49:32,639 --> 00:49:34,975 और अपना पितृ-हत्या का दोष स्वीकार नहीं कर रहे। 662 00:49:35,475 --> 00:49:36,560 पर उसकी बात हम कल करेंगे, 663 00:49:36,643 --> 00:49:39,563 जब हम राज्य से संबंधित अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे। 664 00:49:39,646 --> 00:49:42,441 चलो, अब जल्दी से अपने घोड़े के पास जाओ। रात्रि में तुम्हारे वापस आने तक अलविदा। 665 00:49:47,070 --> 00:49:48,280 क्या फ़्लियान्स तुम्हारे साथ जा रहा है? 666 00:49:53,118 --> 00:49:54,119 जी, सम्राट। 667 00:49:54,203 --> 00:49:56,830 कामना करते हैं तुम्हारे घोड़े फुर्तीले और चुस्त हों। 668 00:49:57,497 --> 00:49:59,833 और इसलिए अब मैं तुम्हें उनके हवाले करता हूँ। 669 00:50:02,544 --> 00:50:03,545 अलविदा। 670 00:50:09,426 --> 00:50:11,220 क्या वे लोग हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं? 671 00:50:12,429 --> 00:50:14,848 जी, सम्राट। 672 00:50:21,438 --> 00:50:23,273 क्या हमने कल ही बात नहीं की थी? 673 00:50:24,024 --> 00:50:25,859 - जी, हाँ। - कल ही हुई थी, सम्राट। 674 00:50:25,943 --> 00:50:28,612 क्या तुमने मेरी कही बातों पर विचार किया? 675 00:50:31,156 --> 00:50:35,369 तो तुम समझ गए हो कि अतीत में बैंक्वो ही 676 00:50:35,869 --> 00:50:38,121 तुम्हारी दुर्दशा का कारण था, 677 00:50:38,205 --> 00:50:40,666 मैं नहीं, जैसा कि तुम सोचते थे। मैं तो निर्दोष था। 678 00:50:40,749 --> 00:50:44,211 इसका प्रमाण मैंने तुम्हें हमारी पिछली भेंट में दिया था, 679 00:50:44,294 --> 00:50:47,673 किस तरह तुम्हें छला गया, तुम्हारे विरुद्ध किन साधनों का प्रयोग किया गया, 680 00:50:47,756 --> 00:50:50,050 किसने वह सब किया और बाकी सब चीज़ें भी, 681 00:50:50,133 --> 00:50:54,388 जिसे देखकर कोई मूर्ख या मंदबुद्धि भी तुरंत कह सकता है, 682 00:50:54,471 --> 00:50:55,848 "यह सब बैंक्वो ने किया।" 683 00:50:55,931 --> 00:50:57,599 आपने यह सब बताया था। 684 00:50:57,683 --> 00:51:01,895 मैंने तुम्हें सब स्पष्ट करके बताया था और कुछ और भी कहा था जो अब हमारी इस दूसरी भेंट का अभिप्राय है। मैंने तुम्हें सब स्पष्ट करके बताया था और कुछ और भी कहा था जो अब हमारी इस दूसरी भेंट का अभिप्राय है। 685 00:51:03,522 --> 00:51:07,526 क्या तुम्हारा स्वभाव इतना शांत है कि तुम इस सबको ऐसे ही भूल जाओगे? 686 00:51:10,195 --> 00:51:12,197 क्या तुम इतने बड़े... 687 00:51:12,281 --> 00:51:16,660 धर्मात्मा हो कि उस व्यक्ति के लिए और उसके बच्चों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करोगे, 688 00:51:16,743 --> 00:51:20,539 जिसके अत्याचारों ने तुम्हारी दुर्गति की और तुम्हारे बच्चों को दर-दर का भिखारी बना दिया। 689 00:51:20,622 --> 00:51:22,749 हम भी मनुष्य हैं, महाराज। 690 00:51:22,833 --> 00:51:25,335 हाँ, गिनती तो तुम्हारी मनुष्यों में ही होती है। 691 00:51:25,419 --> 00:51:30,424 अब, यदि मनुष्य-जाति में तुम्हारा भी कोई स्तर है, और तुम सबसे निम्न स्थान पर नहीं आते, तो बोलो। 692 00:51:30,507 --> 00:51:32,467 मैं तुम लोगों को ऐसा कार्य सौंपूँगा 693 00:51:32,551 --> 00:51:34,803 जिसे करने से तुम्हारे शत्रु का नामोनिशान मिट जाएगा। 694 00:51:34,887 --> 00:51:37,014 महाराज, मैं वह हूँ 695 00:51:37,097 --> 00:51:40,559 जो इस संसार के क्रूर थपेड़े खा-खा कर इतना क्रुद्ध हूँ 696 00:51:40,642 --> 00:51:42,853 कि इस संसार से बदला लेने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ। 697 00:51:42,936 --> 00:51:44,104 मैं भी ऐसा ही हूँ। 698 00:51:44,188 --> 00:51:47,149 मैं भी अपने जीवन के दुर्भाग्य से थक चुका हूँ, दुःख सह-सह कर इतना तंग आ चुका हूँ 699 00:51:47,232 --> 00:51:51,904 कि मैं कुछ भी कर सकता हूँ, अब चाहे इससे ज़िंदगी बने या समाप्त हो जाए, मुझे कोई अंतर नहीं पड़ता। 700 00:51:53,780 --> 00:51:56,325 तुम दोनों जानते हो कि बैंक्वो तुम्हारा शत्रु था। 701 00:51:59,119 --> 00:52:00,120 सत्य है, महाराज। सत्य है, महाराज। 702 00:52:01,330 --> 00:52:02,789 और वह मेरा भी शत्रु है। 703 00:52:03,373 --> 00:52:04,875 और मुझे उससे इतनी घृणा है 704 00:52:04,958 --> 00:52:09,338 कि जब भी उसे जीवित देखता हूँ, तो मेरे हृदय पर जैसे वार सा होता है! 705 00:52:09,838 --> 00:52:13,091 और हालाँकि यदि मैं चाहूँ तो बिना कोई कारण दिए उसे केवल अपनी शक्ति का प्रयोग कर 706 00:52:13,175 --> 00:52:15,719 समाप्त करने का आदेश दे सकता हूँ, लेकिन मैं ऐसा करना नहीं चाहता। 707 00:52:15,802 --> 00:52:19,431 इसीलिए मैं तुम्हारे पास सहायता के लिए आया हूँ, 708 00:52:19,515 --> 00:52:23,769 क्योंकि कई महत्वपूर्ण कारणों से हमें यह कार्य सामान्य लोगों की नज़र से छिपाकर करना होगा। 709 00:52:23,852 --> 00:52:26,647 हम आपकी आज्ञा का पालन करेंगे, महाराज। 710 00:52:26,730 --> 00:52:27,814 हालाँकि हमारी ज़िंदगियाँ... 711 00:52:27,898 --> 00:52:29,942 तुम्हारा साहस तुम्हारी आँखों में चमक रहा है। 712 00:52:30,025 --> 00:52:32,861 यह कार्य आज रात ही हो जाना चाहिए और राजमहल से दूर। 713 00:52:32,945 --> 00:52:35,405 हम पर किसी तरह का कोई संदेह नहीं आना चाहिए। 714 00:52:35,489 --> 00:52:39,493 और इस कार्य में किसी तरह की कोई त्रुटि न रह जाए, 715 00:52:40,702 --> 00:52:45,207 उसके लिए आवश्यक है कि उसके साथ उसके पुत्र, फ़्लियान्स का भी यही हश्र हो। 716 00:52:47,626 --> 00:52:49,169 हम दृढ़-संकल्प हैं, महाराज। 717 00:52:53,215 --> 00:52:54,716 तुम दोनों अलग-अलग अपना निश्चय दृढ़ करो। 718 00:53:12,109 --> 00:53:13,610 क्या बैंक्वो राजदरबार से चला गया है? 719 00:53:13,694 --> 00:53:16,321 जी हाँ, महारानी, पर वह आज रात को वापस आ जाएँगे। 720 00:53:23,078 --> 00:53:24,371 यह क्या हो रहा है, सम्राट? 721 00:53:26,456 --> 00:53:28,417 आप चेहरे पर दुःख और उदासी को ओढ़े हुए 722 00:53:28,500 --> 00:53:31,295 सारा समय अकेले-अकेले क्यों रहते हैं, 723 00:53:32,129 --> 00:53:35,757 उन विचारों से चिंतित जो उन लोगों के साथ ही समाप्त हो जाने चाहिए थे जिनके बारे में आप सोच रहे हैं? 724 00:53:36,258 --> 00:53:38,552 जिन चीज़ों का कोई हल ना हो, उनके बारे में नहीं सोचना चाहिए। 725 00:53:38,635 --> 00:53:40,345 जो हो गया सो हो गया। 726 00:53:41,763 --> 00:53:44,850 हमने साँप को अभी तक केवल घायल किया है, उसे मारा नहीं है। 727 00:53:46,268 --> 00:53:47,978 घाव भरने के बाद वह ठीक हो जाएगा 728 00:53:48,061 --> 00:53:52,024 और हमारे विरुद्ध फिर फन उठाएगा। उसके ज़हरीले दाँतों से हमें अभी भी ख़तरा है। 729 00:53:53,567 --> 00:53:56,069 इस तरह चिंता में घुलकर असहाय छटपटाने से तो बेहतर होगा कि हम भी 730 00:53:56,153 --> 00:54:00,824 उन लोगों के साथ जाकर सो जाएँ जिन्हें अपने मन की शांति के लिए हमने चिरकाल की शांति में भेज दिया। उन लोगों के साथ जाकर सो जाएँ जिन्हें अपने मन की शांति के लिए हमने चिरकाल की शांति में भेज दिया। 731 00:54:02,743 --> 00:54:04,411 डंकन अपनी कब्र में है। 732 00:54:04,494 --> 00:54:07,164 जीवन के कष्टों से मुक्ति पाकर वह चैन की नींद सो रहा है। 733 00:54:08,373 --> 00:54:11,376 विश्वासघात सबसे बुरा कर चुका है। अब ना कोई शस्त्र, ना कोई विष, 734 00:54:11,460 --> 00:54:16,840 ना कोई राजद्रोह, ना आक्रमण, कुछ नहीं... अब कुछ भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। 735 00:54:16,924 --> 00:54:22,012 ख़ुद को संभालिए, स्वामी, अपना यह चेहरा सँवार लीजिए। 736 00:54:22,554 --> 00:54:25,599 आज रात अपने अतिथियों के बीच हँसमुख और प्रसन्न रहिएगा। 737 00:54:28,268 --> 00:54:31,104 मेरे मन में जैसे हज़ारों बिच्छू डंक मार रहे हैं, प्रिये। 738 00:54:32,231 --> 00:54:36,068 तुम जानती हो बैंक्वो और उसका फ़्लियान्स अब भी जीवित हैं। 739 00:54:36,151 --> 00:54:39,321 और उसके राजसी स्वभाव में कुछ ऐसा है जो डराता है। 740 00:54:39,404 --> 00:54:41,406 वह बहुत दुस्साहसी है। 741 00:54:43,033 --> 00:54:44,952 और साहस और निर्भीकता के साथ 742 00:54:45,035 --> 00:54:47,871 उसमें सुरक्षा का ध्यान रखते हुए वीरतापूर्ण कार्य करने का विवेक भी है। 743 00:54:47,955 --> 00:54:50,999 केवल एक वही है जिससे मुझे सच में भय लगता है। 744 00:54:51,083 --> 00:54:53,752 ये सब बातें छोड़ दीजिए। 745 00:54:55,671 --> 00:54:59,216 उसने चुड़ैलों को फटकारा था जब उन्होंने मेरे सम्राट बनने की बात की थी, 746 00:54:59,299 --> 00:55:01,176 और उनसे अपने भविष्य के बारे में बताने को कहा था। और उनसे अपने भविष्य के बारे में बताने को कहा था। 747 00:55:01,760 --> 00:55:07,558 तब भविष्यवक्ता की तरह उन्होंने उसे राजाओं के एक वंश का जनक कहा था। 748 00:55:07,641 --> 00:55:10,269 क्या लाभ है मेरे सिर पर इस निरर्थक मुकुट का, 749 00:55:10,352 --> 00:55:12,104 हाथ में ऐसे व्यर्थ के राजदंड का, 750 00:55:12,187 --> 00:55:14,690 अगर मुझसे ये किसी दूसरे वंश के लोग छीन लेंगे। 751 00:55:14,773 --> 00:55:16,692 मेरा कोई पुत्र सम्राट नहीं बनेगा। 752 00:55:16,775 --> 00:55:21,363 यदि ऐसा है, तो मैंने बैंक्वो के पुत्रों के लिए अपनी आत्मा को दूषित किया है। 753 00:55:21,864 --> 00:55:23,866 उनके लिए दयालु डंकन का वध किया है। 754 00:55:23,949 --> 00:55:27,077 केवल उनके लिए अपने हृदय की शांति खोकर उसमें द्वेष और बेचैनी भर ली है। 755 00:55:27,160 --> 00:55:30,497 और उन्हें राजा बनाने के लिए मैंने अपनी आत्मा को 756 00:55:30,581 --> 00:55:32,332 शैतान के हाथों बेच दिया है! 757 00:55:33,959 --> 00:55:37,254 बैंक्वो की संतानें राजा बनेंगी! 758 00:55:37,880 --> 00:55:40,299 लेकिन वे भी अमर तो नहीं हैं। 759 00:55:40,382 --> 00:55:41,800 इसी का संतोष है। 760 00:55:43,218 --> 00:55:46,430 उन्हें भी मारा जा सकता है। तो फिर प्रसन्न हो जाओ। 761 00:55:48,432 --> 00:55:51,685 राजमहल में चमगादड़ के उड़ने से पहले। 762 00:55:52,477 --> 00:55:55,063 इससे पहले कि भिनभिनाता हुआ गुबरैला चुड़ैलों की रानी हेकट का 763 00:55:55,147 --> 00:55:58,483 रात्रि आरंभ होने का संदेश लाए और लोगों को जम्हाईयाँ दिलवाए, 764 00:55:58,567 --> 00:56:00,777 एक भयानक कार्य को अंजाम दिया जाएगा। एक भयानक कार्य को अंजाम दिया जाएगा। 765 00:56:02,487 --> 00:56:03,947 तुम क्या करने वाले हो? 766 00:56:04,531 --> 00:56:06,575 बेहतर होगा तुम कार्य पूरा होने तक उससे अनजान रहो, प्रिये, 767 00:56:07,701 --> 00:56:09,494 फिर बाद में तुम मेरी प्रशंसा कर सकती हो। 768 00:56:11,747 --> 00:56:13,290 आ, काली रात, 769 00:56:14,333 --> 00:56:18,712 और इस दयनीय दिन की आँखों पर पट्टी बाँध दे। 770 00:56:19,588 --> 00:56:22,174 अपने अदृश्य, ख़ूनी हाथों से 771 00:56:23,050 --> 00:56:27,304 उस सूत्र के टुकड़े-टुकड़े कर दे जिसके बँधे रहने से मेरा हृदय भयभीत रहता है। 772 00:56:28,263 --> 00:56:29,431 दिन ढलने लगा है। 773 00:56:30,390 --> 00:56:32,893 कौवे अपने बसेरों की ओर लौट रहे हैं। 774 00:56:34,311 --> 00:56:36,605 दिन भर के थके-हारे प्राणी सोने की तैयारी करने लगे हैं, 775 00:56:36,688 --> 00:56:39,525 और निशाचर अपने शिकार की तलाश में निकल पड़े हैं। 776 00:56:40,776 --> 00:56:43,612 तुम मेरी बातों से हैरान हो रही हो। पर थोड़ा धैर्य रखो। 777 00:56:47,032 --> 00:56:50,619 बुरे कर्मों को सुदृढ़ करने के लिए और बुरे कर्म करने पड़ते हैं। 778 00:57:28,073 --> 00:57:29,992 तुम्हें यहाँ हमारे पास किसने भेजा है? 779 00:57:30,951 --> 00:57:32,202 मैकबेथ ने। 780 00:57:33,412 --> 00:57:36,123 हमें इस पर अविश्वास नहीं करना चाहिए चूँकि यह वही निर्देश दोहरा रहा है 781 00:57:36,206 --> 00:57:38,542 जो हमें पहले दिए गए हैं। 782 00:57:39,168 --> 00:57:40,502 तो तुम भी हमारे साथ आ जाओ। 783 00:57:44,298 --> 00:57:47,050 रोशनी। वह देखो रोशनी! 784 00:57:51,138 --> 00:57:52,514 मुझे यह मशाल देना, बेटा। 785 00:58:12,409 --> 00:58:13,785 लगता है आज रात बारिश आएगी। 786 00:58:13,869 --> 00:58:15,495 तो आने दो। 787 00:58:28,133 --> 00:58:29,593 फ़्लियान्स! 788 00:58:42,022 --> 00:58:45,359 भागो, फ़्लियान्स! भागो! 789 00:58:58,121 --> 00:59:01,083 एक ही समाप्त हुआ है। लड़का भाग गया है। एक ही समाप्त हुआ है। लड़का भाग गया है। 790 00:59:02,167 --> 00:59:04,545 हम आधा ही काम पूरा कर पाए। 791 00:59:04,628 --> 00:59:07,464 चलो चलकर सम्राट को बता दें कितना काम हुआ है। 792 01:00:34,301 --> 01:00:38,263 तुम्हें क्या लगता है मैकडफ़ हमारी दावत में शामिल होने क्यों नहीं आया? 793 01:00:38,347 --> 01:00:40,474 - क्या आपने उसे न्योता भेजा था, सम्राट? - महाराज। 794 01:00:42,476 --> 01:00:44,811 आप सब अपने-अपने पदों के अनुसार अपने स्थान पर बैठ जाएँ। 795 01:00:45,687 --> 01:00:48,774 बड़े से लेकर छोटे तक, सबका हार्दिक स्वागत है। 796 01:00:52,653 --> 01:00:54,988 जल्दी ही हम अपने अतिथियों के स्वास्थ्य के लिए जाम पिएँगे। 797 01:01:07,167 --> 01:01:09,837 - तुम्हारे चेहरे पर लहू लगा है। - यह बैंक्वो का होगा। 798 01:01:10,462 --> 01:01:12,673 बेहतर है कि यह तुम्हारे तन के बाहर लगा है बजाय इसके कि उसके तन के अंदर दौड़े। 799 01:01:13,423 --> 01:01:14,591 क्या उसे संसार से विदा कर दिया? 800 01:01:14,675 --> 01:01:17,803 महाराज, उसका गला काट दिया गया है। यह काम मैंने स्वयं किया है। 801 01:01:18,387 --> 01:01:20,722 तुमसे बेहतर गला काटने वाला कोई नहीं है। 802 01:01:21,306 --> 01:01:23,267 पर वह भी अच्छा होगा जिसने फ़्लियान्स का भी यही हाल किया होगा। 803 01:01:23,350 --> 01:01:25,352 अगर वह काम भी तुमने किया है, तो तुम सर्वश्रेष्ठ हो। 804 01:01:26,812 --> 01:01:28,146 परम पूजनीय सम्राट... 805 01:01:32,192 --> 01:01:33,735 फ़्लियान्स बच कर भाग गया। 806 01:01:36,405 --> 01:01:39,116 फिर मेरी चिंता पुनः बढ़ गई। नहीं तो मैं बिल्कुल स्वस्थ हो जाता। 807 01:01:40,367 --> 01:01:41,702 पर बैंक्वो का काम तो तमाम हो गया ना? 808 01:01:42,286 --> 01:01:44,288 जी, महाराज। 809 01:01:44,371 --> 01:01:48,417 बीस गहरे घावों के साथ वह एक खाई में शांति से सो रहा है। 810 01:01:48,500 --> 01:01:50,127 उन घावों में से हर एक मृत्यु देने को पर्याप्त था। 811 01:01:51,295 --> 01:01:53,046 तो साँप वहाँ पड़ा है। 812 01:01:53,130 --> 01:01:55,883 पर जो सँपोला बच निकला है, वह भी कुछ समय बाद ज़हर उगलने लगेगा, 813 01:01:55,966 --> 01:01:57,551 चाहे अभी उसके दाँत नहीं हैं। 814 01:01:58,468 --> 01:01:59,720 अब तुम लोग जाओ। 815 01:01:59,803 --> 01:02:02,848 महाराज, आप अतिथियों का सत्कार नहीं कर रहे हैं। महाराज, आप अतिथियों का सत्कार नहीं कर रहे हैं। 816 01:02:03,932 --> 01:02:05,392 अच्छा याद दिलाया। 817 01:02:06,268 --> 01:02:09,271 अपने भोजन का आनंद लीजिए क्योंकि अच्छा पाचन भूख पर निर्भर है और अच्छा स्वास्थ्य... 818 01:02:09,354 --> 01:02:10,397 दोनों पर। 819 01:02:11,148 --> 01:02:12,399 कृपया, सम्राट, बैठिए। 820 01:02:12,482 --> 01:02:15,277 आज हमारी छत के नीचे हमारे राज्य का संपूर्ण गौरव सुसज्जित होता 821 01:02:15,360 --> 01:02:17,362 यदि बैंक्वो भी यहाँ उपस्थित होता। 822 01:02:17,446 --> 01:02:20,782 आशा है केवल ध्रष्टता के कारण उसे देर हुई है और उसे किसी आपदा का सामना नहीं करना पड़ा है। 823 01:02:20,866 --> 01:02:23,535 उसकी अनुपस्थिति उसके वादे को झूठा ठहराती है, श्रीमान। 824 01:02:23,619 --> 01:02:26,788 सम्राट, आप भी हमारे साथ बैठ कर हमें सम्मानित करने की कृपा कीजिए। 825 01:02:28,749 --> 01:02:30,542 यहाँ आपके लिए एक जगह रखी गई है। 826 01:02:39,968 --> 01:02:42,179 सम्राट इतना परेशान किसलिए हो रहे हैं? 827 01:02:44,473 --> 01:02:46,058 तुम लोगों में से किसने किया है यह? 828 01:02:47,309 --> 01:02:48,810 क्या किया है, महाराज? 829 01:02:48,894 --> 01:02:50,395 तुम यह नहीं कह सकते कि यह मैंने किया है। 830 01:02:54,858 --> 01:02:57,778 अपने इन लहूलुहान केशों को मेरी ओर मत हिलाओ! 831 01:02:57,861 --> 01:03:01,240 सज्जनों, उठ जाइए। सम्राट स्वस्थ नहीं लग रहे। सज्जनों, उठ जाइए। सम्राट स्वस्थ नहीं लग रहे। 832 01:03:01,323 --> 01:03:02,491 बैठिए, सम्मानित अतिथियों। 833 01:03:02,574 --> 01:03:04,910 मेरे स्वामी के साथ कभी-कभी ऐसा होता है, और युवावस्था से होता आया है। 834 01:03:04,993 --> 01:03:05,994 मेरी आपसे विनती है, बैठे रहिए। 835 01:03:06,078 --> 01:03:09,831 उनकी ऐसी अवस्था कुछ ही देर के लिए रहेगी। कुछ ही क्षण में वह ठीक हो जाएँगे। 836 01:03:10,999 --> 01:03:12,000 क्या तुम पुरुष हो? 837 01:03:12,084 --> 01:03:14,628 बिल्कुल हूँ, और एक वीर पुरुष हूँ, 838 01:03:14,711 --> 01:03:17,130 जिसमें वह देखने का साहस है जिससे शैतान भी डर जाए। 839 01:03:17,214 --> 01:03:19,091 यह तुम्हारे डर से पैदा हुआ एक और भ्रम है। 840 01:03:19,174 --> 01:03:21,718 यह उसी काल्पनिक कटार की तरह है जो तुम्हें डंकन की ओर लेकर गई थी। 841 01:03:21,802 --> 01:03:25,514 अगर मेरा यहाँ धरती पर खड़े होना सच है, तो उसे देखना भी उतना ही सच है! 842 01:03:25,597 --> 01:03:26,932 धिक्कार है तुम पर। 843 01:03:27,516 --> 01:03:30,060 अतीत में जब मनुष्य के सिर पर वार होता था, 844 01:03:30,143 --> 01:03:32,020 तो उसकी मृत्यु हो जाती थी, और वह अंत होता था! 845 01:03:32,104 --> 01:03:35,691 पर अब बीस-बीस वार खाकर मृत्यु के बाद भी वह पुनः उठकर आ रहे हैं 846 01:03:35,774 --> 01:03:37,651 और हमें हमारी बैठने की जगहों से धकेल रहे हैं! 847 01:03:37,734 --> 01:03:40,320 यह तो इस तरह की हत्या से भी अधिक विचित्र है! 848 01:03:43,031 --> 01:03:45,492 चला जा! मेरी नज़रों से दूर हो जा! 849 01:03:45,576 --> 01:03:47,202 तेरी हड्डियाँ सूख चुकी हैं! 850 01:03:47,286 --> 01:03:49,079 तेरा लहू ठंडा हो चुका है! 851 01:03:49,162 --> 01:03:51,582 तेरी आँखों में अब देखने की शक्ति नहीं है। 852 01:03:57,337 --> 01:03:59,631 दूर हो जा, ओ भयानक काली छाया! 853 01:03:59,715 --> 01:04:01,800 उपहास करने वाली मिथ्या छवि, हट जा! उपहास करने वाली मिथ्या छवि, हट जा! 854 01:04:20,861 --> 01:04:22,154 अरे, वह तो... 855 01:04:23,405 --> 01:04:24,531 चला गया... 856 01:04:26,742 --> 01:04:28,035 अब मैं फिर से वही मनुष्य हूँ। 857 01:04:29,161 --> 01:04:31,163 मेरे सम्मानित दोस्तों, मेरी चिंता मत कीजिए। 858 01:04:31,246 --> 01:04:35,584 मुझे एक अजीब बीमारी है, जो मेरे परिचितों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। 859 01:04:36,084 --> 01:04:37,711 तुमने हमारी प्रसन्नता समाप्त कर दी है, 860 01:04:37,794 --> 01:04:40,422 और सभा में इतना शानदार तमाशा करके रंग में भंग डाल दिया है। 861 01:04:41,590 --> 01:04:45,219 क्या संसार में ऐसी चीज़ें भी हैं जो ग्रीष्म ऋतु में आने वाली बदली की तरह अचानक आएँ 862 01:04:45,302 --> 01:04:46,720 और हमें आश्चर्यचकित कर दें? 863 01:04:46,803 --> 01:04:50,807 तुम मुझे स्वयं से ही अजनबी महसूस करवाती हो 864 01:04:50,891 --> 01:04:52,851 जब मैं देखता हूँ कि ऐसे भयानक दृश्य देखने के बाद भी 865 01:04:52,935 --> 01:04:56,813 तुम्हारे चेहरे की लाली ज्यों की त्यों है और मेरा चेहरा डर के मारे पीला पड़ गया है। 866 01:04:56,897 --> 01:04:59,733 - कैसे दृश्य, सम्राट? - मैं विनती करती हूँ, इनसे कुछ मत कहो। 867 01:05:00,484 --> 01:05:02,694 इनकी हालत बद से बदतर होती जा रही है। प्रश्न इन्हें उत्तेजित करते हैं। 868 01:05:02,778 --> 01:05:04,238 अब तुरंत, अलविदा। 869 01:05:04,321 --> 01:05:06,782 अपने पदों के अनुक्रम की परवाह मत कीजिए। सब लोग एक साथ जाइए। 870 01:05:06,865 --> 01:05:09,326 अलविदा। और आशा है महाराज जल्दी ही स्वस्थ... 871 01:05:09,409 --> 01:05:11,370 सभी को अलविदा। 872 01:05:17,167 --> 01:05:18,544 वह मुझसे बदला लेकर रहेगा। 873 01:05:19,962 --> 01:05:20,963 कहते हैं... 874 01:05:23,340 --> 01:05:24,842 लहू का बदला लहू से ही लिया जाता है। 875 01:05:27,678 --> 01:05:30,639 हत्यारों का नाम बताने के लिए पत्थर हिल जाते हैं, पेड़ बोल उठते हैं। 876 01:05:32,599 --> 01:05:35,727 इन पशु-पक्षियों के इशारों को समझने वाले लोग भी हैं 877 01:05:35,811 --> 01:05:39,189 जो इनकी मदद से गुप्त हत्यारों का पता लगा लेते हैं। 878 01:05:42,192 --> 01:05:43,443 कितनी रात हो गई? 879 01:05:44,653 --> 01:05:47,281 पौ फटने वाली है। 880 01:05:48,824 --> 01:05:53,120 तुम्हें क्या लगता है मैकडफ़ हमारी दावत में शामिल होने क्यों नहीं आया? 881 01:05:54,663 --> 01:05:56,790 क्या आपने उसे न्योता भेजा था, सम्राट? 882 01:05:58,292 --> 01:06:00,711 अभी मैंने कुछ उड़ती-उड़ती बात सुनी है। पर मैं उसे बुलावा भेजूँगा। अभी मैंने कुछ उड़ती-उड़ती बात सुनी है। पर मैं उसे बुलावा भेजूँगा। 883 01:06:00,794 --> 01:06:04,173 मैंने हर सामंत के घर में अपना एक भेदी सेवक रख छोड़ा है। 884 01:06:06,466 --> 01:06:09,845 कल मैं उन चुड़ैल बहनों से मिलने जाऊँगा। उन्हें मुझे भविष्य के बारे में और बताना होगा। 885 01:06:11,180 --> 01:06:14,474 मैं अब इस ख़ूनी नदी में इतना आगे आ चुका हूँ 886 01:06:14,558 --> 01:06:18,896 कि अगर अब मैं रुक भी जाऊँ तो भी पीछे जाना भी उतना ही कठिन होगा जितना आगे बढ़ना। 887 01:06:21,732 --> 01:06:24,568 मेरे मस्तिष्क में कुछ अजीब योजनाएँ जन्म ले रही हैं जो मुझे तुरंत करनी होंगी। 888 01:06:24,651 --> 01:06:26,028 उन पर विचार करने से पहले ही... 889 01:06:27,696 --> 01:06:28,989 उनको पूर्ण करना बेहतर होगा। 890 01:06:31,658 --> 01:06:35,537 आपकी यह हालत नींद की कमी के कारण हुई है। 891 01:06:36,747 --> 01:06:38,415 चलो, सोने चलते हैं। 892 01:06:41,168 --> 01:06:47,591 मेरी यह आत्म-प्रताड़ना अनुभवहीनता से होने वाले डर के कारण है। 893 01:06:50,010 --> 01:06:51,845 पाप-कर्म करने में अभी हम बच्चे ही हैं। 894 01:07:05,234 --> 01:07:06,485 समय आ गया है। 895 01:07:07,444 --> 01:07:08,779 समय आ गया है। 896 01:07:09,821 --> 01:07:13,158 अगला दिन 897 01:07:38,934 --> 01:07:41,228 मेरे अंगूठों में कुछ झनझनाहट हो रही है, 898 01:07:42,187 --> 01:07:45,065 लगता है कोई शैतानी चीज़ इस ओर आ रही है। 899 01:07:47,901 --> 01:07:51,655 क्या हो रहा है, रहस्यमयी काली चुड़ैलों? 900 01:07:52,656 --> 01:07:54,032 तुम यहाँ क्या कर रही हो? 901 01:07:54,533 --> 01:07:57,369 ऐसा कुछ जिसका कोई नाम नहीं। 902 01:07:58,120 --> 01:07:59,413 तुम्हारी जो भी शक्ति है, 903 01:08:00,289 --> 01:08:03,250 मैं उसके नाम पर तुमसे निवेदन करता हूँ, जैसे भी तुम यह सब जानती हो, मुझे उत्तर दो। 904 01:08:03,333 --> 01:08:07,337 चाहे प्रलय की आँधी आए और वह अपने विनाश से स्वयं थक जाए, मुझे मेरे प्रश्नों का उत्तर दो। 905 01:08:07,421 --> 01:08:08,422 बोलो। 906 01:08:08,505 --> 01:08:10,716 - पूछो। - हम उत्तर देंगे। 907 01:08:10,799 --> 01:08:15,345 कहो तुम सब हमसे सुनना चाहोगे या हमारे मालिकों के मुख से? 908 01:08:15,429 --> 01:08:18,807 बुलाओ उन्हें। मुझे उन्हें देखने दो। 909 01:08:26,356 --> 01:08:29,109 दोगुना, दोगुना संघर्ष और परेशानी डालो। 910 01:08:29,609 --> 01:08:32,613 ओ आग जलो, और जादू की देग उबलो। 911 01:08:32,696 --> 01:08:36,533 दोगुना, दोगुना संघर्ष और परेशानी डालो। ओ आग जलो, और जादू की देग उबलो। 912 01:08:36,617 --> 01:08:39,828 दोगुना, दोगुना संघर्ष और परेशानी डालो। ओ आग जलो, और जादू की देग उबलो... 913 01:08:46,835 --> 01:08:49,587 जन्मते ही गला घोंटकर मारे गए बच्चे की उँगली, 914 01:08:50,255 --> 01:08:53,550 जिसे किसी कुलटा ने खाई में पैदा किया था। 915 01:08:56,178 --> 01:08:58,764 ईश्वर की बुराई करने वाले यहूदी का जिगर, 916 01:08:59,848 --> 01:09:02,725 बकरी का पित्त, सदाबहार पेड़ की टहनियाँ। बकरी का पित्त, सदाबहार पेड़ की टहनियाँ। 917 01:09:03,227 --> 01:09:09,024 चंद्रग्रहण के समय चाँदनी से नहाई हुईं, तुर्क की नाक और तातार के होंठ। 918 01:09:09,608 --> 01:09:11,693 यह चमगादड़ का लहू है। 919 01:09:11,777 --> 01:09:14,029 - इसमें डालो। - इसमें डालो। 920 01:09:14,112 --> 01:09:16,448 देग के चक्कर काटो। 921 01:09:16,532 --> 01:09:19,201 ज़हरीली आँतें इसमें डालो। 922 01:09:19,283 --> 01:09:21,495 एक बड़ी मुसीबत का टोना बनाने के लिए, 923 01:09:22,371 --> 01:09:26,792 नरक के शोरबे जैसी देग में उबलने दो। 924 01:09:29,837 --> 01:09:32,214 मुझे बताओ, ओ अज्ञात शक्ति... 925 01:09:32,296 --> 01:09:36,635 वह तुम्हारे मन की बात जानता है। तुम कुछ मत कहो, केवल उसकी बात सुनो। 926 01:09:36,718 --> 01:09:40,138 मैकबेथ। मैकबेथ। मैकबेथ। 927 01:09:41,014 --> 01:09:42,975 मैकडफ़ से होशियार रहना। 928 01:09:43,684 --> 01:09:45,894 फ़ाइफ़ के सामंत से बच कर रहना। 929 01:09:45,978 --> 01:09:48,397 तुम जो भी हो, मुझे यह चेतावनी देने के लिए, धन्यवाद। 930 01:09:48,479 --> 01:09:50,858 तुमने मेरे भय को सही पहचाना है। पर एक चीज़ और... 931 01:09:50,941 --> 01:09:52,818 उसे आदेश नहीं दिया जा सकता। 932 01:09:53,569 --> 01:09:56,989 एक और आ रहा है, पहले वाले से अधिक शक्तिशाली। 933 01:09:57,072 --> 01:10:00,325 मैकबेथ। मैकबेथ। मैकबेथ। मैकबेथ। मैकबेथ। मैकबेथ। 934 01:10:00,409 --> 01:10:02,202 मेरे तीन कान होते, तो मैं तीनों से तुम्हारी बात सुनता। 935 01:10:02,286 --> 01:10:05,247 निर्दयी, निडर और अटल बन। 936 01:10:05,330 --> 01:10:07,875 हँस कर मनुष्य की शक्ति का उपहास कर, 937 01:10:07,958 --> 01:10:11,962 क्योंकि नारी से जन्मा कोई भी मनुष्य मैकबेथ का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। 938 01:10:12,713 --> 01:10:16,133 तो जीवित रह, मैकडफ़। मुझे तुमसे डरने की क्या ज़रूरत है? 939 01:10:16,967 --> 01:10:20,804 पर फिर भी मैं विधि का लिखा दोहरा सुनिश्चित करवाऊँगा। 940 01:10:20,888 --> 01:10:22,306 तुम्हें ज़िंदा नहीं रहने दूँगा, मैकडफ़। 941 01:10:22,389 --> 01:10:25,309 ताकि मैं अपने दिल में उठने वाले भय से कह सकूँ, तुम झूठे हो, 942 01:10:25,392 --> 01:10:27,019 और तूफ़ानी रातों में भी चैन से सो पाऊँ। 943 01:10:28,604 --> 01:10:32,608 पर यह कौन आ रहा है जो राजकुमार जैसा लग रहा है, 944 01:10:32,691 --> 01:10:35,903 और जिसने अपने छोटे से मस्तक पर मुकुट पहना है? 945 01:10:35,986 --> 01:10:38,530 इसकी बात सुनो, पर कुछ मत बोलना। 946 01:10:38,614 --> 01:10:42,451 मैकबेथ को तब तक कोई नहीं हरा पाएगा 947 01:10:42,534 --> 01:10:48,999 जब तक विशान बरनम वन आगे बढ़कर डन्सिनेन पर्वत तक नहीं आ जाता। 948 01:10:49,082 --> 01:10:50,501 ऐसा कभी नहीं होगा। 949 01:10:51,251 --> 01:10:55,422 वनों को कौन आदेश दे सकता है? कौन वृक्षों को अपनी जड़ें उखाड़ने के लिए कह सकता है? 950 01:10:55,506 --> 01:10:58,634 पर फिर भी मेरा दिल एक और बात जानने के लिए धड़क रहा है। 951 01:10:58,717 --> 01:11:01,053 बताओ मुझे, अगर तुममें बताने की क्षमता है। बताओ मुझे, अगर तुममें बताने की क्षमता है। 952 01:11:02,221 --> 01:11:05,557 क्या बैंक्वो का पुत्र कभी इस राज्य पर शासन करेगा? 953 01:11:07,684 --> 01:11:09,269 और जानने का प्रयत्न मत कर। 954 01:11:10,771 --> 01:11:14,066 और जानने का प्रयत्न मत कर। 955 01:11:41,218 --> 01:11:42,719 क्या तुमने उन चुड़ैल बहनों को देखा? 956 01:11:42,803 --> 01:11:45,138 - नहीं, सम्राट। - क्या वे तुम्हारे पास से गुज़र कर नहीं गईं? 957 01:11:46,265 --> 01:11:47,266 बिल्कुल नहीं, सम्राट। 958 01:11:47,349 --> 01:11:50,477 भगवान करें जहाँ से वे गुज़रें, वहाँ की हवा दूषित हो जाए। 959 01:11:50,561 --> 01:11:53,105 और उन पर भरोसा करने वालों का सर्वनाश हो जाए! 960 01:11:54,064 --> 01:11:56,483 पर मैंने घोड़ों की टापों की आवाज़ सुनी थी। कौन आया था? 961 01:11:57,317 --> 01:11:59,486 दो या तीन दूत आपके सिए संदेश लाए हैं, महाराज। 962 01:11:59,987 --> 01:12:01,488 मैकडफ़ इंग्लैंड भाग गया है। मैकडफ़ इंग्लैंड भाग गया है। 963 01:12:02,573 --> 01:12:04,867 - इंग्लैंड भाग गया है? - जी, सम्राट। 964 01:12:06,827 --> 01:12:10,330 समय, तुम मेरे ख़तरनाक इरादों को पूरा होने से रोक रहे हो। 965 01:12:10,414 --> 01:12:11,999 अब इस क्षण से, 966 01:12:12,082 --> 01:12:15,419 जैसे ही मेरे हृदय में कोई विचार उपजेगा, उसे तुरंत पूरा किया जाएगा। 967 01:12:15,502 --> 01:12:21,008 और अब भी, अपने इरादों को पूरा करने के लिए मैंने जो सोचा है, उसे कार्यान्वित करूँगा। 968 01:12:21,091 --> 01:12:24,219 मैं मैकडफ़ के महल पर अचानक धावा बोलूँगा। फ़ाइफ़ पर कब्ज़ा कर लूँगा। 969 01:12:24,303 --> 01:12:26,930 मेरी तलवार की धार उसकी पत्नी, उसके बच्चों 970 01:12:27,014 --> 01:12:30,726 और उन सब अभागों के पार होगी जो उसके वंश से किसी भी तरह संबंधित होंगे। 971 01:12:30,809 --> 01:12:32,394 मूर्खों की तरह केवल डींगें नहीं हाँकूँगा। 972 01:12:32,477 --> 01:12:35,022 अपना संकल्प ढीला पड़ने से पहले ही मैं यह करूँगा! 973 01:12:35,105 --> 01:12:37,232 अब और कोई परछाईयाँ नहीं देखनी! 974 01:13:03,717 --> 01:13:06,595 मैं बस इतना कहता हूँ, सारी व्यवस्था कितने अजीब तरीके से की गई है। 975 01:13:08,472 --> 01:13:11,225 महान डंकन की मौत पर मैकबेथ ने आँसू बहाए थे। 976 01:13:12,059 --> 01:13:13,519 उनके मरने के बाद। 977 01:13:14,019 --> 01:13:16,355 और वीर बैंक्वो देर रात तक बाहर था। 978 01:13:16,438 --> 01:13:21,818 जिसके बारे में तुम चाहो तो कह सकते हो, कि उसे फ़्लियान्स ने मारा क्योंकि फ़्लियान्स भाग गया। 979 01:13:21,902 --> 01:13:27,574 आदमियों को देर रात तक बाहर नहीं रहना चाहिए। सुना है मैकडफ़ पर सम्राट कुपित हैं। 980 01:13:27,658 --> 01:13:29,576 श्रीमान, क्या आपको पता है वह कहाँ रह रहा है? 981 01:13:29,660 --> 01:13:31,787 डंकन का पुत्र, मैलकम, जिससे इस... 982 01:13:32,538 --> 01:13:34,957 आततायी ने उसका जन्माधिकार छीन लिया है, 983 01:13:35,582 --> 01:13:37,543 इंग्लैंड के सम्राट के पास जाकर रह रहा है। 984 01:13:37,626 --> 01:13:40,170 मैकडफ़ भी वहीं सहायता माँगने के लिए गया है। 985 01:13:40,671 --> 01:13:45,592 इस समाचार से मैकबेथ इतना विक्षुब्ध है कि वह युद्ध की तैयारी कर रहा है। 986 01:13:46,426 --> 01:13:49,346 काश कोई देवदूत इंग्लैंड के सम्राट के दरबार में उड़ कर चला जाए 987 01:13:49,429 --> 01:13:52,015 और जाकर यह संदेश दे, 988 01:13:53,016 --> 01:13:56,645 कि कोई जल्दी से आकर एक अत्याचारी के ज़ुल्मों तले तड़प रहे हमारे इस अभागे देश को... 989 01:13:58,272 --> 01:14:01,316 उसके कष्टों से मुक्ति दिलवाए। उसके कष्टों से मुक्ति दिलवाए। 990 01:14:11,326 --> 01:14:13,787 उन्होंने ऐसा क्या किया था जो उन्हें देश छोड़ कर भागना पड़ा? 991 01:14:13,871 --> 01:14:16,623 - आपको धैर्य रखना होगा, देवी। - उन्होंने तो धैर्य नहीं रखा। 992 01:14:16,707 --> 01:14:18,709 उनका इस तरह भाग जाना पागलपन था। 993 01:14:18,792 --> 01:14:22,421 हमारे कार्यों से हम विश्वासघाती ना भी लगें, परंतु भय दिखाने से तो माने ही जाएँगे। 994 01:14:22,504 --> 01:14:26,216 आपको अभी यह नहीं पता कि उनका इस तरह भागना उनकी बुद्धिमत्ता थी या उनका भय था। 995 01:14:26,300 --> 01:14:27,342 बुद्धिमत्ता! 996 01:14:27,926 --> 01:14:32,931 अपनी पत्नी, अपने बच्चों, अपने महल और अपनी सारी पदवियों को 997 01:14:33,015 --> 01:14:35,976 यूँ असुरक्षित छोड़ कर कौन ऐसे भागता है? 998 01:14:36,852 --> 01:14:38,103 वह हमसे प्रेम नहीं करते। 999 01:14:39,146 --> 01:14:41,523 उनमें वह स्वाभाविक प्रेम की भावना नहीं है। 1000 01:14:42,107 --> 01:14:45,527 छोटी से छोटी चिड़िया भी 1001 01:14:45,611 --> 01:14:49,323 घोंसले में बैठे अपने बच्चों को बचाने के लिए उल्लू से लड़ जाती है। 1002 01:14:49,406 --> 01:14:52,993 मेरी प्यारी बहन, विनती करता हूँ, अपने-आप को संभालो। 1003 01:14:53,076 --> 01:14:57,789 आपके पति सज्जन, विद्वान और विवेकशील हैं, 1004 01:14:57,873 --> 01:15:02,878 और समय के रुख को अच्छी तरह समझते हैं। और समय के रुख को अच्छी तरह समझते हैं। 1005 01:15:04,046 --> 01:15:06,298 इससे ज़्यादा मैं आपको कुछ नहीं बता सकता। 1006 01:15:07,216 --> 01:15:09,218 पर आजकल का समय बहुत क्रूर है 1007 01:15:09,301 --> 01:15:12,471 जब हमें विश्वासघाती कहा जा रहा है और हमें नहीं पता क्यों, 1008 01:15:12,554 --> 01:15:17,434 जब हम डरावनी अफ़वाहों को सुनकर डरने लगते हैं, पर हमें पता नहीं होता किससे डर रहे हैं, 1009 01:15:18,352 --> 01:15:24,816 और हम संदेह तथा चिंता की उग्र लहरों में इधर-उधर गोते खाते रहते हैं और पहुँचते कहीं नहीं। 1010 01:15:24,900 --> 01:15:26,068 मेरी प्यारी बहन। 1011 01:15:29,321 --> 01:15:32,950 इसके पिता जीवित हैं, पर यह पितृहीन हो गया है। 1012 01:15:35,452 --> 01:15:39,164 बेटा, तुम्हारे पिता की मौत हो गई है। 1013 01:15:39,998 --> 01:15:42,459 अब तुम क्या करोगे? अपना जीवन कैसे काटोगे? 1014 01:15:42,543 --> 01:15:45,003 मेरे पिता की मौत नहीं हुई है, चाहे आप जो भी कहो। 1015 01:15:45,087 --> 01:15:46,463 हाँ, वह मर चुके हैं। 1016 01:15:46,547 --> 01:15:48,549 बिना पिता के तुम कैसे रहोगे? 1017 01:15:48,632 --> 01:15:51,385 नहीं, बिना पति के आप कैसे रहेंगी? 1018 01:15:52,010 --> 01:15:54,638 क्यों, मैं तो जब चाहूँ, बाज़ार से बीसों पति ख़रीद कर ला सकती हूँ। 1019 01:15:54,721 --> 01:15:57,975 तो आप उन्हें फिर से बेचने के लिए खरीदेंगी। 1020 01:15:58,058 --> 01:16:02,771 तुम तो बहुत समझदारी से उत्तर दे रहे हो, पर तुम्हारी बुद्धि है तो बच्चे की ही बुद्धि। तुम तो बहुत समझदारी से उत्तर दे रहे हो, पर तुम्हारी बुद्धि है तो बच्चे की ही बुद्धि। 1021 01:16:03,897 --> 01:16:05,774 क्या मेरे पिता विश्वासघाती थे, माँ? 1022 01:16:07,067 --> 01:16:08,485 हाँ, वह विश्वासघाती ही थे। 1023 01:16:08,986 --> 01:16:10,320 विश्वासघाती कौन होता है? 1024 01:16:12,114 --> 01:16:16,118 वह जो शपथ खाकर उसे पूरा नहीं करता। 1025 01:16:16,618 --> 01:16:19,121 क्या ऐसा करने वाले सभी लोग विश्वासघाती होते हैं, माँ? 1026 01:16:19,621 --> 01:16:23,250 ऐसा करने वाले सब लोग विश्वासघाती होते हैं और उन्हें फाँसी पर लटका देना चाहिए। 1027 01:16:23,959 --> 01:16:25,127 उन्हें फाँसी पर कौन लटकाएगा? 1028 01:16:25,878 --> 01:16:27,713 अरे, ईमानदार लोग। 1029 01:16:28,213 --> 01:16:32,176 फिर तो झूठे और शपथ तोड़ने वाले लोग मूर्ख हैं 1030 01:16:32,759 --> 01:16:37,097 क्योंकि उनकी संख्या इतनी अधिक है कि वे जब चाहें ईमानदार लोगों को मारपीट कर फाँसी पर लटका सकते हैं। 1031 01:16:38,765 --> 01:16:40,559 - देवी। - कैसी-कैसी बातें करना सीख गए हो तुम। 1032 01:16:40,642 --> 01:16:41,727 भगवान आपका भला करें, देवी! 1033 01:16:41,810 --> 01:16:46,398 आप मुझे नहीं जानतीं पर मैं आपके सम्मानित स्तर से परिचित हूँ। 1034 01:16:46,481 --> 01:16:49,359 मुझे आशंका है कि जल्द ही आप पर कोई ख़तरा आने वाला है। 1035 01:16:49,443 --> 01:16:52,154 अगर आप एक साधारण महिला का सुझाव मानें, 1036 01:16:52,237 --> 01:16:53,864 तो तुरंत यहाँ से चली जाइए। 1037 01:16:53,947 --> 01:16:55,324 अपने बच्चों को साथ लेकर निकल जाइए। 1038 01:16:55,407 --> 01:16:57,743 मैं भागकर कहाँ जाऊँ? मैंने कुछ ग़लत नहीं किया। 1039 01:17:00,078 --> 01:17:01,163 पर मुझे याद आ गया है। 1040 01:17:03,081 --> 01:17:07,127 मैं इस संसार में हूँ, जहाँ कुछ ग़लत करना ही बहुधा प्रशंसनीय कहा जाता है, 1041 01:17:07,211 --> 01:17:10,172 और भला करना ख़तरनाक मूर्खता मानी जाती है। 1042 01:17:11,048 --> 01:17:13,634 तो फिर क्यों मैं किसी अबला की तरह अपने बचाव के लिए चिल्ला कर कहूँ 1043 01:17:13,717 --> 01:17:15,886 कि मैंने कुछ ग़लत नहीं किया है? 1044 01:17:30,901 --> 01:17:32,027 तुम्हारे पति कहाँ हैं? 1045 01:17:32,110 --> 01:17:36,532 आशा है किसी ऐसी अपवित्र जगह नहीं होंगे जहाँ तुम जैसे दुष्ट उन्हें ढूँढ पाएँ। 1046 01:17:36,615 --> 01:17:38,200 - वह एक देशद्रोही है। - तुम झूठ बोल रहे हो! 1047 01:17:38,283 --> 01:17:40,118 - नहीं! - क्या कहा, देशद्रोही के बच्चे! 1048 01:17:40,202 --> 01:17:43,455 नहीं, नहीं! नहीं! 1049 01:17:43,539 --> 01:17:47,000 नहीं! नहीं! नहीं! 1050 01:17:55,092 --> 01:17:57,594 चलो कोई निर्जन जगह ढूँढ कर 1051 01:17:58,095 --> 01:18:00,472 वहाँ बैठ कर आँसू बहाएँ और अपना दिल हल्का करें। वहाँ बैठ कर आँसू बहाएँ और अपना दिल हल्का करें। 1052 01:18:00,556 --> 01:18:03,141 बेहतर होगा उसके बजाय हम अपनी तलवारें हाथ में पकड़ 1053 01:18:03,225 --> 01:18:06,812 अच्छे वीरों की तरह अपने दुःखी देश का उद्धार करें। 1054 01:18:07,312 --> 01:18:09,314 हर नई सुबह नई विधवाओं का विलाप, 1055 01:18:09,398 --> 01:18:13,026 नए अनाथ बच्चों का रुदन लेकर आती है, नई-नई विपदाएँ देख आकाश भी आहत होता है 1056 01:18:13,110 --> 01:18:15,237 और ऐसा प्रतीत होता है कि स्कॉटलैंड के दुःख से दुःखी हो 1057 01:18:15,320 --> 01:18:17,406 वह भी चीत्कार कर रहा है। 1058 01:18:17,906 --> 01:18:20,450 तुम जो कह रहे हो, हो सकता है वह सही हो। 1059 01:18:20,534 --> 01:18:23,745 वह अन्यायी, जिसका नाम लेने से भी जीभ पर छाले पड़ते हैं, 1060 01:18:23,829 --> 01:18:25,581 किसी समय ईमानदार समझा जाता था। 1061 01:18:26,832 --> 01:18:28,625 देखो, यह कौन आ रहा है? 1062 01:18:29,751 --> 01:18:31,128 मेरा प्यारा भाई। 1063 01:18:31,211 --> 01:18:32,337 तुम्हारा स्वागत है। 1064 01:18:32,421 --> 01:18:33,589 अब मैंने इसे पहचान लिया। 1065 01:18:33,672 --> 01:18:36,800 हे प्रभु, जल्दी ही वे कारण दूर कर दो जो मेरे देशवासियों को मेरे लिए अजनबी बना रहे हैं। 1066 01:18:36,884 --> 01:18:38,635 श्रीमान, आमीन। 1067 01:18:39,469 --> 01:18:40,888 क्या स्कॉटलैंड का वही हाल है जैसा पहले था? 1068 01:18:41,471 --> 01:18:42,973 हाय, हमारी बेचारी मातृभूमि। 1069 01:18:43,932 --> 01:18:45,559 स्वयं को पहचानने से भी डरने लगी है। 1070 01:18:45,642 --> 01:18:48,228 अब उसे हमारी माँ नहीं कहा जा सकता, वह तो हमारी कब्र बन गई है, 1071 01:18:48,312 --> 01:18:54,818 जहाँ कोई मुस्कुराता नहीं दिखता, सिवाय उनके जिन्हें कुछ नहीं पता। 1072 01:18:56,195 --> 01:19:01,825 जहाँ आहें और कराहें और चीत्कार हर पल आकाश का सीना चीरते हैं, पर कोई ध्यान नहीं देता। जहाँ आहें और कराहें और चीत्कार हर पल आकाश का सीना चीरते हैं, पर कोई ध्यान नहीं देता। 1073 01:19:01,909 --> 01:19:05,871 जहाँ ऐसा लगता है भीषण वेदना और हाहाकार एक स्वाभाविक वातावरण बन गया है। 1074 01:19:06,371 --> 01:19:07,956 सबसे नया दुःख का समाचार क्या है? 1075 01:19:08,040 --> 01:19:10,125 वहाँ तो एक घंटा पहले का समाचार भी पुराना समाचार है। 1076 01:19:10,209 --> 01:19:12,127 हर पल नई भयंकर घटनाएँ घटती हैं। 1077 01:19:12,211 --> 01:19:13,837 मेरी पत्नी कैसी है? 1078 01:19:16,423 --> 01:19:17,424 ठीक ही हैं। 1079 01:19:18,550 --> 01:19:19,551 और मेरे सभी बच्चे? 1080 01:19:20,594 --> 01:19:21,595 वे भी ठीक हैं। 1081 01:19:23,555 --> 01:19:25,474 अत्याचारी ने उनकी शांति तो भंग नहीं की? 1082 01:19:27,476 --> 01:19:30,771 नहीं। जब मैं वहाँ से चला, वे शांति से थे। 1083 01:19:32,898 --> 01:19:35,651 शब्दों में कंजूसी मत करो। बताओ क्या हो रहा है? 1084 01:19:35,734 --> 01:19:38,111 जब मैं अपने दिल पर भारी बोझ लिए, 1085 01:19:38,195 --> 01:19:39,446 आपको वहाँ के समाचार बताने आ रहा था, 1086 01:19:39,530 --> 01:19:43,158 कि कई भले लोगों ने उस दुष्ट के विरुद्ध हथियार उठा लिए हैं। 1087 01:19:43,242 --> 01:19:44,535 यह मदद करने के लिए सही समय है। 1088 01:19:44,618 --> 01:19:48,372 स्कॉटलैंड में आपकी उपस्थिति नए सैनिकों को जन्म देगी, अपने कष्ट से मुक्ति पाने के लिए हमारी स्त्रियों को 1089 01:19:48,455 --> 01:19:50,165 युद्ध करने के लिए प्रेरित करेगी। 1090 01:19:50,249 --> 01:19:51,625 तो उन्हें आश्वासन दो। 1091 01:19:52,543 --> 01:19:53,877 हम वहाँ आ रहे हैं। 1092 01:19:54,419 --> 01:19:58,131 इंग्लैंड के दयालु सम्राट ने हमें वीर सीवर्ड और दस हज़ार सैनिक दिए हैं। 1093 01:19:58,215 --> 01:20:01,343 इस पूरे संसार में उससे बढ़कर अनुभवी और सफल सैनिक और कोई नहीं है। इस पूरे संसार में उससे बढ़कर अनुभवी और सफल सैनिक और कोई नहीं है। 1094 01:20:02,594 --> 01:20:05,097 काश मैं भी आपको कोई ऐसा संतोष भरा समाचार दे सकता। 1095 01:20:05,180 --> 01:20:10,853 पर मेरे पास जो शब्द हैं, उन्हें तो वीरान रेगिस्तान में चिल्लाना चाहिए 1096 01:20:10,936 --> 01:20:12,646 जहाँ वे किसी को सुनाई ना दें। 1097 01:20:12,729 --> 01:20:14,273 वे किससे संबंधित हैं? 1098 01:20:14,356 --> 01:20:15,649 जनसाधारण के दुःख का समाचार है? 1099 01:20:16,233 --> 01:20:18,360 या किसी व्यक्ति-विशेष के संताप का कारण है? 1100 01:20:18,443 --> 01:20:21,321 सच्चे हृदय वाला हर मनुष्य दूसरों के दुःख से अछूता नहीं रह सकता। 1101 01:20:21,405 --> 01:20:22,906 हालाँकि यह मुख्य रूप से... 1102 01:20:24,241 --> 01:20:25,617 केवल तुमसे ही संबंधित है। 1103 01:20:27,077 --> 01:20:31,248 अगर यह मेरे लिए है, तो मुझसे मत छिपाओ। शीघ्र कह डालो। 1104 01:20:33,166 --> 01:20:35,669 आशा है यह सुनकर तुम्हारे कान मेरी जीभ से सदा के लिए घृणा न करने लगें 1105 01:20:36,879 --> 01:20:41,884 क्योंकि ऐसे हृदय-विदारक शब्द उन्होंने कभी नहीं सुने होंगे। 1106 01:20:44,636 --> 01:20:45,721 मैं थोड़ा समझ रहा हूँ। 1107 01:20:48,265 --> 01:20:53,020 उसने तुम्हारे महल पर अचानक आक्रमण किया, और तुम्हारी पत्नी और बच्चों को निष्ठुरता से मार डाला। 1108 01:20:53,103 --> 01:20:54,438 किस तरीके से मारा, यह मत पूछना... 1109 01:20:56,648 --> 01:21:00,485 यदि मैंने बताया तो तुम सह नहीं पाओगे और तुम भी उन्हीं के साथ जा मिलोगे। यदि मैंने बताया तो तुम सह नहीं पाओगे और तुम भी उन्हीं के साथ जा मिलोगे। 1110 01:21:01,904 --> 01:21:03,071 हे ईश्वर। 1111 01:21:04,239 --> 01:21:06,325 क्या, बंधु? 1112 01:21:07,242 --> 01:21:08,869 अपनी पीड़ा को शब्द दो। कुछ बोलो। 1113 01:21:09,369 --> 01:21:14,291 जो वेदना व्यक्त नहीं होती और अंदर दबी रह जाती है, वह हृदय का बोझ बन उसके टुकड़े कर डालती है। 1114 01:21:18,462 --> 01:21:20,088 मेरे बच्चों को भी? 1115 01:21:21,715 --> 01:21:25,969 पत्नी, बच्चे, सेवक, जो कोई भी उनको मिला। 1116 01:21:26,053 --> 01:21:29,431 - मेरी पत्नी को भी मार डाला? - मैं बता चुका हूँ। 1117 01:21:30,265 --> 01:21:31,308 धैर्य रखो। 1118 01:21:32,476 --> 01:21:35,020 हम अपने बदले को अपनी औषधि बनाकर 1119 01:21:35,103 --> 01:21:36,313 इस दारुण दुःख को कम करेंगे। 1120 01:21:36,396 --> 01:21:38,106 उसके कोई बच्चे नहीं हैं! 1121 01:21:41,652 --> 01:21:43,904 मेरे सभी प्यारे-प्यारे बच्चों को? 1122 01:21:44,404 --> 01:21:45,697 क्या तुमने कहा सभी? 1123 01:21:48,075 --> 01:21:50,244 ओ अमानुषिक वहशी। सभी? 1124 01:21:51,578 --> 01:21:54,623 क्या, मेरे सभी प्यारे चूज़े और उनकी माँ एक झटके में मुझसे छीन लिए? 1125 01:21:54,706 --> 01:21:57,000 - पुरुष की तरह प्रतिकार करो। - करूँगा! 1126 01:21:57,960 --> 01:22:00,587 पर मुझे इसे मनुष्य की तरह अनुभव भी करना होगा। पर मुझे इसे मनुष्य की तरह अनुभव भी करना होगा। 1127 01:22:02,005 --> 01:22:05,884 मैं अपने उन दिल के टुकड़ों को कैसे याद न करूँ जो मेरे लिए सबसे अमूल्य थे। 1128 01:22:06,760 --> 01:22:09,054 क्या ईश्वर देखता रहा और उसने कोई मदद नहीं की? 1129 01:22:11,265 --> 01:22:12,850 पापी मैकडफ़। 1130 01:22:13,934 --> 01:22:15,435 तुम्हारे कारण उन सबकी हत्या हुई है। 1131 01:22:15,519 --> 01:22:18,230 कितना घृणित हूँ मैं, उनके कर्मों के कारण नहीं, मेरे कर्मों के कारण 1132 01:22:18,313 --> 01:22:20,065 उन्हें यह दंड मिला है। 1133 01:22:20,148 --> 01:22:23,944 - ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। - हृदय को पत्थर बना उस पर तलवार को धार दो। 1134 01:22:24,570 --> 01:22:28,031 अपने शोक को क्रोध में बदल दो। अपने हृदय की भावनाओं को मत दबाओ, क्रोध के रूप में बाहर आने दो। 1135 01:22:28,115 --> 01:22:31,285 मैं स्त्रियों की भांति रोता रह सकता हूँ और अपनी जीभ से बड़ी-बड़ी डींगें हाँक सकता हूँ। 1136 01:22:31,368 --> 01:22:34,204 पर हे दयालु ईश्वर, मुझे अब प्रतीक्षा मत करवा। 1137 01:22:34,288 --> 01:22:39,042 स्कॉटलैंड के इस राक्षस को और मुझे जल्दी से आमने-सामने ले आ। 1138 01:22:39,126 --> 01:22:41,670 उसे मेरी तलवार की पहुँच में ले आ। 1139 01:22:43,213 --> 01:22:44,256 फिर भी अगर वह बच जाए... 1140 01:22:47,551 --> 01:22:48,927 तो ईश्वर भी उसको क्षमा कर दे। 1141 01:23:12,534 --> 01:23:14,119 पिछली बार वह कब चलती हुई दिखी थीं? 1142 01:23:14,703 --> 01:23:16,955 जब से सम्राट युद्ध-क्षेत्र में गए हैं, 1143 01:23:17,039 --> 01:23:21,877 मैंने देखा है, वह बिस्तर से निकलती हैं, अपने कपड़े पहनती हैं, 1144 01:23:21,960 --> 01:23:25,464 अपनी अलमारी खोलकर उसमें से काग़ज़ निकालती हैं, 1145 01:23:25,547 --> 01:23:28,550 उसे मोड़ कर उस पर कुछ लिखती हैं, फिर उसे पढ़ती हैं, 1146 01:23:28,634 --> 01:23:31,762 फिर बाद में उसे बंद कर देती हैं और फिर बिस्तर पर चली जाती हैं। 1147 01:23:31,845 --> 01:23:35,933 पर यह सब करने के दौरान वह गहरी नींद में होती हैं। 1148 01:23:36,016 --> 01:23:37,392 नींद में इस सारी व्याकुलता के दौरान, 1149 01:23:37,476 --> 01:23:40,145 चलने और अन्य कार्यों के अलावा, 1150 01:23:40,229 --> 01:23:42,773 क्या तुमने उन्हें कभी कुछ कहते हुए भी सुना है? 1151 01:23:42,856 --> 01:23:46,360 जी हाँ, लेकिन मैं वह दोहरा नहीं सकती। 1152 01:23:46,860 --> 01:23:49,071 न तो आपके सामने न ही किसी और के सामने, 1153 01:23:49,154 --> 01:23:51,823 क्योंकि मेरे कहे की पुष्टि करने के लिए मेरे पास कोई साक्षी नहीं है। 1154 01:23:52,491 --> 01:23:54,952 यह लो, वह आ गईं। 1155 01:24:01,416 --> 01:24:05,754 यह हमेशा ऐसी ही दिखती हैं। और सौगंध खाती हूँ, यह इस समय गहरी नींद में हैं। 1156 01:24:05,838 --> 01:24:09,633 - ध्यान से देखना। छिप कर खड़े रहो। - पर उनकी आँखें तो खुली हुई हैं। 1157 01:24:09,716 --> 01:24:12,261 हाँ, पर वह उनसे कुछ देख नहीं रही हैं। 1158 01:24:12,344 --> 01:24:13,595 उनके पास यह मोमबत्ती कहाँ से आई? 1159 01:24:13,679 --> 01:24:16,682 उनके पास रोशनी हमेशा ही होती है। यह उनका आदेश है। 1160 01:24:19,309 --> 01:24:20,602 यह अब क्या कर रही हैं? 1161 01:24:21,645 --> 01:24:23,397 देखो, किस तरह अपने हाथों को मल रही हैं। 1162 01:24:23,480 --> 01:24:26,483 मैंने उन्हें पंद्रह-पंद्रह मिनटों तक लगातार ऐसा करते हुए देखा है। 1163 01:24:32,114 --> 01:24:33,240 यहाँ पर अभी भी एक दाग है। 1164 01:24:33,824 --> 01:24:35,325 सुनो। वह कुछ बोल रही हैं। 1165 01:24:35,409 --> 01:24:39,162 निकलो, पापी दाग। मिट जाओ, मैं कहती हूँ। 1166 01:24:39,663 --> 01:24:43,458 एक... दो। 1167 01:24:44,626 --> 01:24:48,213 काम पूरा करने का समय आ गया है। 1168 01:24:49,548 --> 01:24:51,758 नरक भयानक होता है। 1169 01:24:51,842 --> 01:24:55,345 धिक्कार है, मेरे स्वामी, धिक्कार है! सैनिक होकर डर रहे हो? 1170 01:24:55,846 --> 01:24:59,892 हमें डरने की क्या ज़रूरत अगर किसी को पता चल भी जाए? हमारी शक्ति को कौन चुनौती देगा? 1171 01:24:59,975 --> 01:25:04,062 पर कौन सोच सकता था उस वृद्ध की देह में इतना लहू होगा? पर कौन सोच सकता था उस वृद्ध की देह में इतना लहू होगा? 1172 01:25:05,856 --> 01:25:08,734 फ़ाइफ़ के सामंत की एक पत्नी थी। कहाँ है वह अब? 1173 01:25:11,236 --> 01:25:12,279 क्या? 1174 01:25:13,614 --> 01:25:16,575 अब यह सब और नहीं, सम्राट, अब यह और नहीं। 1175 01:25:16,658 --> 01:25:20,412 यह क्या हुआ। तुमने वह सुन लिया है जो तुम्हें नहीं सुनना चाहिए था। 1176 01:25:20,495 --> 01:25:23,957 इन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है जो इन्हें नहीं कहना चाहिए था। मुझे इसका यक़ीन है। 1177 01:25:25,125 --> 01:25:27,503 अभी भी लहू की गंध नहीं गई। 1178 01:25:28,962 --> 01:25:33,300 अरब के तमाम इत्र भी इस हाथ में सुगंध नहीं भर पाएँगे। 1179 01:25:52,569 --> 01:25:54,404 कितनी गहरी आह है। 1180 01:25:55,280 --> 01:25:57,824 इनके हृदय में कितना दर्द भरा है। 1181 01:25:59,493 --> 01:26:01,703 इस बीमारी का उपचार मेरी बुद्धि और सामर्थ्य से परे है। इस बीमारी का उपचार मेरी बुद्धि और सामर्थ्य से परे है। 1182 01:26:02,454 --> 01:26:04,581 फिर भी मैंने ऐसे बहुत लोग देखे हैं जो नींद में चलते थे 1183 01:26:04,665 --> 01:26:06,667 पर जिनकी मौत अपने बिस्तर में ही हुई। 1184 01:26:07,543 --> 01:26:10,754 हे ईश्वर, ईश्वर हम सबको क्षमा करे। 1185 01:26:10,838 --> 01:26:13,257 अपने हाथ धो लो और रात्रि के वस्त्र पहन लो। 1186 01:26:13,340 --> 01:26:15,092 इस तरह पीले मत दिखाई दो। 1187 01:26:16,176 --> 01:26:20,764 मैं तुमसे फिर कह रही हूँ, बैंक्वो को दफ़नाया जा चुका है। वह अपनी कब्र से बाहर नहीं आ सकता। 1188 01:26:21,431 --> 01:26:23,141 बुरी-बुरी अफ़वाहें फैली हुई हैं। 1189 01:26:23,767 --> 01:26:27,229 अस्वाभाविक कर्मों से अप्राकृतिक कष्ट ही उपजते हैं। 1190 01:26:27,729 --> 01:26:32,442 रोगी मन अपने बहरे तकियों से अपनी सारी गुप्त व्यथा कह डालते हैं। 1191 01:26:32,526 --> 01:26:34,903 इसे किसी चिकित्सक की नहीं, ईश्वरीय अनुकंपा की आवश्यकता है। 1192 01:26:36,321 --> 01:26:38,407 - क्या अब यह अपने बिस्तर पर जाएँगी? - सीधे वहीं जाएँगी। 1193 01:26:38,490 --> 01:26:41,869 कोई दरवाज़ा खटखटा रहा है। आओ! आओ! 1194 01:26:43,287 --> 01:26:45,914 आओ, आओ। मुझे अपना हाथ दो। 1195 01:26:47,666 --> 01:26:49,835 जो हो गया, उसे मिटाया नहीं जा सकता। 1196 01:26:52,045 --> 01:26:53,046 सोने चलो। 1197 01:26:54,423 --> 01:26:55,424 सोने चलो। 1198 01:26:56,550 --> 01:26:57,551 सोने चलो। 1199 01:26:59,678 --> 01:27:00,679 सोने चलो। सोने चलो। 1200 01:27:11,023 --> 01:27:12,983 यह हमारे सामने कौन सा वन है? 1201 01:27:13,066 --> 01:27:14,318 बरनम वन। 1202 01:27:15,235 --> 01:27:17,237 अंग्रेज़ी सेना पास आ गई है। उसका नेतृत्व मैलकम, 1203 01:27:17,321 --> 01:27:19,364 उसका भाई सीवर्ड और वीर मैकडफ़ कर रहे हैं। 1204 01:27:19,448 --> 01:27:21,617 उनके हृदय में बदले की आग सुलग रही है। 1205 01:27:21,700 --> 01:27:23,076 अत्याचारी मैकबेथ क्या कर रहा है? 1206 01:27:23,160 --> 01:27:25,579 वह डन्सिनेन के विशाल किले की किलाबंदी कर रहा है। 1207 01:27:26,288 --> 01:27:27,372 कुछ कह रहे हैं वह पागल हो गया है। 1208 01:27:27,456 --> 01:27:31,251 कुछ जो उससे कम घृणा करते हैं, उसे वीरतापूर्ण आवेश कह रहे हैं। 1209 01:27:31,752 --> 01:27:35,756 पर यह निश्चित है कि वह बौखलाया हुआ है और स्वयं को और अपने सैनिकों को काबू में नहीं रख पा रहा। 1210 01:27:35,839 --> 01:27:39,593 अब उसे उन गुप्त हत्याओं का लहू अपने हाथों पर चिपका महसूस हो रहा है। 1211 01:27:39,676 --> 01:27:43,096 उसके आदेशों का पालन करने वाले केवल दबाव में ऐसा करते हैं, इसलिए नहीं कि उससे प्रेम करते हैं। 1212 01:27:43,764 --> 01:27:46,850 अब तो एक बड़ा सम्राट बनने के लिए वह बहुत छोटा मनुष्य दिख रहा है, 1213 01:27:46,934 --> 01:27:49,478 जैसे किसी छोटे से बौने चोर को किसी दैत्य का लबादा पहना दिया गया हो। 1214 01:27:50,062 --> 01:27:54,733 शैतान तेरा सर्वनाश करे, ओ पीले चेहरे वाले मूर्ख! 1215 01:27:55,317 --> 01:27:56,902 यह बत्तख जैसा चेहरा क्यों बनाया है? 1216 01:27:57,694 --> 01:27:59,696 - वहाँ पर दस हज़ार... - बत्तखें हैं, मूर्ख? 1217 01:27:59,780 --> 01:28:01,114 सैनिक हैं, सम्राट। सैनिक हैं, सम्राट। 1218 01:28:01,198 --> 01:28:05,452 जाकर अपने चेहरे पर थोड़ी चिकोटियाँ काट, ताकि चेहरे पर थोड़ी लाली आए, कायर। 1219 01:28:05,536 --> 01:28:07,579 कैसे सैनिक हैं, मूर्ख? 1220 01:28:08,497 --> 01:28:09,540 सर्वनाश हो तेरा। 1221 01:28:09,623 --> 01:28:12,292 यह तेरा सफ़ेद चेहरा दूसरों को भी डराएगा। 1222 01:28:12,376 --> 01:28:14,711 कैसे सैनिक हैं, पीले चेहरे वाले कायर? 1223 01:28:14,795 --> 01:28:16,588 अंग्रेज़ी सेना है, महाराज। 1224 01:28:16,672 --> 01:28:17,714 दूर हो जा हमारी नज़रों से। 1225 01:28:18,674 --> 01:28:19,758 सेटन! 1226 01:28:21,218 --> 01:28:24,930 मेरा दिल बैठ जाता है, जब मैं देखता हूँ... सेटन, मैं कहता हूँ! 1227 01:28:25,013 --> 01:28:28,684 यह संकट या तो मेरा शासन सदा के लिए सुदृढ़ कर देगा या मुझे हमेशा के लिए सिंहासन से गिरा देगा। 1228 01:28:29,268 --> 01:28:30,811 मैं अब बहुत जी चुका। 1229 01:28:30,894 --> 01:28:34,690 पतझड़ में गिरते पीले पत्ते की तरह अब मेरा जीवन भी सूख चला है। 1230 01:28:34,773 --> 01:28:36,775 बुढ़ापे में जो आपके पास होना चाहिए, 1231 01:28:36,859 --> 01:28:39,945 जैसे सम्मान, प्रेम, प्रतिष्ठा, मित्रों के दल, 1232 01:28:40,028 --> 01:28:41,697 उनकी मुझे आशा भी नहीं करनी चाहिए। 1233 01:28:42,197 --> 01:28:44,741 सेटन, और क्या समाचार है? 1234 01:28:44,825 --> 01:28:46,869 जो समाचार पहले आए हैं, उनकी पुष्टि हो गई है, महाराज। 1235 01:28:46,952 --> 01:28:50,414 मैं तब तक लड़ूँगा जब तक मेरी हड्डियों से मेरा माँस काट कर न गिरा दिया जाए। 1236 01:28:50,497 --> 01:28:52,207 - मुझे मेरा कवच दो। - उसकी अभी आवश्यकता नहीं है। 1237 01:28:52,291 --> 01:28:54,042 मैं उसे पहनूँगा। और घुड़सवार भेजो। 1238 01:28:54,126 --> 01:28:57,004 चारों ओर चक्कर लगाया जाए। जो डर की बातें करते मिलें, उन्हें फाँसी पर लटका दो। 1239 01:28:58,380 --> 01:28:59,464 मुझे मेरा कवच दो! 1240 01:29:01,633 --> 01:29:03,010 तुम्हारे रोगी का क्या हाल है, डॉक्टर? 1241 01:29:03,093 --> 01:29:04,636 वह बीमार नहीं हैं, सम्राट, 1242 01:29:04,720 --> 01:29:08,599 उन्हें बस काल्पनिक परछाईयाँ सताती हैं जिनके कारण वह सो नहीं पातीं। 1243 01:29:10,392 --> 01:29:11,602 उसे उससे छुटकारा दिलाओ। 1244 01:29:11,685 --> 01:29:15,063 क्या तुम एक रोगी मन का उपचार नहीं कर सकते, 1245 01:29:15,147 --> 01:29:17,733 स्मृति में जमे बैठे किसी दुःख को निकाल नहीं सकते, 1246 01:29:17,816 --> 01:29:19,735 दिमाग़ में छपे कष्टों को मिटा नहीं सकते, 1247 01:29:19,818 --> 01:29:23,197 और कोई मीठी दवा देकर उसे बेहोश करके उसके अंतर से उस दुःख को साफ़ नहीं कर सकते 1248 01:29:23,280 --> 01:29:25,490 जिससे उसका हृदय बोझिल है? 1249 01:29:26,283 --> 01:29:29,036 इस तरह का उपचार तो रोगी को स्वयं ही करना पड़ता है। 1250 01:29:30,913 --> 01:29:34,666 तो सभी औषधियों को कुत्तों के आगे फेंक दो! मुझे ये सब नहीं चाहिए! 1251 01:29:34,750 --> 01:29:37,586 सेटन! भेजो सैनिक को! 1252 01:29:38,462 --> 01:29:41,173 जब तक बरनम वन चलकर डन्सिनेन के पास नहीं आएगा, 1253 01:29:41,256 --> 01:29:44,134 तब तक मुझे मौत और विनाश का कोई भय नहीं। 1254 01:29:46,094 --> 01:29:50,682 हर सैनिक एक टहनी काट ले और उसे अपने आगे पकड़ कर चले। 1255 01:29:50,766 --> 01:29:52,601 ऐसा ही होगा। 1256 01:29:52,684 --> 01:29:56,605 हमें बस इतना ही पता चला है कि अत्याचारी अभी भी डन्सिनेन में ही है 1257 01:29:56,688 --> 01:29:58,607 और हमारी घेराबंदी वह सहन करेगा। 1258 01:29:58,690 --> 01:30:00,025 उसके पास केवल यही आशा है। उसके पास केवल यही आशा है। 1259 01:30:00,108 --> 01:30:03,820 उसके साथ केवल वही लोग हैं जो विवश हैं, 1260 01:30:03,904 --> 01:30:05,531 कोई भी दिल से उसके साथ नहीं है। 1261 01:30:05,614 --> 01:30:08,575 बाहर की दीवारों पर हमारे ध्वज फहरा दो! 1262 01:30:08,659 --> 01:30:10,911 अभी भी हर कोई चिल्ला रहा है, "वे आ रहे हैं!" 1263 01:30:10,994 --> 01:30:14,289 हमारा यह मज़बूत किला उनकी घेराबंदी का उपहास करते हुए हँसेगा। 1264 01:30:14,373 --> 01:30:18,627 उन्हें वहीं घेरा डाले पड़े रहने दो जब तक भूख और रोग उन्हें समाप्त नहीं कर देते! 1265 01:30:52,744 --> 01:30:54,496 हमारी पहली टुकड़ी का संचालन आप करो। 1266 01:30:54,997 --> 01:30:58,584 बाकी बचा हुआ शेष कार्य वीर मैकडफ़ और हम करेंगे। 1267 01:30:58,667 --> 01:31:01,587 आज उस अत्याचारी की सेना से सामना हो जाए, आज उस अत्याचारी की सेना से सामना हो जाए, 1268 01:31:01,670 --> 01:31:04,173 यदि हम उसे हरा नहीं पाए तो जीवित वापस ना आएँ। 1269 01:31:04,673 --> 01:31:07,050 तो चलो उसकी ओर अपनी सेना बढ़ाएँ! 1270 01:31:35,078 --> 01:31:37,122 इस ओर! इस ओर! 1271 01:31:37,664 --> 01:31:39,708 यदि हमारे सैनिक जाकर उनके साथ न मिल जाते, 1272 01:31:39,791 --> 01:31:42,753 हम उनसे आमने-सामने डटकर मुकाबला करते, 1273 01:31:42,836 --> 01:31:44,713 और उन्हें उनके घर की ओर वापस खदेड़ देते। 1274 01:31:45,214 --> 01:31:46,715 हम अब निकट पहुँच गए हैं। 1275 01:31:47,758 --> 01:31:52,346 अब अपनी यह टहनियाँ गिरा दो। और उन्हें अपनी असली ताक़त दिखाओ! 1276 01:31:52,429 --> 01:31:54,473 हमारी सारी तुरहियाँ बजने दो। 1277 01:31:54,556 --> 01:31:56,225 उन्हें ज़ोर-ज़ोर से बजाओ, 1278 01:31:56,308 --> 01:31:59,436 और लहू और मौत के दूतों के आगमन की घोषणा करने दो! 1279 01:32:02,731 --> 01:32:03,732 यह क्या आवाज़ है? 1280 01:32:06,818 --> 01:32:08,612 यह स्त्रियों के रोने की आवाज़ है, सम्राट। 1281 01:32:11,323 --> 01:32:13,450 मैं तो लगभग भूल ही गया हूँ कि भय कैसा होता है। 1282 01:32:13,951 --> 01:32:14,952 एक समय ऐसा भी था, 1283 01:32:15,035 --> 01:32:18,038 जब रात्रि के समय कोई चीख सुन कर भी मेरा शरीर डर के मारे ठंडा पड़ जाता था। 1284 01:32:18,121 --> 01:32:20,958 और कोई भी डरावनी कहानी सुन कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे 1285 01:32:21,041 --> 01:32:23,627 जैसे कि उनमें भी ज़िंदगी आ गई हो। 1286 01:32:24,211 --> 01:32:25,587 तो यह आवाज़ किसलिए थी? 1287 01:32:27,506 --> 01:32:30,259 सम्राट, महारानी का देहाँत हो गया है। 1288 01:32:39,309 --> 01:32:41,562 उसे बाद में किसी समय जाना चाहिए था। 1289 01:32:46,149 --> 01:32:48,151 तब ऐसे शब्दों के लिए मेरे पास समय होता। 1290 01:32:49,653 --> 01:32:54,783 कल, और कल, और कल करते हुए, 1291 01:32:56,326 --> 01:32:59,746 घिसट-घिसट कर जीवन के निरर्थक दिन एक-एक करके बीत रहे हैं, 1292 01:32:59,830 --> 01:33:03,417 समय के अंतिम पल की ओर बढ़ते हुए। समय के अंतिम पल की ओर बढ़ते हुए। 1293 01:33:05,711 --> 01:33:09,548 और हमारे सारे गुज़रे पलों ने मूर्खों को उनकी मौत का रास्ता दिखाया है। 1294 01:33:12,509 --> 01:33:16,305 बुझ जा जीवन की टिमटिमाती लौ। 1295 01:33:17,890 --> 01:33:19,766 जीवन एक चलती-फिरती छाया ही तो है... 1296 01:33:20,809 --> 01:33:23,896 एक ऐसे अभिनेता की तरह जो कुछ घड़ियों के लिए रंगमंच पर आकर इठलाता है, हँसता-रोता है 1297 01:33:23,979 --> 01:33:25,189 और फिर वहाँ से चला जाता है। 1298 01:33:25,272 --> 01:33:28,817 यह जीवन मूर्खों की कही हुई एक कहानी है... 1299 01:33:31,111 --> 01:33:34,239 जो शोर और रोष से भरी है, पर जिसका कोई अर्थ नहीं है। 1300 01:33:37,659 --> 01:33:40,495 मेरे दयालु सम्राट, मैं आपको बताना चाहता हूँ मैंने क्या देखा, 1301 01:33:40,579 --> 01:33:42,122 पर समझ नहीं आता कैसे कहूँ। 1302 01:33:42,998 --> 01:33:44,875 कहो जो कहना है। 1303 01:33:44,958 --> 01:33:47,836 मैंने बरनम की ओर देखा और अचानक मुझे लगा, 1304 01:33:48,795 --> 01:33:50,964 वन ने चलना आरंभ कर दिया है। 1305 01:33:53,675 --> 01:33:56,094 यदि मेरी बात सत्य ना हो तो मैं आपका क्रोध सहने के लिए तैयार हूँ। 1306 01:33:57,387 --> 01:34:01,058 यहाँ से तीन मील दूर तक आप देख सकते हैं, एक चलता-फिरता वन। यहाँ से तीन मील दूर तक आप देख सकते हैं, एक चलता-फिरता वन। 1307 01:34:02,726 --> 01:34:04,686 अगर तुम्हारी बात झूठ निकली, 1308 01:34:05,229 --> 01:34:09,566 तो अगले दिखने वाले पेड़ पर तुम्हें लटका देंगे और भूख-प्यास से मरने तक तुम उसी पेड़ पर लटके रहोगे। 1309 01:34:11,944 --> 01:34:15,447 "जब तक बरनम वन बढ़कर डन्सिनेन पर्वत तक नहीं आता, तुम्हें डरने की ज़रूरत नहीं है।" 1310 01:34:16,782 --> 01:34:18,700 और अब वह वन डन्सिनेन की ओर चला आ रहा है। 1311 01:34:21,912 --> 01:34:25,290 अपने अस्त्र-शस्त्र उठाओ और चलो! 1312 01:34:27,793 --> 01:34:30,128 जो यह कह रहा है, यदि वह वास्तव में हो रहा है, 1313 01:34:30,712 --> 01:34:34,633 तो यहाँ से भाग जाने या यहीं रुके रहने में, किसी से कोई लाभ नहीं होगा! 1314 01:34:34,716 --> 01:34:37,094 ख़तरे के घंटे बजाओ! 1315 01:34:37,177 --> 01:34:39,930 आओ तूफ़ानी हवाओं! आकर तबाही मचाओ! 1316 01:34:41,098 --> 01:34:43,934 कम से कम हम वीरों की तरह कवच पहने तो मरेंगे। 1317 01:35:26,810 --> 01:35:27,811 क्या नाम है तुम्हारा? 1318 01:35:29,521 --> 01:35:31,315 हमारा नाम सुनोगे तो डरकर काँप जाओगे। 1319 01:35:31,398 --> 01:35:32,399 नहीं। 1320 01:35:33,066 --> 01:35:36,278 मैं नहीं डरूँगा चाहे तुम स्वयं को नरक के किसी भी भयानक से भयानक दैत्य का नाम दो। 1321 01:35:38,363 --> 01:35:39,948 मेरा नाम मैकबेथ है। 1322 01:35:42,284 --> 01:35:46,580 शैतान भी मेरे कानों के लिए इससे अधिक घृणास्पद नाम नहीं बता सकता था। 1323 01:35:47,080 --> 01:35:48,832 नहीं, इससे अधिक डराने वाला नाम कहो। 1324 01:35:48,916 --> 01:35:51,335 तुम झूठ बोल रहे हो, घृणित अत्याचारी। 1325 01:35:52,044 --> 01:35:55,547 अभी अपनी तलवार से मैं तुम्हें झूठा सिद्ध करता हूँ! 1326 01:35:58,050 --> 01:35:59,635 तुमने एक नारी की कोख से जन्म लिया है। 1327 01:37:37,441 --> 01:37:39,776 वापस मुड़, नरक के कुत्ते, वापस मुड़! 1328 01:37:47,618 --> 01:37:51,163 तुम्हें मैं मारना नहीं चाहता। चले जाओ यहाँ से। 1329 01:37:51,663 --> 01:37:54,583 मेरी आत्मा पर पहले ही तुम्हारे परिवार के लहू का बहुत बोझ है। 1330 01:37:54,666 --> 01:37:56,043 इसका उत्तर मैं शब्दों से नहीं दूँगा। 1331 01:37:57,377 --> 01:37:59,004 मेरी तलवार मेरी आवाज़ बनेगी। 1332 01:37:59,087 --> 01:38:02,007 जाकर अपनी तलवार से ऐसे सिरों पर वार कर जहाँ इसका कोई असर हो। जाकर अपनी तलवार से ऐसे सिरों पर वार कर जहाँ इसका कोई असर हो। 1333 01:38:02,090 --> 01:38:03,383 मुझे तो वरदान मिला हुआ है, 1334 01:38:03,467 --> 01:38:05,761 कि नारी के गर्भ से जन्मा कोई व्यक्ति मुझे नहीं मार सकता। 1335 01:38:05,844 --> 01:38:07,429 अपने वरदान पर भरोसा मत कर। 1336 01:38:08,555 --> 01:38:11,350 और जिस पिशाच की तू अब भी सेवा करता है, उसे कह आकर तुझे बताए, 1337 01:38:11,433 --> 01:38:14,478 मैकडफ़ को समय से पहले ही उसकी माँ के गर्भ से काटकर निकाला गया था। 1338 01:38:16,897 --> 01:38:19,274 ऐसा बोलने वाली तेरी जीभ का सत्यानाश हो। 1339 01:38:22,110 --> 01:38:25,030 - मैं तुझसे युद्ध नहीं करूँगा। - तो फिर आत्मसमर्पण कर, कायर! 1340 01:38:25,614 --> 01:38:29,326 कभी नहीं। मैं आत्मसमर्पण करके कभी उस युवा मैलकम के पैरों की धूल नहीं चाटूँगा, 1341 01:38:29,409 --> 01:38:31,620 और ना ही ये कायर लोग कभी मुझे बुरा-भला कह पाएँगे। 1342 01:38:32,496 --> 01:38:35,707 चाहे बरनम वन चलकर डन्सिनेन तक आ गया है और मेरे विरुद्ध तू युद्ध कर रहा है, 1343 01:38:35,791 --> 01:38:38,794 जो नारी की कोख से जन्मा नहीं है, फिर भी मैं अंतिम श्वास तक लड़ूँगा। 1344 01:38:40,629 --> 01:38:41,880 आ, वार कर, मैकडफ़। 1345 01:38:43,924 --> 01:38:47,135 और धिक्कार है उस पर जो पहले कहे, "बस, अब और नहीं!" 1346 01:40:20,729 --> 01:40:24,274 सब लोग, स्कॉटलैंड के सम्राट की जय बोलो। 1347 01:40:25,150 --> 01:40:29,321 स्कॉटलैंड के सम्राट की जय! 1348 01:40:29,404 --> 01:40:33,909 स्कॉटलैंड के सम्राट की जय! स्कॉटलैंड के सम्राट की जय! 1349 01:41:57,951 --> 01:42:00,913 विलियम शेक्सपियर के नाटक पर आधारित विलियम शेक्सपियर के नाटक पर आधारित 1350 01:44:55,671 --> 01:44:57,673 उपशीर्षक अनुवादक: मृणाल अग्रवाल